Andolan
- सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाई फटकार
- जालंधर के गौरव लूथरा ने लगाई थी याचिका
- हरियाणा व पंजाब में नेशनल-स्टेट हाईवे खोलने की मांग
- जाम से लोगों को हो रही भारी परेशानी
- मंगलवार को किसान दिल्ली कूच नहीं करेंगे
Andolan : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा में उन राजमार्गों से अवरोधकों को हटाने के लिए केंद्र एवं अन्य प्राधिकारों को निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी, जहां किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा कि मामला पहले ही अदालत में विचाराधीन है और वह एक ही मुद्दे पर बार-बार याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकती। पीठ ने पंजाब में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता गौरव लूथरा से कहा, ‘हम पहले ही व्यापक मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। केवल आपको ही समाज की फिक्र नहीं है। बार-बार याचिकाएं दायर मत कीजिए। कुछ लोग प्रचार के लिए याचिका दाखिल करते हैं और कुछ लोगों की सहानुभूति पाने के लिए ऐसा करते हैं।’ कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आप भी लोगों को दिखाने के लिए मुकदमा करने आ गए। अदालत ने याचिका को लंबित मामले के साथ जोड़ने के लूथरा के अनुरोध को भी खारिज कर दिया।
याचिका में यह मांग
याचिका जालंधर के रहने वाले गौरव लूथरा ने लगाई थी। उन्होंने मांग की थी कि केंद्र सरकार के साथ हरियाणा और पंजाब की राज्य सरकारों को आदेश दिया जाए कि शंभू बॉर्डर समेत उन सभी स्टेट-नेशनल हाईवेज को ट्रैफिक के लिए खोला जाए, जो किसानों की वजह से बंद किए गए हैं। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका चल रही है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाकर किसानों और सरकार से बातचीत कर मध्यस्थता करने को कहा था। हालांकि अभी तक कोई हल नहीं निकला।
किसानों ने मंगलवार को दिल्ली कूच टाला
किसानों की आगे की रणनीति पर किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा- कल 10 दिसंबर को कोई जत्था दिल्ली रवाना नहीं होगा। भारत सरकार अपने आप में कन्फ्यूज चल रही है। यह देश के हित में नहीं है। पंधेर ने कहा राजपुरा में हरियाणा पुलिस प्रशासन से मीटिंग हुई थी। उन्होंने हमसे एक दिन का समय मांगा था। इसलिए हम उनको समय देंगे। खनौरी भी नहीं जा पाए थे। ऐसे में हम खनौरी भी जाएंगे। वहां जाकर मीटिंग करेंगे। मंगलवार को हमारा जत्था दिल्ली कूच नहीं करेगा। हम जल्द आगे की रणनीति का ऐलान करेंगे।
13 फरवरी से चल रहा प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हैं। 13 फरवरी को सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ने से रोक लिया था। याचिका में आरोप है कि किसानों और उनके संगठनों ने बेमियादी अवधि के लिए पंजाब में समस्त राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है। याचिकाकर्ता ने यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि आंदोलनकारी किसान राष्ट्रीय राजमार्गों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध नहीं करें।
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