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Haryana News : जूनियर डॉक्टर्स की मांगें नहीं मानी तो होगा आंदोलन

Haryana News

  • यूडीएफ का अल्टीमेटम, एसीएस हेल्थ को सौंपा ज्ञापन
  • डॉ. अमित व्यास बोले, सरकार महंगाई भत्ता बढ़ाए
  • महंगाई भत्ता न मिलने से नाराज़ हैं एसएबीवी-जीएमसी के जूनियर डॉक्टर्स

Haryana News : फरीदाबाद। यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (यूडीएफ) हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित व्यास एवं उपाध्यक्ष डॉ. शुभ प्रताप सोलंकी की अध्यक्षता में फरीदाबाद स्थित एसएबीवी-जीएमसी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत जूनियर रेजिडेंट्स को महंगाई भत्ता न मिलने के विरोध में हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य विभाग) सुधीर राजपाल को ज्ञापन पत्र सौंपा गया। यूडीएफ ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि जूनियर डॉक्टर्स की मांगें नहीं मानी तो गई तो आंदोलन किया जाएगा। डॉ अमित व्यास ने बताया कि राज्य सरकार की स्पष्ट नीति के बावजूद एसएबीवी-जीएमसी, फरीदाबाद के जूनियर रेजिडेंट्स को आज तक महंगाई भत्ता नहीं दिया गया है, जबकि पीजीआईएमएस रोहतक, बीपीएस खानपुर कलां जैसे अन्य सरकारी संस्थानों में यह नियमित रूप से दिया जा रहा है। यह असमानता न केवल आर्थिक अन्याय है, बल्कि कार्य के प्रति समर्पण को भी प्रभावित करती है।” जूनियर डॉक्टर्स विगत दो वर्षों से नियमित रूप से महंगाई भत्ते से वंचित हैं। कई बार इस विषय को कॉलेज प्रशासन और पंचकूला प्रशासन के समक्ष उठाया, परंतु हर बार हमें केवल आश्वासन ही मिले। डॉ व्यास ने ये भी स्पष्ट किया है कि यदि सरकार द्वारा जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो संगठन कड़े निर्णय लेने को मजबूर होगा एवं जूनियर डॉक्टर्स के हित में हर संभव प्रयास करेगा।

मानसिक शोषण किया जा रहा : डॉ. सोलंकी

डॉ शुभ प्रताप सोलंकी ने बताया कि हमारे डॉक्टर्स दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे हैं, लेकिन उनके साथ वेतन में हो रहा यह भेदभाव पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। एसएबीवी-जीएमसी में कार्यरत रेजिडेंट्स को अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों के मुकाबले लगभग 45-50% कम वेतन मिल रहा है। यह केवल वित्तीय नहीं, मानसिक शोषण भी है। अब यह मुद्दा सिर्फ पत्राचार का नहीं, आंदोलन का विषय बन चुका है।”

ये मांगें उठाई

– सभी जूनियर रेजिडेंट्स को नियुक्ति तिथि से लंबित डीए का भुगतान किया जाए।
– एसएबीवी-जीएमसी कॉलेज में डीए को नियमित वेतन ढांचे में जोड़ा जाए।
– इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
– भविष्य की किसी भी चर्चा या स्पष्टीकरण में यूडीएफ प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।

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