• Mon. Oct 13th, 2025

Health : एड़ी दर्द जब करे परेशान बदलें जीवनशैली और करें उपचार

Health

  • एड़ी दर्द की समस्या अलग-अलग वजह से हो सकती है
  • राहत के लिए अपने जीवनशैली में बदलाव करें
  • आप कुछ घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं

एड़ी का दर्द बहुत ही आम समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। लेकिन यह खासकर मध्यम आयु वर्ग और एथलीटों में ज्यादा देखी जाती है। डॉक्टर कई बार एड़ी के दर्द का कारण हड्डी बढ़ना बताते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में हील स्पर या कैल्केनाइल स्पर कहते हैं।

कारण संभव

-प्लांटर फैसीसाइटिस: एड़ी में दर्द का सबसे आम कारण होता है-फैसीसाइटिस। प्लांटर फेशिया एक मोटा ऊतक (टिश्यू) का बैंड होता है, जो एड़ी की हड्डी से लेकर पैर की अंगुलियों तक फैला होता है। यह पैर के आर्च (चाप) को सहारा देता है और चलने में मदद करता है। जब इस ऊतक पर लगातार दबाव या खिंचाव पड़ता है, तो इसमें सूजन आ जाती है, जिससे तेज दर्द होता है। यह दर्द अकसर सुबह बिस्तर से उठते ही पहला कदम रखने पर सबसे ज्यादा महसूस होता है।
-हड्डी बढ़ना (हील स्पर): जब प्लांटर फेशिया पर लंबे समय तक तनाव और खिंचाव रहता है, तो शरीर उस जगह को ठीक करने की कोशिश करता है। इस प्रक्रिया में, एड़ी की हड्डी के नीचे कैल्शियम जमा होने लगता है। समय के साथ यह कैल्शियम जमाव एक नुकीली हड्डी जैसी संरचना में बदल जाता है, जिसे हील स्पर कहते हैं। कई बार यह हील स्पर दर्द का सीधा कारण नहीं होता, बल्कि यह प्लांटर फैसीसाइटिस के कारण होने वाली सूजन और ऊतक क्षति का एक परिणाम होता है। इसीलिए डॉक्टर इसे हड्डी बढ़ना कहते हैं, क्योंकि एक्स-रे में यह बढ़ी हुई हड्डी के तौर पर साफ दिखाई देता है।

इनके अलावा कुछ अन्य कारणों से एड़ी में दर्द हो सकता है।

-गलत जूते पहनना : बिना कुशन वाले या बहुत सख्त जूते, खासकर ऊंची हील वाली सैंडल पहनना।
-अधिक वजन: शरीर का ज्यादा वजन एड़ी पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
-अत्यधिक शारीरिक गतिविधि: बहुत ज्यादा दौड़ना, कूदना या कठोर सतह पर बहुत देर तक खड़े रहना।
-फ्लैट फुट (पैर का सपाट होना) या हाई आर्च (ऊंचा चाप): पैर की बनावट में असामान्यताओं के कारण भी एड़ी पर दबाव बढ़ सकता है।
-अन्य रोग: गठिया अर्थराइटिस या नस की अन्य समस्या के कारण।

आयुर्वेदिक-घरेलू उपाय

आयुर्वेद में एड़ी के दर्द को वातकंटक कहा जाता है, जिसका अर्थ है वात दोष के कारण कांटों जैसी पीड़ा होना। आयुर्वेद के अनुसार, वात दोष की वृद्धि से शरीर में बहुत रूखापन और कठोरता आती है, जिससे हड्डियों और जोड़ों में दर्द होता है। इसके उपचार के कुछ उपाय बताए गए हैं।

-गर्म तेल की मालिश : वात को शांत करने के लिए तिल का तेल, महानारायण तेल या सहचरादि तेल को हल्का गुनगुना करके एड़ी और तलवे की धीरे-धीरे मालिश करें। यह मांसपेशियों को आराम देता है और रक्त संचार बढ़ाता है।

-लहसुन और सरसों का तेल : लहसुन की कुछ कलियों को सरसों के तेल में गर्म करें, जब तक वे काली न हो जाएं। इस तेल को ठंडा करके दर्द वाली जगह पर लगाएं और मालिश करें। लहसुन में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं।

-स‍ेंधा नमक का स‍ेंक : एक टब में हल्का गर्म पानी लें और उसमें दो-तीन चम्मच पिसा सेंधा नमक डालें। इस पानी में अपने पैरों को 15-20 मिनट तक डुबोकर रखें। यह मांसपेशियों के तनाव को कम करता है और सूजन में आराम देता है।

-हल्दी-अदरक का पेस्ट : हल्दी और अदरक में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। दोनों को पीसकर थोड़ा गर्म करें और दर्द वाली जगह पर लगाएं। इसे कुछ देर
तक लगा रहने दें, फिर धो लें।

-अरंड का पेस्ट : अरंड या कैस्टर के पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाएं और इसे एड़ी पर लगाएं। अरंड में भी सूजनरोधी गुण होते हैं।

-हल्दी वाला दूध : रोज रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। हल्दी का करक्यूमिन दर्द और सूजन को कम करने में बहुत प्रभावी है।

-त्रिफला चूर्ण: रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। यह पाचन को सुधारता है और शरीर में वात को संतुलित करने में मदद करता है।

-मेथी दाना: एक चम्मच मेथी दाना रात में पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट चबाकर खाएं। इससे भी लाभ मिलेगा।

इन बातों का रखें ध्यान

-आराम और सही जूते : जब भी संभव हो, एड़ी को आराम दें। सही फिटिंग वाले, कुशन वाले और आर्च सपोर्ट वाले जूते पहनें। ऊंची हील वाले जूते और चप्पल पहनने से बचें।

वेट कंट्रोल: अगर आप ओवरवेटेड हैं, तो वजन कम करने का प्रयास करें। यह एड़ी पर पड़ने वाले दबाव को कम करेगा।

-पैरों की स्ट्रेचिंग : नियमित रूप से पैर और एड़ी की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। दीवार के सहारे पैर को स्ट्रेच करना या एड़ी को ऊपर-नीचे करना फायदेमंद हो सकता है।

-नियमित व्यायाम : हल्के व्यायाम करें जैसे स्विमिंग या साइकलिंग, जो एड़ी पर ज्यादा दबाव नहीं डालते, ये बहुत फायदेमंद होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *