Haryana political
meham vidhan sabha seat
- महम विधानसभा सीट पर कांग्रेस में टिकट के लिए चल रही माथापच्ची
- बेटे के राजनीतिक करियर के लिए आनंद सिंह दांगी छोड़ सकते हैं दावेदारी
- सितंबर-अक्टूबर में होने हरियाणा में विधानसभा के चुनाव
Haryana political : हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने का कुछ ही समय बचा है ऐसे में सभी दल अपनी-अपनी हार जीत के लिए माथा पच्ची करने में जुटे हैं। सबसे बड़ी परेशानी तो टिकट वितरण को लेकर है। हर विधानसभा सीट पर टिकट को लेकर हर पार्टी में कई कई दावेदार है। कोई दिग्गज अपने बेटे के लिए परेशान है तो कोई अपने लिए टिकट मांग रहा है। अब पार्टियों के सामने यह भी एक बड़ा संकट पैदा हो रहा है कि वह किसे टिकट दे, किसे नहीं। इस रिपोर्ट में हम बात करते हैं महम विधानसभा सीट (meham vidhan sabha seat) पर कांग्रेस में क्या चल रहा है। इस समय महम विधानसभा क्षेत्र से बलराज कुंडू निर्दलीय विधायक हैं। भाजपा नेता शमशेर खरकड़ा, राधा अहलावत, महंत सतीश दास और राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से पूर्व मंत्री आनंद सिंह दांगी और उनके बेटे बलराम दांगी भी हलके में काफी सक्रिय हैं। बलराज कुंडू और उनकी पत्नी परमजीत कुंडू भी गांव-गांव जा रहे हैं। वे कस्बा महम में भी बैठकें कर रहे हैं। यदि कांग्रेस पार्टी की बात करें, तो यहां पर इस बार कांग्रेस पूर्व मंत्री आनंद सिंह दांगी के बेटे बलराम दांगी पर दांव खेल सकती है। क्योंकि दांगी ने महम विधानसभा से टिकट की अपनी दावेदारी छोड़ दी है। वे चाहते हैं कि अब उनका बेटा बलराम दांगी यहां से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे।
कई बार खुले मंच पर कर चुके ऐलान
आनंद दांगी कई बार खुले मंच पर भी इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि अब बलराम दांगी ही महम विधानसभा सीट पर कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगे। वे हलके की जनता को यह भी बता चुके हैं कि पार्टी हाईकमान से लेकर प्रदेश स्तर पर यह बात तय हो चुकी है कि इस बार महम से बलराम दांगी ही चुनाव लडेंगे। हालांकि यह तो समय ही बताएगा कि जब टिकट वितरण होगा तो क्या परिस्थितियां बनेंगी, लेकिन पिता पुत्र चुनाव की तैयारियों में पूरे जोर शोर से जुटे हुए हैं।
कांग्रेस के कद्दावर नेता
आनंद दांगी कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं। वे हुड्डा सरकार में लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं। कुछ समय के लिए प्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री भी रहे। चौधरी देवीलाल जब महम से विधायक बनकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, तो उस वक्त दांगी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भी रहे हैं। चूंकि महम मुख्यमंत्री का हलका होता था, तो इस नाते दांगी की कलम से इस हलके के सैकड़ों युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई थी। तब से इस हलके के लोग इनके साथ जुड़े हुए हैं और यहां के दमदार नेताओं में इनकी गिनती होती है।
और कौन दावेदार
कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवारों की बात करें, तो यहां पर उनकी सूची काफी छोटी है। यदि पार्टी उनको टिकट दे, तो कई लोग चुनाव लड़ने को तैयार हैं। लेकिन सब अंदर खाते ही चल रहा है। खुलकर दांगी के सामने टिकट की दावेदारी जताने वाले लोग यहां पर नहीं दिखाई दे रहे।
अरुण नहरा: हरियाणा पुलिस के डीआईजी अरुण नेहरा के समर्थकों का एक ग्रुप है, जो चाहता है कि अरुण नहरा यहां से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ें।
राजबीर सामणिया : पूर्व में इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ चुके राजबीर सामणिया फिलहाल कांग्रेस में हैं और वे भी चाहते हैं कि यदि पार्टी उनको मौका दे तो वे भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं। राजबीर सामणिया समय समय पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी महम विधानसभा चुनाव लड़ने की अपील करते रहते हैं।
सुरेंद्र पंवार: बहलबा गांव के सुरेंद्र पंवार भी पिछले कई वर्षों से महम हलके से कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। अब देखना है कि कांग्रेस आलाकमान इस बार किसे टिकट देकर महम के दंगल में उतारता है। फिलहाल सभी अपनी अपनी गोटियां फिट करने में जुटे हैं। अंतिम फैसला तो कांग्रेस हाईकमान को ही लेना है।
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