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Haryana news : बाढ़ का साइड इफ्कैट: माइनर पर भिड़े खानपुर व गुराना ग्रामीण, चले ईंट पत्थर, दर्जनों घायल फोर्स तैनात

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  • तीन गांवों के ग्रामीण मिट्टी के बैग लेकर माइनर को बंद करने के पहुंचे थे,
  • गुराना गांव के लोग पहले से थे मौजूद

हिसार। हरियाणा के हिसार में सिंघवा माइनर टूटने से खानपुर व गुराना के ग्रामीण आपस में भिड़ गए तथा दोनों तरफ से जमकर ईंट पत्थर चले। जिससे दोनों तरफ से दर्जनों ग्रामीण घायल हो गए। स्थिति को देखते हुए डीसी व एसपी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे तथा किसी प्रकार स्तिथि को नियंत्रित किया। स्थिति अब नियंत्रण में परंतु तैनावपूर्ण बने हुए है। प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है।

पिछले कई दिनों से हो रही बारिश ने लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। गांव गुराना के हालात बिगड़ चुके हैं। गांव की बस्तियों के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। सिंघवा माइनर टूटने से हालात और बिगड़ गए थे। शनिवार की शाम को पास के तीन गांवों के ग्रामीण पानी घुसने का संकट से बचने के लिए माइनर को बंद करने के लिए वहां पहुंचे तो स्थिति बिगड़ गई और एक दूसरे की तरफ से पत्थर फेंकने लगे जिसके कारण दोनों पक्षों के सैकड़ो ग्रामीण घायल हो गए हैं। स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल और प्रशासन मौके पर तैनात हैं। जिला उपायुक्त अनीश यादव और हांसी पुलिस अधीक्षक अमित यशवर्धन भी मौके पर पहुंच चुके हैं। दोनों पक्षों को शांत करवाने के लिए प्रशासन कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

शनिवार को सुबह ही भारी पुलिस बल माइनर पर तैनात कर दिया गया था। ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो। डीएसपी देवेंद्र नैन, एसडीएम राजेश कोथ, थाना प्रभारी बलवान सिंह सुबह से ही मोर्चा संभाले हुए थे। चारों गांव के मौजिज लोगों से संपर्क करके मामले का समाधान करने की कोशिश की गई लेकिन कोई हल नहीं निकला। माइनर को बंद करने की भनक गुराना गांव के ग्रामीणों को लग चुकी थी। इसको लेकर सुबह से ही गुराना गांव के सैकड़ों लोग माइनर पर इकट्ठे हो गए थे।

महिलाएं भी भारी संख्या में मौजूद थी।

गांव खानपुर, सिंधड़ और सिंघवा राघों के ग्रामीण भी सुबह से ही इस इंतजार में थे कि प्रशासन माइनर को बंद करवा देगा लेकिन माइनर को बंद नहीं करवाया गया। तीनों गांव के ग्रामीणों ने मिट्टी के बैग भरकर तैयार कर लिए थे कि गांव की तरफ जब पानी आएगा तो वह उनके सहारे पानी को रोक देंगे लेकिन माइनर से पानी ज्यादा गति से बह रहा था। ग्रामीणों ने पूरा दिन प्रशासन का इंतजार किया। उसके बाद भारी संख्या में ग्रामीण माइनर पर पहुंच गए और वहां पर हालत बिगड़ गए एक दूसरे की तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई। प्रशासन की मौजूदगी में सैकड़ो लोग घायल हो गए। ग्रामीण आरोप लगाया है कि प्रशासन की मौजूदगी में यह सारा मामला हुआ है। अगर समय रहते प्रशासन पूरे मामले को दिन में ही निपटा देता तो रात को यह घटना नहीं होती।

सात घंटे चली पंचायत

शुक्रवार को संकट से निपटने के लिए गांव गुराना में प्रशासन सहित तीनों गांवों सरपंच सहित मौजिज लोगों की करीब सात घंटे तक पंचायत चली थी कि ये माइनर कैसे बंद हो। आखिरकार प्रशासन की तरफ से एसडीएम ने मोर्चा संभालते हुए माइनर को बंद करवाने का जिम्मा लिया था। इसको लेकर गांव गुराना में गांव खानपुर के सरपंच रामपाल, सिंधड़ के सरपंच सुंदर, सिंघवा राघों के सरपंच नरेंद्र, जिला पार्षद धर्मवीर गुराना ,सरपंच रामावतार मौजूद थे।

प्रशासन पर नहीं भरोसा

गांव गुराना के ग्रामीणों ने बताया कि हमें प्रशासन पर अब विश्वास नहीं रहा। पिछले काफी दिनों से गांव में पानी भरा हुआ है। हमारे खेत बर्बाद हो चुके हैं। घरों में पानी घुसना शुरू हो गया है। अब तक प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई।

माइनर बंद करवाने का दिया आश्वासन

एसडीएम राजेश कोथ ने बताया कि ग्रामीणों की पंचायत हुई थी। जिसमें सभी को आश्वासन दिलाया था कि माइनर को बंद करवा दिया जाएगा। पूरा दिन शांति पूर्वक तरीके से बातचीत होती रही। शाम को अचानक दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया।

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