Haryana
- -हरियाणा में सरकार की ताजपोशी की तैयारी, दिल्ली में मंथन
- सीएम के अलावा दर्जनभर चेहरे होंगे शामिल, मनोहरलाल पार्ट वन की तर्ज पर पंचकूला में शपथ ग्रहण की तैयारी, एक तीर से कईं निशाने साधेगी भाजपा
- देश के पीएम नरेंद्र मोदी और कईं राज्यों के मुख्यमंत्री को बुलाने की तैयारी
- भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने बड़ौली बोले, अभी तारीख पर फैसला नहीं
- कहा कि दशहरा और 15 तारीख जैसी अभी कोई बात नहीं
- गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाजपा विधायक दल की बैठक
Haryana : चंडीगढ़। सूबे में भारतीय जनता पार्टी की हैट्रिक लगने के साथ ही मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के साथियों को शपथ दिलाए जाने की तैयारी तेज कर दी गई है। इस बार का शपथ ग्रहण समारोह मनोहरलाल पार्ट सरकार की तरह से पंचकूला खुले मैदान में करने की तैयारी है। जिसमें सीएम के अलावा 12 अन्य चेहरों को शामिल किए जाने की सूचना मिल रही है। राज्य में सरकार के गठन और विधायकों में कौन-कौन से चेहरे होंगे, इसको लेकर दिल्ली में हाईकमान दो दिनों से चिंतन मंथन में जुटा हुआ है। इतना जरूर है कि शपथ ग्रहण समारोह में कई राज्यों के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, योगी आदित्यनाथ सीएम यूपी सहित तमाम दिग्गज नेताओं को बुलाने की तैयारी है।
मेल मुलाकातों में जुटे नेता
दिल्ली में कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ-साथ भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और तमाम नेताओं से
मुलाकात कर इस पर मंथन कर चुके हैं। चर्चा है कि मुख्यमंत्री के साथ-साथ उनके मंत्रिमंडल में दर्जनभर शहरों को शामिल किया जाएगा। पार्टी के अंदर तीसरी बार की सरकार में सबसे वरिष्ठ और अनुभवी अंबाला छावनी से सातवीं बार चुनाव जीतने वाले अनिल विज का नाम सबसे पहले लिया जा रहा है। विज पूर्व की दोनों सरकारों में एक बार मंत्री रह चुके हैं। उनको मंत्रिमंडल में शामिल कर पंजाबी समुदाय को साधने का प्रयास होगा हालांकि इस समुदाय से भी दो मंत्री बनने जा रहे हैं।
कई अनुभवी चेहरे
वैसे, विज पर जातिगत राजनीति करने का आरोप नहीं रहा। उनके अलावा कृष्ण बेदी वाल्मीकि समुदाय से आते हैं इसके साथ-साथ कृष्ण लाल पंवार अनुसूचित जाति जाटव समाज से पुराने अनुभवी चेहरे हैं। पूर्व में भी वह मंत्री रह चुके हैं। इसी क्रम में अरविंद शर्मा ब्राह्मण कोटे से जबकि कृष्णा मिड्ढा मनोहर पार्ट टू में रह गए थे, इस बार मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, जो पंजाबी समुदाय से आते हैं। उनके पिता स्वर्गीय डा. मिढ़ा भी जींद से विधायक रह चुके थे, जिनके स्वर्गवास के बाद कृष्ण मिड्ढा ने विरासत संभाल ली।महिपाल ढांडा भारी मतों से जीतकर आए हैं। जो जाट समुदाय से आते हैं।
मूलचंद का नाम भी आगे
ब्राह्मण समुदाय से मनोहर सरकार पार्ट-2 में मंत्री रहे मूलचंद शर्मा का नाम भी प्रमुख रूप से लिया जा रहा है। अहीर बेल्ट में लक्ष्मण सिंह यादव जीत कर आए हैं। इनके अलावा यादव समाज से ही राव नरबीर एक बड़ा नाम है। इन नामों में आरती राव वरिष्ठ नेता राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं, भाजपा उन्हें भी स्थान देकर नए चेहरों को मौका देकर जनता में अच्छा संदेश देने की तैयारी में हैं, जेल की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए जाट समुदाय से सुनील सांगवान पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के पुत्र हैं। उन्होंने चुनाव से ठीक पहले भाजपा ज्वाइन की थी। इसी प्रकार से विपुल गोयल मनोहर सरकार पार्ट वन में मंत्री रह चुके हैं। पार्ट 2 में उनकी टिकट काट दी गई थी। वैश्य समुदाय से आने वाले विपुल गोयल का भी मंत्री बनना तय है। साथ ही गुर्जर समुदाय से तेजपाल तंवर के मंत्री बनने की संभावना अधिक है, क्योंकि इस बार कंवरपाल गुर्जर चुनाव हार गए हैं। इस प्रकार से हरियाणा में दो-दो पंजाबी समुदाय, दो ब्राह्मण समुदाय से और दो चेहरे जाट और दो ही यादव जाति से मंत्री बनाए जाने की सूचना है। वहीं एक वैश्य समाज से, एक गुर्जर समाज,वाल्मीकि समाज से एक प्रतिनिधि लेने पर मंथन हुआ है। जाट समाज से एक विधायक को मंत्री पद दिए जाने की तैयारी है।
नए चेहरों को मिलेगा मौका क्योंकि पुराने चुनाव हारे
हारने वाले चेहरों की बात करें, पूर्व मंत्रियों की बात करें तो इनमें थानेसर कुरुक्षेत्र से सुभाष सुधा और नूहू सीट से संजय सिंह, अंबाला शहर असीम गोयल, हिसार से कमल गुप्ता व जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर चुनाव हार गए हैं। लोहारू से जेपी दलाल चुनाव हारे जबकि नांगल चौधरी से पूर्व प्रशासनिक अफसर रहे अभय यादव चुनाव हार गए हैं। रनिया सीट से रणजीत चौटाला को हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि वे विस चुनावों में टिकट काट दिए जाने के कारण नाराज भी हो गए थे। हारने वाले मंत्रियों के कारण इस बार नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना ज्यादा है। भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं ने वैसे तो पहले से ही नायब सैनी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था। उसके बावजूद अब संसदीय बोर्ड से उनके नाम पर मुहर लगवाई जाएगी। प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम की कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है, इसलिए सैनी को जिम्मेदारी मिलना एक बार फिर से तय है। भाजपा ने इस बार 48 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत पा लिया है। हरियाणा में हैट्रिक लगाने वाली भाजपा ने नया इतिहास रच दिया है। पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा में किसी भी पार्टी ने तीसरी बार सरकार नहीं बनाई है, ऐसे में केंद्र के अंदर हरियाणा भाजपा का बहुत ही अच्छा संदेश गया है।
हैट्रिक लगने के बाद से दिल्ली में बल्ले बल्ले
हैट्रिक से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा जेपी नड्डा बेहद खुश हैं। उन्होंने हरियाणा भाजपा मामलों के प्रभारी, सह प्रभारी तमाम टीम की पीठ थपथपाई है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी पिछले दो दिनों से दिल्ली में हैं।हरियाणा की भाजपा अब हर इलाके और हर वर्ग को साधने का काम करेगी ताकि एक तीर से कई निशाने साधे जा सकें। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के अंदर यह संदेश देना चाहती है कि वे किसी जाति विशेष को लेकर राजनीति नहीं करते।
https://vartahr.com/haryana-brainsto…-the-new-cabinet/