Paralympics
- लगातार चार बार पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाले इकलौते खिलाड़ी बनेंगे
- बैंयापुर के रहने वाले हैं अंतरराष्ट्रीय क्लब थ्रोअर
- सोनीपत के कुल चार खिलाड़ी लेंगे हिस्सा
Paralympics : पैरालंपिक जल्द ही शुरू होने वाले हैं। इन खेलों में इस बार एक रिकॉर्ड बनने जा रहा है। रिकॉर्ड बनाने वाले सोनीपत के अमित सरोहा हैं, जोकि इस बार पैरालंपिक में हिस्सा लेते ही लगातार चार बार पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले पहले पैरा एथलीट बन जाएंगें। गांव बैंयापुर निवासी अंतरराष्ट्रीय क्लब थ्रोअर व अर्जुन अवॉर्डी अमित सरोहा का अब तक का सफर बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। अंतरराष्ट्रीय में 26 व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 22 पदक हासिल करने वाले अमित सरोहा सड़क दुर्घटना में दिव्यांग हो गए थे। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत व जुनून से नई बुलंदियां हासिल की। अमित सरोहा ने अपनी प्रतिभा को खुद तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद नए खिलाड़ी तैयार किए। युवाओं की उभरती पीढ़ी के प्रेरणा बने अमित सरोहा काफी खिलाड़ियों को तराश चुके हैं। अमित सरोहा ने खुद के दो एशियन रिकॉर्ड डिस्कश थ्रो और क्लब थ्रो बनाए हैं। अमित सरोहा पेरिस में होने जा रहे पैरालंपिक खेलों में भारतीय टीम के सबसे अनुभवी व सबसे सीनियर खिलाड़ी होंगे।
5 मेडल जीतने का रिकॉर्ड भी अमित के नाम
इसके अलावा एशियन पैरा गेम्स में सर्वाधिक 5 मेडल जीतने का रिकॉर्ड भी अमित सरोहा के ही नाम है। अमित सरोहा बताते हैं कि टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाडिय़ों ने 19 मेडल जीते थे। उन्होंने कहा कि इस बार हमारी कोशिश रहेगी कि पिछली बार टोक्यो पैरालंपिक खेलों से बेहतर प्रदर्शन करें। दूसरी ओर पैरालंपिक खेलों में सोनीपत के ही तीन और खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें पिछली बार पैरालंपिक में ज्वैलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने वाले सुमित आंतिल, चक्का फैंक में धर्मबीर नैन व पैरालिफ्टिंग में अशोक भी शामिल हैं। सोनीपत के गांव खेवड़ा निवासी विश्व रिकॉर्डधारी जेवलीन थ्रोअर सुमित आंतिल पेरिस पैरालंपिक खेलों में 84 सदस्यीय भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे। भारतीय दल में अकेले हरियाणा से 23 खिलाड़ी शामिल हैं।
सड़क दुर्घटना ने हॉकी से कर दिया था दूर
अमित सरोहा ने वर्ष 1998 में हॉकी खेलना शुरू किया था। वर्ष 2007 में हुई कार दुर्घटना ने उन्हें न सिर्फ हॉकी से दूर कर दिया, बल्कि उनके सारे सपने भी तोड़ दिए थे। अमित ने बताया कि दिव्यांग होने के बाद जिंदगी से निराश हो गए थे, मन में आत्महत्या जैसे विचार भी आने लगे थे। छाती से नीचे का हिस्सा निष्क्रिय हो गया। पारिवारिक सहयोग व आत्मविश्वास से खुद को मजबूत बनाया। वर्ष 2009 में पैरालंपिक खेलों के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद तैयारी शुरू कर दी। अमित सरोहा ने बताया कि उनकी जिद थी कि दिव्यांगता को पराजित कर अपने लिए नया मुकाम बनाना है। व्हील चेयर से उतरने में असमर्थ थे। उन्होंने घर मे रखे सिलबट्टे को शॉटपुट के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया। सिलबट्टे को कंधे के ऊपर से फैंकने के प्रयास में कई बार चोट खाई, लेकिन हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करते रहे। बड़े भाई सुमित ने खेल के प्रति जुनून देख खेल का सामान लाकर दिया। उसके बाद अमित ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
हर बार रिकॉर्ड बनाते हैं सुमित
सुमित आंतिल एफ 64 श्रेणी में अपने विश्व रिकॉर्ड में सुधार के साथ-साथ बचाव के लिए मैदान में उतरेंगे। सुमित ने टोक्यो पैरालंपिक में तीन बार विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए 68.55 मीटर के प्रयास के साथ गोल्ड मेडल जीता था। विश्व पैरा चैंपियनशिप-2023 में सुमित ने 70.83 मीटर के नये विश्व रिकॉर्ड के साथ खिताबं जीता था। सुमित यहां पर भी नहीं रूके और हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में अपने और विश्व रिकॉर्ड में सुधार करते हुए 73.29 मीटर के गोल्ड मेडल जीता। सुमित का कहना है कि 75 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीतने का लक्ष्य लेकर पेरिस जा रहे हैं।
प्रदेश के ये 23 खिलाड़ी जाएंगे
हरियाणा से आर्चरी में हरविंद्र सिंह, पूजा व सरिता, एथलेटिक्स में अमित सरोहा, सुमित आंतिल, धर्मबीर नैन, रिंकू, नवदीप, योगेश कथूनिया, मनु, प्रवीन कुमार, रामफल, रोहित, प्रणव सूरमा, अरविंद, कर्मज्योति, कंचन लखानी, बैडमिंटन में नितेश कुमार व तरूण, जूडो में कोकिला, पावर लिफ्टिंग में अशोक, शूटिंग में मनीष नरवाल तथा ताईक्वांडो में अरूण पेरिस पैरालंपिक में हिस्सा लेंगे।
https://vartahr.com/paralympics-amit…d-in-paralympics/
–