Health
- -योगाचार्य मदन गोपाल आर्य बोले, आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज, बॉडी होती डिटाॅक्स
- -उपवास करने से कई बीमारियों को किया जा सकता है ठीक
- -उपवास का धार्मिक अर्थ न ग्रहण करते हुए चिकित्सकीय रूप में समझें
- -पेट को खाली रखने का ही अर्थ उपवास है
- -यह आर्थराइटिस, बुखार, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, हमेशा बनी रहने वाली थकान, कोलाइटिस, लकवे और कई तरह की मानसिक बीमारियों में फायदेमंद
Health : फतेहाबाद। दुनिया के सभी धर्मों में उपवास का महत्व है। खासतौर पर बीमार होने के बाद उपवास को सबसे अच्छा इलाज माना गया है। यह बात पंतजलि योगपीठ हरिद्वार के योगाचार्य डॉ. मदन गोपाल आर्य ने रविवार को अग्रसेन भवन भट्टू मण्डी में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के तत्वावधान में चल रही नि:शुल्क योग कक्षा में नवरात्रों के सन्दर्भ में कही। योगाचार्य डॉ. आर्य ने बताया कि आयुर्वेद में बीमारी को दूर करने के लिए तथा शरीर के विषैले तत्वों को दूर करने की बात कही जाती है और उपवास करने से बिमारियों को ठीक किया जा सकता है। उपवास को सर्वश्रेष्ठ औषधि माना जाता है। हालांकि हर बीमारी का इलाज भी उपवास नहीं लेकिन यह अधिकांश समस्याओं में कारगर रहता है। दरअसल उपवास का धार्मिक अर्थ न ग्रहण करते हुए इसका चिकित्सकीय रूप समझना चाहिए। पेट को खाली रखने का ही अर्थ उपवास है।
इन बीमारियों में राहत
यह आर्थराइटिस, बुखार, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, हमेशा बनी रहने वाली थकान, कोलाइटिस, लकवे और कई तरह की मानसिक बीमारियों में फायदेमंद साबित होता है। उन्होंने बताया कि उपवास के अनगिनत फायदे हैं। उपवास जितना लंबा होगा शरीर की ऊर्जा उतनी ही अधिक बढ़ेगी। उपवास आपके आत्मविश्वास को इतना बढ़ा सकता है ताकि आप अपने शरीर और जीवन पर अधिक नियंत्रण हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि उपवास का अर्थ भूखे मरना नहीं होता, वस्तुत: उपवास शरीर रूपी मशीन के पाचन तंत्र को आराम देना होता है। उपवास करने का सबसे सुरक्षित तरीका है एक दिन के उपवास से शुरुआत करना। बाद में इसे हफ्ते में एक दिन नियमित रूप से किया जा सकता है।
ताजी और कच्ची सब्जियों का सेवन करें
ताजी सब्जियों का रस, फल, पानी, बिना पकी कच्ची सब्जियां का सेवन करना चाहिए। इसके साथ पकी हुई सब्जियां, अन्न या अन्न के बने दूसरे पदार्थ, रोटियां, ब्रेड, बिस्कुट, पास्ता न खाएं। इसके अलावा चाय, दूध, दही, आइसक्रीम, मक्खन, अंडे, मांस, फास्ट फूड, जंक फूड, तैयार किया हुआ भोजन, आलू की चिप्स, साबुदाने की खिचड़ी, मूंगफली के दाने आपके उपवास के मकसद को नष्ट कर सकते है। उन्होंने कहा कि किसी असाध्य बीमारी से पीडि़त हैं या किसी बीमारी के लंबे इलाज को ले रहे हैं तो व्यक्ति को अपने चिकित्सक की सलाह लिए बिना उपवास नहीं करना चाहिए। डायबिटीज के रोगियों व गर्भवती महिलाओं व स्तनपान करा रही माताओं को भी उपवास नहीं करना चाहिए। इस अवसर किरण गर्ग, मुस्कान गर्ग, अंजु आर्य, सीमा गर्ग, ममता गर्ग, पिंकी, मिताली, मिनाक्षी बंसल, कृष्णा, मनोज, जयप्रकाश, गोविन्द सहित अनेक योग साधक उपस्थित थे।