Haryana News
- इंस्पेक्टर राजेश को वर्दी सहित 10:30 से 11:30 बजे तक बंदियों के लिए बने बक्शी खाना (सलाखों) के पीछे रखा\
- बिना लिखित आदेश के सलाखों में डालने पर पुलिस विभाग में रोष
- पुलिस विभाग में कोर्ट की इस कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे
- पुलिसकर्मियों का कहना है कि कोर्ट का एसएचओ स्तर के अधिकारी के साथ ऐसा व्यवहार उचित नहीं
Haryana News : कैथल। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कैथल मोहित अग्रवाल की अदालत ने गुरुवार को एक केस की सुनवाई के दौरान सभी को हैरान कर दिया। कोर्ट ने स्टेट ऑफ हरियाणा बनाम गौरव केस में गवाह जांच अधिकारी इंस्पेक्टर राजेश कुमार को कोर्ट में गैरहाज़िर रहने के चलते एक घंटे तक हिरासत में लेने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेशों पर पुलिस इंस्पेक्टर को वर्दी सहित 10:30 बजे से लेकर 11:30 बजे तक कोर्ट परिसर में बंदियों के लिए बने बक्शी खाना (सलाखों) के पीछे रखा। इस घटना के बाद पुलिस विभाग में कोर्ट की इस कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पुलिसकर्मियों का कहना है कि कोर्ट का एसएचओ स्तर के अधिकारी के साथ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं था? कई लोग इसे अपमानजनक बता रहे हैं और मानते हैं कि अदालत की नाराज़गी अपनी जगह सही है, लेकिन कार्रवाई का तरीका ठीक नहीं था। कोर्ट उसे कोई और भी सजा दे सकती थी।
सिरसा के बड़ाबूढ़ा थाने में एसएचओ तैनात है इंस्पेक्टर राजेश
इंस्पेक्टर राजेश कुमार वर्तमान में सिरसा जिले के बड़ाबूढ़ा थाने में बतौर एसएचओ तैनात हैं। उन पर आरोप है कि वह गवाही के लिए कई तारीखों पर कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए, जिसके चलते अदालत ने 29 अगस्त को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए थे। वीरवार को जब वह गवाही देने पहुंचे तो अदालत ने उन्हें एक घंटे के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया।
बिना लिखित आदेश सलाखों में डालने पर विवाद
प्रिजनर एस्कॉर्ट इंचार्ज सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि नायब कोर्ट दीपक और बाद में कोर्ट रीडर व पीपी ने इंस्पेक्टर को सलाखों में डालने को कहा। लेकिन जब उनसे लिखित आदेश मांगा गया तो किसी के पास भी आदेश नहीं था। यह स्थिति करीब एक घंटे तक बनी रही। बाद में जब लाइव कोर्ट से लिखित आदेश आया तब जाकर इंस्पेक्टर को अदालत में पेश किया गया।
हत्या केस से जुड़ा है मामला:
दरअसल यह केस सीवन थाना क्षेत्र के गांव बक्केखेड़ी में 2021 में हुई एक हत्या से जुड़ा है। शिकायतकर्ता राजवीर सिंह ने अपने भतीजे मनीष की हत्या को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति पर धारा 302 के तहत केस दर्ज किया और उस समय इसकी जांच इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने की थी। अब इसी केस की गवाही अदालत में चल रही है।
पुलिस विभाग में रोष, बोले: अपमानजनक व्यवहार
जिले के पुलिस कर्मियों का कहना है कि कोर्ट की कार्रवाई का तरीका बेहद कठोर और अपमानजनक रहा। इस लिए एसएचओ स्तर के अधिकारी को वर्दी सहित एक आरोपी के रूप में बक्शी खाने में रखना उचित नहीं है। खासतौर पर तब जब लिखित आदेश तक मौके पर उपलब्ध नहीं थे।