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Haryana News : इस बार धान की फसल में ‘फिजी’ का कहर, सैकड़ो एकड़ फसल चट कर गया वायरस

Haryana News

  • -गांव दाबा में किसानों ने 10 एकड़ फसल पर चलाया ट्रैक्टर
  • -किसानों ने सरकार से मुआवजे की लगाई गुहार
  • -अज्ञात बीमारी ने क्षेत्र की 50% से 75% तक धान की फसल को अपनी चपेट में लिया
  • -किसानों को भारी आर्थिक नुकसान,

Haryana News : । हरियाणा-पंजाब सीमा से सटे गांवों में इस बार धान की फसल पर अज्ञात बीमारी का भारी असर देखने को मिल रहा है। बीमारी के चलते किसानों की कई एकड़ खड़ी फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि कुछ किसानों ने अपनी बर्बाद फसल को खेत में पलट दिया है, ताकि दोबारा नई फसल बोई जा सके। गांव दाबा चाबा के किसान प्रताप सिंह, निशान सिंह, महल सिंह, जसविंदर सिंह, बुटा सिंह, बलिहार सिंह और गुरदीप सिंह ने पत्रकारों को बताया कि इस बार अज्ञात बीमारी ने क्षेत्र की 50% से 75% तक धान की फसल को अपनी चपेट में ले लिया है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। एक किसान ने बताया कि उसने अपनी 8 एकड़ की बीमार फसल को नष्ट कर दिया है और अब वह दोबारा फसल की तैयारी में जुटा है। वहीं अन्य किसान भी मजबूरी में यही कदम उठाने की योजना बना रहे हैं।

किसानों की उडी नींद

बता दें कि इस बीमारी के कारण किसानों की गाढे पसीने की कमाई नष्ट हो रही है।किसानों ने प्रति एकड करीब 30 हजार रुपये खर्च पर अपनी धान की फसल तैयार की थी लेकिन फिजी वायरस के कारण उनकी तैयार की गई फसल नष्ट हो गई है। किसानों ने बताया कि करीब दो महीने पहले धान की बुवाई की गई थी और उन्होंने खाद, कीटनाशक दवाइयों और अन्य जरूरी चीजों पर भारी खर्च किया था। लेकिन अब बीमारी की वजह से उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया है। घग्गर क्षेत्र के किसानों ने सरकार से मांग की है कि तुरंत टीम भेजकर फसल की जांच कराई जाए और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे दोबारा से खेती करके अपने नुकसान की भरपाई कर सकें।

फसल की पैदावार को रोक देता

कृषि उप निदेशक डा. बाबू लाल ने बताया कि इस समय धान की फसल में फिजी वायरस का प्रकोप है। यदि शुरूआती दौर में इस वायरस पर स्प्रे न किया जाए तो यह अधिक पैमाने पर होकर धान की फसल की पैदावार को रोक देता है। इस कारण पौधा सूखने के कगार पर पहुंच जाता है। समय पर दवाई के स्प्रे से इस पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में भी इस वायरस का प्रकोप देखा गया था। इसे लेकर बुधवार को कैथल में कृषि विज्ञानियों का एक शिष्टमंडल भी पहुंच रहा है। इससे नष्ट हुई फसल का सर्वे करते हुए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
https://vartahr.com/haryana-news-thi…f-acres-of-crops/ ‎

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