Haryana News
- विधानसभा कमेटी ने जांच के दौरान पकड़ी खामियां
- कमेटी चेयरमैन मिड्ढा बोले, ऊपर से नीचे तक सारा सौदा खराब कर रखा
- विभाग के कामों में लेट लतीफी और अनियमितताओं को लेकर कार्रवाई
- 12 विधायकों की कमेटी जांच करने पहुंची थी आदमपुर
- कार्यों की जांच करने पहुंची कमेटी के समक्ष नागरिकों ने रोया दुखड़ा तो गुस्साए मिड्डा
- नागरिक बोले जीना मुहाल हुआ, काम पूरे नहीं हुए, अधिकारी बात तक नहीं सुनते
Haryana News : हिसार/आदमपुर। आदमपुर में जनस्वास्थ्य विभाग से जुड़े कार्यों की जांच करने पहुंची विधानसभा की 12 विधायकों की कमेटी ने कड़ा रुख अपनाते हुए विभाग के कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) कंचन, एसडीओ रामकिशन और जेई को सस्पेंड कर दिया है। कमेटी ने विभाग से जुड़े कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार मानते हुए यह कार्रवाई की है। कमेटी के चेयरमैन एवं विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा शुक्रवार को कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ आदमपुर पहुंचे। पहले उन्होंने रेस्ट हाउस में अधिकारियों की बैठक ली और फिर निर्माण कार्यों सहित अन्य परियोजनाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान क्षेत्र के नागरिकों ने हर कार्य में भ्रष्टाचार व अनियमिताओं की शिकायत तो की ही, साथ ही यह भी कहा कि अधिकारी कोई बात सुनना भी पसंद नहीं करते। कार्यों की जांच के दौरान कमेटी के चेयरमैन और डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा भड़क गए और बोले कि ऊपर से नीचे तक सारा सौदा खराब कर रखा है। ऐसा कहते हुए उन्होंने तुरंत तीनों अधिकारियों को सस्पेंड करने के आदेश दे डाले।
कांग्रेस व भाजपा नेता भिड़े
डिप्टी स्पीकर के सामने ही आदमपुर के कांग्रेस विधायक चंद्रप्रकाश के साथ आए कांग्रेस नेता भूपेंद्र कासनिया और भाजपा के महामंत्री आशीष कुमार जोशी भिड़ गए। निरीक्षण के दौरान जोशी ने कासनिया को कहा कि आप कौन हो जो बीच में बोल रहे हो? इसके बाद बात बढ़ गई। कृष्ण मिड्ढा ने महामंत्री का बचाव किया तो विधायक चंद्रप्रकाश अपने कार्यकर्ता भूपेंद्र कासनिया के बचाव में आ गए। कृष्ण मिड्ढा ने पुलिस को आदेश दिया इसको यहां से हटाओ। इसके बाद भूपेंद्र कासनिया को धक्के देकर दूर हटा दिया गया।
अनियमितताओं की मिल रही थी शिकायतें
आदमपुर में जनस्वास्थ्य विभाग के कामों में लेट लतीफी और अनियमितताओं को लेकर कई शिकायतें हुईं। विधायक चंद्रप्रकाश बार-बार ये मुद्दा विधानसभा में उठा रहे थे। यहां सबसे बड़ी समस्या जल निकासी न होने की है। हाल ही में हुई बारिश में भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के अनाज मंडी स्थित आवास के सामने पानी भर गया था। इसके अलावा, अन्य सड़कों पर भी बारिश के बाद जलभराव रहता है।
पानीपत की कंपनी को दिया था ठेका
आदमपुर में सीवरेज और पेयजल लाइन डालने का काम 2023 में पानीपत की बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बेढंगे तरीके से काम किया। सीवरेज के ईंटों के चैंबर बना दिए गए, जबकि इन्हें सीमेंट से पलस्तर किया जाना था। इसके अलावा, सीवरेज के मेनहोल में ही पानी के कनेक्शन कर दिए गए, जिससे पेयजल लाइन लीक होने से सीवरेज का पानी लोगों के घरों तक पहुंच सकता था।
12 विधायकों की कमेटी दौरा करने पहुंची
इसी शिकायत के बाद शुक्रवार को विधानसभा की कमेटी आदमपुर हलके का दौरा करने के लिए पहुंची। कमेटी में चेयरमैन कृष्ण लाल मिड्ढा के अलावा, विधायक मोहम्मद इलियास, लक्ष्मण यादव, नरेश सेलवाल, कपूर सिंह, सतीश कुमार, सतपाल जांबा, मोहम्मद इजराइल, मामन खान, बलवान सिंह दौलतपुरिया, बिमला चौधरी और मंजू चौधरी शामिल रहीं। लोगों ने कमेटी के सामने कार्यकारी अभियंता कंचन देवी, एसडीओ मोहन लाल और जेई सुरेश ढाका पर आरोप लगाए।
सात माह पहले विजिलेंस ने मारा था छापा
लगभग सात माह पहले पिछले वर्ष 13 दिसंबर को आदमपुर में विजिलेंस ने छापा मारकर 35 करोड़ के बड़े प्रोजेक्ट में धांधली पकड़ी थी। आदमपुर में पिछले करीब डेढ़ साल से सीवरेज लाइन डाली जा रही है। इस प्रोजेक्ट को पूर्व विधायक भव्य बिश्नोई के कार्यकाल में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य आदमपुर में सीवरेज लाइन बिछाकर जलनिकासी की समस्या का समाधान करना था। मगर, यह प्रोजेक्ट अफसरों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
बिना बेस के लाइन बिछाने लगे, मिली शिकायतें
विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में कई तरह की धांधली सामने आई थी। सबसे बड़ी खामी यह थी कि सीवरेज लाइन को बिछाने से पहले किसी तरह के बेस का इस्तेमाल नहीं किया गया था। नियमानुसार, पाइप लाइन डालने से पहले नीचे बेस बनाना जरूरी होता है। प्रोजेक्ट की डीपीआर में बेस बनाने का जिक्र है और इसकी लागत भी डाली गई है।
अढ़ाई फुट की गहराई में बिछा डाली पाइप लाइन
दूसरी तरफ, सीवरेज लाइन ढाई फुट की गहराई में ही बिछाई जा रही है, जबकि नियमों के अनुसार 5 से 6 फुट की गहराई जरूर होनी चाहिए। विजिलेंस हेड ऑफिस के एसई दीपक गोयल और हिसार विजिलेंस अफसर अजीत कुमार के अलावा अन्य सदस्य जांच टीम में शामिल रहे थे।