Gurmeet :
- -शीर्ष अदालत ने नोटिस भेजकर मांगा जवाब
- -सीबीआई कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद, हाईकोर्ट ने किया था बरी
- -अब सुप्रीम कोर्ट में चलेगी सुनवाई,
- -साध्वियों की चिट्ठी के शक में डेरा मैनेजर की हुई थी हत्या
भाषा. नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में सिरसा स्थित डेरे के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर विचार करने पर शुक्रवार को सहमति जताई है। शीर्ष कोर्ट ने राम रहीम को नोटिस जारी किया है। इस मामले में सीबीआई की कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 28 मई, 2024 को मामले की जांच को खराब और अधूरा बताते हुए राम रहीम और उसके साथियों को बरी कर दिया था। अब सीजेआई की बेंच ने इस केस को सुनवाई के लिए जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच को सौंप दिया है।
रोहतक की सुनारियां जेल में बंद है गुरमीत
हाईकोर्ट ने कहा था कि मीडिया को रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार करने के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहे सिरसा के गुरमीत सिंह वर्तमान में रोहतक की सुनारियां जेल में बंद है। सिंह को पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के लिए भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जो उसकी मौजूदा सजा पूरी होने के बाद शुरू होगी।
पांच व्यक्तियों को नोटिस जारी
शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने गुरमीत समेत बरी किए गए पांच व्यक्तियों को नोटिस जारी किए। पीठ ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इन दलीलों पर गौर किया कि न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने बरी किए गए व्यक्तियों को उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ मृतक के पिता द्वारा दायर एक अलग याचिका पर नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा, हमारा ध्यान न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की पीठ द्वारा पारित आदेश के संबंध में नौ सितंबर, 2024 की अदालती रिपोर्ट की ओर आकर्षित किया गया है। नोटिस जारी करें। मामला न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।”
यह था मामला
दस जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियान गांव में 4 हमलावरों ने रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या का षड़यंत्र गुरमीत राम रहीम ने रचा था, क्योंकि उसे संदेह था कि सिंह ने एक गुमनाम पत्र सार्वजनिक किया है, जिसमें गुरमीत पर अपनी महिला अनुयायियों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया था।
https://vartahr.com/gurmeet-gurmeet-…rs-to-file-reply/