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Haryana : बढ़ते दामों पर लगाम, एफसीआई ने खुले बाजार में बेच दिया 50,000 एमटी गेहूं

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  • बाजार में गेहूं के दाम 400 से 600 रुपये क्विंटल तक गिरे दाम
  • रेट बढ़े रहते तो एजेंसियों को नहीं मिल पाता एमएसपी पर गेहूं
  • कई माह से गेहूं के रेट 3200 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गए

Haryana : फतेहाबाद। घरेलू बाजार में गेहूं के बढ़ते रेटों को नियंत्रण में लाने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार में नीलामी द्वारा गेहूं बेचना शुरू कर दिया। अब तक 50,000 मीट्रिक टन गेहूं नीलामी द्वारा खुले बाजार में बेचा गया है। इससे प्रदेश में गेहूं के दाम 400 से 600 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए हैं। एफसीआई द्वारा बाजार में गेहूं बेचने से एक तो महंगाई कम होगी, दूसरा इस बार सरकार को किसानों का नया गेहूं मिलने के आसार बढ़ जाएंगे। दरअसल, भारतीय बाजार में पिछले कई महीनों से गेहूं के रेट 3200 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गए थे। सरकार को चिंता सता रही थी कि अगर खुले बाजार में गेहूं के रेट यूं ही कायम रहे तो अप्रैल में किसान गेहूं सरकारी एजेंसियों को की बजाय निजी व्यापारियों को बेचेंगे। एफसीआई के खरीद एवं वाणिज्यिक प्रबंधक गौरव भट्ट ने इसकी पुष्टि की है।

पिछले साल 2275 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा था

पिछले साल सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा था। जैसे ही सरकार की खरीद बंद हुई, गेहूं के रेट बढ़ने शुरू हो गए। दिसम्बर 2024 तक गेहूं के रेट 3200 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गए और बाजार में आटा 40 रुपये प्रति किलो बिकने लगा। इस वृद्धि का असर ब्रेड, बिस्कुट, सूजी व आम दिनचर्या में काम करने वाले उत्पादों पर भी पड़ा और ये महंगे हो गए।

सरकार की इसलिए बढ़ी चिंता

सरकार ने इस साल पिछले साल से 150 रुपये एमएसपी बढ़ा दिया। उसके बावजूद भी गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये है, जबकि खुले बाजार में गेहूं 3,000 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। ऐसे में सरकार को लगा कि उसे एमएसपी पर गेहूं मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए गेहूं को खुले बाजार में नीलामी द्वारा बेचने का फैसला लिया।

ऑनलाइन बेचा गया

एफसीआई ने जनवरी से अब तक हिसार जोन में 50,000 मीट्रिक टन गेहूं ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा फ्लोर मिलर व फूड प्रोसेसर को बेचा है। एफसीआई का न्यूनतम मूल्य 2350 रुपये प्रति क्विंटल है। ऑनलाइन इसे पोर्टल पर डाला गया तो 3100, 2800 और 2650 रुपये प्रति क्विंटल बिका। इसके बाद गेहूं के दाम 400 से 600 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे आ गए।

हिसार जाने में पांच जिले

प्रदेश में एफसीआई एचआरओ पंचकूला के अंतर्गत आने वाले हिसार जोन में डबवाली से चरखी दादरी तक 5 जिले आते हैं। एफसीआई का सिस्टम यह है कि हर शुक्रवार को वह ऑनलाइन पोर्टल पर टेंडर डालते हैं और यह टेंडर बुधवार को खुलता है। जो व्यापारी ज्यादा रेट भरता है, उसके नाम टेंडर खोल दिया जाता है।

गेहूं के दाम नियंत्रण में

एचआरओ पंचकूला के आदेशों के बाद हमने हिसार डीओ में गेहूं की नीलामी के लिए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू की। अब तक 50 हजार एमटी गेहूं को बाजार में बेचा जा चुका है, जिसके बाद गेहूं के दामों में कमी दर्ज की गई है। अब बाजार में गेहूं के दाम नियंत्रण में आ चुके हैं।
-गौरव भट्ट, प्रबंधक खरीद एवं वाणिज्यिक, एफसीआई

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