Helicopter Crash
- मरने वालों में यूपी-महाराष्ट्र के 4, उत्तराखंड-गुजरात के 2 और राजस्थान के पायलट शमािल
- गोरी कुंड से एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीमें पहुंची
- हेलीकाॅप्टर में आग लगने से शव बुरी तरह झुलसे, पहचान मुश्किल
- चारधामों के लिए हेली सेवा सोमवार तक बंद
- दो हेलीकॉप्टर पायलटों के लाइसेंस 6 माह के लिए निलंबित
- पैदल रूट पर मलबा गिरने से एक यात्री की गई जान
- चारधाम यात्रा अगले आदेशों तक बंद
- 8 दिन पहले भी रूद्र प्रयाग में सड़क पर हुई थी हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग
- 8 मई को उत्तराकाशी में हेलीकॉप्टर गिरने से 6 की हुई थी मौत
- 17 मई को केदारनाथ में एयर एंबुलेंस हुई थी क्रैश
Helicopter Crash : देहरादून। उत्तराखंड में केदारनाथ के पास रविवार को एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे उसमें सवार छह श्रद्धालुओं समेत 7 लोगों की मौत हो गई। रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यह दुर्घटना गौरीकुंड के जंगलों के ऊपर हुई। इस दुर्घटना में मरने वालों में पायलट और एक शिशु भी शामिल है। सुबह लगभग साढ़े पांच बजे हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी और अचानक यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ऐसा अनुमान है कि खराब मौसम के कारण दृश्ता कम होने की वजह से यह हादसा हुआ। हेलीकॉप्टर के गिरते ही उसमे आग लग गई। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि घाटी में बादल थे और विजिबिलिटी ठीक नहीं थी, फिर भी हेलीकॉप्टर उड़ाया गया। यह आर्यन एविएशन कंपनी का था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है और राज्य आपदा प्रतिवादन बल सहित अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं।
हेली सर्विस के लिए बनेंगे नियम : धामी
हादसे के बाद चार धाम यात्रा हेलीकॉप्टर सर्विस पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हेली सर्विस के संचालन को लेकर सख्त नियम बनाए जाएंगे। इसमें हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की जांच और उड़ान से पूर्व मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य होगा।
पैदल रूट पर मलबा गिरने से यात्री की गई जान
जंगलचट्टी के पास खड्ड में मलबा और पत्थर गिरने से श्री बाबा केदारनाथ धाम जाने वाला रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम जाने वाले रूट को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। पैदल मार्ग से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं, जिनमें सड़क क्षतिग्रस्त होने से पहले केदारनाथ धाम के लिए रवाना हो चुके श्रद्धालु भी शामिल हैं, उनकी प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
शवों का डीएनए टेस्ट होगा
हेलीकॉप्टर में यूपी-महाराष्ट्र के 2-2 और उत्तराखंड, गुजरात के 1-1 यात्री थे। पायलट राजवीर सिंह चौहान जयपुर, राजस्थान के रहने वाले थे। गौरीकुंड से एनडीआरएफ और एसडीआरफ की रेस्क्यू टीमों को भेजा गया है। आग में झुलसने की वजह से शवों की पहचान मुश्किल हो रही है। मृतकों का डीएनए टेस्ट होगा, उसके बाद ही शव परिजनों को सौंपेंगे। मरने वालों में पायलट राजवीर सिंह (जयपुर, राजस्थान), विक्रम सिंह रावत (ऊखीमठ, उत्तराखंड) विनोद देवी (उत्तर प्रदेश), तृष्टि सिंह (उत्तर प्रदेश), राजकुमार सुरेश (गुजरात) श्रद्धा राजकुमार जायसवाल (महाराष्ट्र), काशी (महाराष्ट्र) शामिल हैं।
ये दो बड़े हादसे
-आठ मई को उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी।
– सात जून को भी केदारनाथ जा रहे हेलीकॉप्टर को उड़ान भरते ही तकनीकी खराबी आ जाने के कारण सड़क पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी जिसमें पायलट को चोटें आईं थी, लेकिन उसमें सवार पांच श्रद्धालु बच गए थे।