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Haryana News : नारनौल में एसई से बोला डीसी, नॉनसेंस, अरविंद शर्मा ने नोटिस देने का दिया आदेश

Haryana News :

  • कष्ट निवारण समिति की बैठक में करारोद में जल निकासी का मुद्दा आया
  • समाधान के निर्देश देने के बावजूद काम न होने पर भड़के अधिकारी
  • शहर में बदहाल सीवरेज व्यवस्था का बैठक में गूंजा मुद्दा, मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने लिखित जवाब मांगा

हरियाणा के नारनौल में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में एक बार फिर अधिकारियों की मनमानी का मामला उजागर हुआ। नारनौल में शहर में कई माह से सीवरेज व्यवस्था बदहाल है। शायद ही ऐसा कोई वार्ड हो जहां सीवरेज समस्या न हो। ऐसा भी नहीं कि इन समस्याओं से जनस्वास्थ्य विभाग अनभिज्ञ हो। बार–बार शिकायत देने के बाद भी समाधान नहीं हो रहा है। हरिभूमि लगातार इस समस्या को उठा रहा है। अब इसी समस्या की गूंज शुक्रवार को कष्ट निवारण समिति की बैठक में सुनाई दी। बैठक में मौजूद अधिकांश लोगों ने जनस्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। जब ढाणी किरारोद में बरसाती पानी निकासी नहीं होने का सवाल वहां मौजूद सुरेंद्र सैनी एडवोकेट ने उठाया तो डीसी ने जवाब दिया कि यह मामला उनकी नॉलेज में है। इसके लिए डीआरओ को भेजा था। समस्या सही मिलने पर जनस्वास्थ्य विभाग को निकासी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। डीसी ने हैरानी जताते हुए कहा कि अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं होना वाकिए गलत है। इस पर जनस्वास्थ्य विभाग के एसई ने जवाब दिया कि उनकी नॉलेज में यह मामला ही नहीं है। इस पर डीसी को गुस्सा आ गया और बोले…वाट नॉनसेंस। मामले से अवगत करवाने के बाद भी आपको नहीं पता। फिर मामला गर्माया गया। यह नजारा देख रहे सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने डीसी को निर्देश दिए कि अधिकारियों को लिखित में नोटिस देकर एक माह में जवाब मांगे। अगर आप अधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं होते है तो इन्हें सीधा सस्पेंड करें।
यह बोले एडवोकेट सुरेंद्र सैनी
बैठक की शिकायतों की सुनवाई के दौरान ढाणी किरारोद निवासी एडवोकेट सुरेंद्र सैनी ने कहा कि उनके गांव में दो माह से करीब 200 एकड़ में बारिश का पानी खड़ा है। बारिश का पानी खड़ा होने के कारण किसानों की खरीफ फसल पूरी तरह से खराब हो गई तथा किसान रबी की फसल की भी बिजाई नहीं कर पा रहे हैं। एडवोकेट ने बताया कि विधायक, चेयरमैन व विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर विजिट कर चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। इसी दौरान उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने जनस्वास्थ विभाग के एसई से कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आने के बाद डीआरओ को बोलकर विजिट करा दी गई थी। डीआरओ की रिपोर्ट से मिलने के बाद मैंने जनस्वास्थ्य विभाग को कहा था कि अगर बारिश का पानी है तो सिंचाई विभाग से बात करके नहर में डाल देना। अब 20 दिन हो गए क्या आपने नहर में पानी डलवाया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर डीसी ने कहा कि वाट नॉनसेंस। वहीं सहकारिता मंत्री जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने अधिकारी से पूछा कि क्या आपके कर्मचारी आपकी बात मानते हैं।

मंत्री ने डीसी को दिए अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश

बैठक में सबसे अधिक शिकायतें जनस्वास्थ्य विभाग से थी। वहीं, नगर परिषद की कार्यशैली पर भी आमजन की ओर से सवाल उठाए गए। लोगों ने कहा कि अधिकारी उनके फोन तक नहीं उठाते। सहकारिता मंत्री ने डीसी से कहा कि इन सभी विभागों के अधिकारियों को लिखित में नोटिस देकर जवाब मांगे जाएं। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर टेलीफोन नहीं उठाओंगे, अगली मीटिंग में किसी ने शिकायत की तो एक्शन लिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि अगर फोन नहीं उठाओंगे तो जनता क्या करेगी। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह न्याय की सरकार है। एक-एक नागरिक को संभालने वाले हम हैं। आप फोन नहीं उठाते, तो कैसे चलेगा।

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