Kailash Mansarovar
- चीन ने दी मंजूरी, उत्तराखंड और सिक्िकम के रास्ते 750 श्रद्धालु जाएंगे
- विदेश मंत्रालय ने आवेदन के लिए वैबसाइट खोली
- 30 जून से 25 अगस्त तक चलेगी मानसरोवर यात्रा
- कैलाश मानसरोवर चीन के कब्जे वाले तिब्बत में है
Kailash Mansarovar : नई दिल्ली। भारत और चीन जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करेंगे। पांच साल के अंतराल के बाद यह यात्रा होने जा रही है। इस कदम को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध से बुरी तरह प्रभावित दोनों देशों के संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि यह यात्रा 30 जून से 25 अगस्त के बीच होगी। आवेदन प्रक्रिया के लिए वेबसाइट खोल दी है। तीर्थयात्री http://kmy.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। 13 मई, 2025 आवेदन करने की अंतिम तारीख है।
दो मार्गों से यात्रा
पहला: उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा से 5 जत्थे में 50-50 यात्री कैलाश मानसरोवर जाएंगे।
दूसरा : सिक्किम में नाथू ला के जरिये 10 जत्थे में 50-50 यात्रियों का ग्रुप यात्रा करेगा।
चीन के कब्जे वाले तिब्बत में कैलाश मानसरोवर
कैलाश मानसरोवर चीन के कब्जे वाले तिब्बत में है। विदेश मंत्रालय हर साल यात्रा का आयोजन करता है। हालांकि पिछले पांच सालों से चीन कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए भारतीयों को इजाजत नहीं दे रहा था। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और कोविड की लहर इसकी वजह थी।