Marine
- छात्र समुद्र की गहराई से अपने करियर को दे सकते हैं नई ऊंचाई
- समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को समझना बेहद आसान
- सिर्फ थोड़े से प्रयास और पानी की गहराई से लगाव होना जरूरी
- यह सामान्य करियर विकल्पों से काफी अलग और रोमांच से भरा
- इस क्षेत्र में 25,000 से 5,00,000 तक कर सकते हैं मासिक कमाई
डॉ. मोहित बंसल, करियर कोच
Marine : अगर आप भी समुद्र से कुछ लगाव रखते हैं और रिसर्च में दिलचस्पी है तो मरीन बायोलॉजिस्ट बनकर अपने करियर को समुद्र की गहराई से नई ऊंचाई दे सकते हैं। समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को समझने की रुचि आपको उत्साह और रोमांच से भरपूर करियर विकल्प देती है। इसमें रोमांच के साथ पैसा भी अच्छा मिलता है। बस आपकी समुद्री रिसर्च में रूचि होना जरूरी है। इसके बाद आपको पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं है। यह करियर विकल्प सामान्य करियर विकल्पों से काफी अलग है। रुचि के हिसाब से सबसे उचित करियर विकल्प है मरीन बायोलॉजिस्ट (समुद्री जीवविज्ञानी)। इस रिपोर्ट के जरिये हम आपको बताएंगे कि मरीन बायोलॉजी क्या है और कौन होता है मरीन बायोलॉजिस्ट।
महासागर में जीवों का अध्ययन
मरीन बायोलॉजी विज्ञान की वह शाखा है जो समुद्र और महासागरों में पाए जाने वाले जीवों, उनके व्यवहार, जीवनचक्र और पर्यावरण के साथ उनके संबंधों का अध्ययन करती है। मरीन बायोलॉजिस्ट समुद्री पौधों, जानवरों, और सूक्ष्मजीवों का अध्ययन करते हैं, साथ ही यह भी समझने की कोशिश करते हैं कि ये जीव समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में कैसे योगदान करते हैं और उनका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है। मरीन बायोलॉजी में महासागरों की जैव विविधता, समुद्री पारिस्थितिकी, जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, समुद्री संरक्षण, और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन पर भी अध्ययन शामिल होता है।
यह शिक्षा जरूरी
1. स्नातक डिग्री : सबसे पहले, आपको जीवविज्ञान (बॉयोलॉजी), समुद्री जीवविज्ञान (मरीन बायोलॉजी), पर्यावरण विज्ञान या संबंधित विज्ञान विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त करनी होती है। इस डिग्री में आपको समुद्री पारिस्थितिकी, समुद्री जीवों, और उनके व्यवहार के बारे में मूलभूत ज्ञान प्राप्त होता है।
2. स्नातकोत्तर डिग्री : अधिक विशिष्टता और उन्नत ज्ञान के लिए, मास्टर डिग्री प्राप्त करना आवश्यक हो सकता है। यह आपको अनुसंधान के लिए आवश्यक कौशल और विशेषज्ञता प्रदान करता है। इसके लिए आप एमएससी मरीन बायोलॉजी या संबंधित क्षेत्र में एमएससी जैसे ओसेनोग्राफी, एनवायर्नमेंटल साइंस, एक्वेटिक बायोलॉजी, जूलॉजी, फिशरीज साइंस, मरीन कन्सेर्वटिव, या फिर मरीन इकोलॉजी की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
3. पीएच.डी. : यदि आप समुद्री जीव विज्ञान में शोध करना चाहते हैं या शैक्षणिक क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो पीएचडी की डिग्री की आवश्यकता हो सकती है।
यह प्रशिक्षण चाहिए
1. प्रशिक्षण और अनुभव : शिक्षा के साथ-साथ, आप इंटर्नशिप के माध्यम से किसी अच्छे समुद्री अनुसंधान केंद्र में समुद्री जीवों का अध्ययन करें, वैज्ञानिक डेटा को संग्रहित करें और उसका विश्लेषण करें, एवं प्रयोगशाला तकनीकें सीखे, और इस क्षेत्र में अनुभव भी प्राप्त करें।
2 सर्टिफिकेशन और लाइसेंस: मरीन बायोलॉजिस्ट बनने के लिए सामान्यतः विशेष सर्टिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन कुछ विशिष्ट प्रमाणपत्र और प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे स्कूबा डाइविंग सर्टिफिकेशन, मरीन कन्सेर्वटिव सर्टिफिकेशन एवं एनवायर्नमेंटल इम्पैक्ट असेसमेंट सर्टिफिकेशन आपके ज्ञान और कौशल को बढ़ाने, आपके करियर को बढ़ावा देने और विशेषज्ञता प्राप्त करने में सहायक एवं आपके करियर में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, कई लोग समुद्री जीवविज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए सीधे शैक्षणिक डिग्रियों और अनुभव पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
यहां से प्राप्त करें शिक्षा
- राष्ट्रीय समुद्री संस्थान, गोवा
- आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखपट्टणम, आंध्र प्रदेश
- मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई, महाराष्ट्र
- केरल विश्वविद्यालय, तिरुवनंतपुरम, केरल
- गुजरात विश्वविद्यालय,अहमदाबाद, गुजरात
- पुदुचेरी विश्वविद्यालय, पुदुचेरी
- भारतीय समुद्री संस्थान, देहरादून, उत्तराखंड
- (नोट : इन संस्थानों में समुद्री जीवविज्ञान में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जाती है। शोध के अवसर भी उपलब्ध होते हैं। इन संस्थानों के कोर्स की पात्रता, अवधि, और विशेषताएं अलग-अलग हो सकती हैं। इन संस्थानों के ऑफिसियल वेबसाइटों पर या सीधे संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।)
ये कौशल भी जरूरी
-वैज्ञानिक अनुसंधान कौशल : समुद्री जीवन के डेटा को प्रभावी ढंग से एकत्रित करना और प्रयोगशाला में समुद्री जीवों के नमूनों का विश्लेषण करना।
-फील्ड वर्क कौशल : पानी के नीचे अनुसंधान के लिए स्कूबा डाइविंग एवं समुद्री क्षेत्र में सटीक स्थान पर पहुंचने और नमूने एकत्र करने के लिए नैविगेशन और सैंपलिंग का कौशल।
-तकनीकी कौशल: डेटा विश्लेषण सॉफ़्टवेयर जैसे आर, मैटलैब या पायथन का उपयोग करने में दक्षता। समुद्री डेटा का स्थानिक विश्लेषण करने के लिए जीआईएस और रिमोट सेंसिंग तकनीकें।
–संविधानिक और पर्यावरणीय ज्ञान : समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और उनके संरक्षण के सिद्धांतों की समझ। समुद्री परियोजनाओं के पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन करने की क्षमता।
-संचार कौशल : अनुसंधान परिणामों को स्पष्ट और संक्षेप में लिखना एवं दर्शको के सामने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता।
-लचीलापन : विभिन्न परिस्थितियों और चुनौतियों के अनुसार अनुकूलित होने की क्षमता।
-टीम वर्क और नेतृत्व कौशल : अनुसंधान टीम और अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने की क्षमता। अनुसंधान परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और समयसीमा में काम पूरा करने की क्षमता।
निजी क्षेत्र में करियर
निजी क्षेत्र में एक मरीन बायोलॉजिस्ट के लिए करियर विकल्प कई प्रकार के हो सकते हैं। मरीन बायोलॉजिस्ट समुद्री अनुसंधान और विकास, पर्यावरणीय कंसल्टेंसी, पर्यावरणीय और समुद्री संरक्षण, समुद्री पर्यटन, समुद्री उत्पाद और सेवाएं, समुद्री डेटा और सूचना विश्लेषण, समुद्री चिकित्सा और बायोटेक्नोलॉजी, सामुद्रिक नेटवर्किंग और संचार कंपनियो में नौकरी के लिए आवेदन दे सकता है।
सरकारी क्षेत्र में करियर
सरकारी क्षेत्र में करियर विकल्प कई प्रकार के हो सकते हैं। जैसे एक मरीन बायोलॉजिस्ट राष्ट्रीय समुद्री संस्थान, भारतीय समुद्री अनुसंधान संस्थान, भारतीय वन सेवा, पर्यावरण मंत्रालय, जैव विविधता और संरक्षण विभाग, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, डायरेक्टरेट ऑफ फिशरीज, एवं भारतीय समुद्री विज्ञान संस्थान में रिसर्च वैज्ञानिक एवं प्रशासनिक पद के लिए आवेदन दे सकता है।
वेतन एवं आय
- निजी क्षेत्र में एक मरीन बायोलॉजिस्ट का वेतन और आय कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि अनुभव, कार्यस्थल का स्थान, संस्थान का प्रकार, और उनकी विशेषज्ञता।
- शुरुआती स्तर पर मासिक वेतन लगभग 25,000 से 50,000 रुपये तक हो सकता है। -कुछ वर्षों के अनुभव के बाद, मासिक वेतन 50,000 से 1,00,000 तक हो सकता है। -10 से अधिक वर्षों का अनुभव है तो वेतन 2,00,000 से 5,00,000 या अधिक।
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