Haryana News
- -सीएम सैनी ने कुरुक्षेत्र में दी सौगात, 24 करोड़ की लागत आई
- -पोषण माह की 8वीं वर्षगांठ पर पोषण कैलेंडर का भी अनावरण
- -महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर सरकार का फोकस
- -सैनी बोले, स्वस्थ नारी ही परिवार और सशक्त भारत की नींव
- -10 लाख से अधिक बच्चों और 2.5 लाख माताओं को मिल रहा पूरक पोषण का लाभ
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र में पोषण माह की 8वीं वर्षगांठ पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में महिलाओं और बच्चों को बड़ी सौगात दी। सीएम ने महलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर फोकस आंगनबाड़ी ढांचे को नई मजबूती प्रदान करते हुए 15 करोड़ से 500 नवीनीकृत आंगनबाड़ी भवनों का लोकार्पण और 9 करोड़ की लागत से बने 64 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का उद्घाटन किया। सीएम ने कहा कि पोषण अभियान से प्रदेश में 10 लाख से अधिक बच्चों और 2.5 लाख माताओं को पूरक पोषण का लाभ दिया जा रहा है। इस अवसर पर सीएम ने पोषण कैलेंडर का भी अनावरण किया और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों ने पोषण माह, स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार व महिलाओं के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर आधारित लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
2018 में शुरू हुआ पोषण अभियान
बता दें कि 8 मार्च, 2018 को राजस्थान के झुंझुनू से देशव्यापी पोषण अभियान की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी। इस अभियान के 8 साल हो गए हैं। यह पोषण माह महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा और बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इस पोषण अभियान का उद्देश्य 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण स्तर में सुधार करना है। वहीं इस साल पोषण माह की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 17 सितम्बर को अपने 75वें जन्मदिन पर मध्य प्रदेश से की थी। उसी दिन उन्होंने राष्ट्रव्यापी ‘स्वस्थ नारी—सशक्त परिवार’ अभियान का शुभारंभ भी किया था।
मोटापे पर नियंत्रण रखें
सीएम ने कहा कि 8वें पोषण माह का थीम व्यापक है। इसमें ‘मोटापे पर नियंत्रण, नन्हें बच्चों की देखभाल, एक पेड़ मां के नाम, बच्चों और महिलाओं की देखभाल में पुरुष सहभागिता और स्थानीय खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देना’ शामिल है। हमारा प्रयास केवल पोषण की जानकारी देना भर नहीं है, हम चाहते हैं कि लोगों को जागरूक कर जीवनशैली में स्थायी बदलाव लाया जाए।
स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार
सैनी ने कहा कि नारी का स्वास्थ्य, परिवार की सबसे बड़ी संपत्ति है। स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार का आधार है और सशक्त परिवार ही सशक्त भारत का आधार है। नारी के सशक्त होने से समाज मजबूत होता है, इसलिए महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर देशभर में लाखों स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं, जिनमें लाखों बहनों का स्वास्थ्य परीक्षण प्रतिदिन हो रहा है। उन्होंने माताओं और बहनों से अपील की कि वे अवश्य समय निकालकर इन शिविरों में जाकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।
प्रदेश में चल रहे 500 क्रेच
-कामकाजी महिलाओं के छोटे बच्चों की देखभाल के लिए ‘विस्तृत क्रेच नीति’ लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। हरियाणा के सभी जिलों में 628 आंगनवाड़ी केंद्रों को आंगनवाड़ी-सह-क्रेच में बदलने की स्वीकृति दी है। इस समय प्रदेश में 500 क्रेच चल रहे हैं। इनमें से 303 क्रेच आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करके बनाए गए हैं। शेष 197 स्टैण्डलोन क्रेच चल रहे हैं। इन क्रेच सेवाओं का लाभ 3,670 से अधिक कामकाजी महिलाओं को हो रहा है।
कुपोषण को दूर करना लक्ष्य
कुपोषण को दूर करने के लिए प्रदेश में पूरक पोषण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत 6 माह से 6 वर्ष की आयु के 10 लाख 47 हजार बच्चों और 2 लाख 67 हजार गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषाहार दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी में आने वाले बच्चों, गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करने के लिए ‘मुख्यमंत्री दूध उपहार’ योजना चलाई जा रही है। इस योजना में 6 वर्ष तक के लगभग 8 लाख 28 हजार बच्चों तथा लगभग 3 लाख गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं को फोर्टिफाइड दूध दिया जा रहा है। इसके अलावा, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषाहार के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है। ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ में पहले बच्चे पर 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। दूसरा बच्चा बेटी होने पर 6,000 रुपये दिए जाते हैं। जिन महिलाओं का दूसरा बच्चा बेटा होता है, उनके लिए प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना’ लागू की है। इसके तहत 5 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है।
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