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Kaithal : कैथल के जस्टिस कैत बने एमपी के चीफ जस्टिस

जस्टिस सुरेश कुमार कैत।जस्टिस सुरेश कुमार कैत।

Kaithal

  • गांव काकौत के रहने वाले हैं जस्टिस सुरेश कुमार कैत
  • राज्यपाल मंगू एलभाई पटेल ने राज भवन में दिलाई शपथ
  • एमपी हाईकोर्ट के 28वें चीफ जस्टिस के रूप में ली शपथ
  • जामिया हिंसा, सीएए जैसे मामलों के लिए जाने जाते हैं
  • गांव की मिट्टी से उठकर मुख्य न्यायाधीश तक पहुंचे

Kaithal : कैथल। जिला कैथल के गांव काकौत के रहने वाले जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने मध्यप्रदेश के 28वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ले ली है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उनको शपथ दिलाई। जस्टिस कैत इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में सीनियर जस्टिस के पद पर थे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 सितंबर को उनके नाम की मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस पद के लिए अनुशंसा की थी। इस पद पर उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत हरियाणा के कैथल जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म 24 मई 1963 को कैथल के काकौत गांव में हुआ था। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के दौरान वे एनएसएस में यूनिट लीडर के रूप में चुने गए थे। छात्र संघ के संयुक्त सचिव भी रहे। 1989 में उन्होंने वकील के तौर पर पंजीकृत कराया था। उन्हें वर्ष 2004 में केंद्र सरकार के स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया। वे यूपीएससी और रेलवे के पैनल वकील रह चुके हैं। 2008 में दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के तौर पर नियुक्ति के बाद 2013 में प्रमोशन पाकर परमानेंट जज बने।

इन मामलों की कर चुके सुनवाई

जस्टिस सुरेश कुमार कैत दिल्ली के जामिया हिंसा और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर चुके हैं। फैसलों में उनके निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण की सराहना की जाती है।

पिता करते थे खेती-बाड़ी

चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत चार भाई थे, वह अपने माता-पिता की तीसरी संतान थे। इनके पिताजी गांव में खेती-बाड़ी करते थे। उन्होंने अपने चारों पुत्रों को खूब पढ़ाया, जिसकी बदौलत सभी बड़ी नौकरियों तक पहुंचे।

गांव के सरकारी स्कूल में ली थी प्राथमिक शिक्षा

चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने प्राथमिक शिक्षा अपने पैतृक गांव काकौत के सरकारी स्कूल में ली थी, यहां आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद पूंडरी के सरकारी स्कूल में उन्होंने मैट्रिक व इसके बाद इंटर की पढ़ाई की।

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