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Flood : उत्तराखंड में बादल फटा, पूरा गांव जमींदोज, 4 की मौत, 50 लापता

Flood

  • 34 सेकेंड में घर और होटल मलबे में दबे, 20 से अधिक बचाए
  • धराली गंगोत्री धाम के पास हादसा, खीर गंगा नदी में आई बाढ़
  •  एसडीआरएफ-एनडीआरएफ और सेना के जवान बचाव में जुटे
  •  हर तरफ मची चीख पुकार, दो दिन से हो रही थी भारी बरसात
  •  पीएम मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने शोक प्रकट किया

Flood : उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में बाढ़ आने से 34 सेकेंड में ही पूरा गांव जमीदाेज हो गया। घर होटल सब कुछ मलबे में दब गया। अचानक आई इस आपदा में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता होगा। बचसव दल ने 20 लोगों की बचा लिया है। हादसे के बाद हर तरफ चीख पुकार मच गई। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सेना, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा जिला प्रशासन की टीम राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। प्रशासन का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। खीर गंगा नदी में पहाड़ों से बहकर आए मलबे से धराली का बाजार, मकान और होटल बह गए। सिर्फ 34 सेकेंड में सब कुछ बर्बाद हो गया। धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है।

यह बोले प्रत्यक्षदर्शी

एक स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी राजेश पंवार ने बताया कि खीर गंगा के जल ग्रहण क्षेत्र के उपर बादल फटा जिसकी वजह से नदी में विनाशकारी बाढ़ आ गयी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि नदी में ऊपर से भारी मात्रा में तेजी से पानी और मलबा आया और देखते ही देखते मकान और होटल उसकी चपेट में आ गए।

लोग जान बचाकर भागते दिखे

इस आपदा के कई वीडियो सामने आए। इनमें लोग जान बचाने के लिए यहां-वहां भागते नजर आए। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।जो लोग इसके वीडियो बना रहे थे, वो लोगों से दूरी होने के बाद भी चिल्ला-चिल्लाकर बचने के लिए कह रहे थे। आपदा के बाद धराली में 30 फीट तक मलबा जम गया। बाजार की कई दुकानें और आसपास के मकान जमींदोज हो गए।

धराली गंगोत्री धाम से 18 किमी दूर

धराली गांव उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक छोटा पहाड़ी गांव है। यह गांव भागीरथी नदी के किनारे, हर्षिल घाटी के पास बसा हुआ है। धराली गांव गंगोत्री यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव है। गंगोत्री धाम से पहले यह अंतिम बड़ा गांव है, जहां से लोग आगे की कठिन चढ़ाई के लिए रुकते हैं। तीर्थयात्रियों को यहां रहने और खाने की सुविधा मिलती हैं। देहरादून से 218 किमी और गंगोत्री धाम से 18 किमी दूर है। अब तक यह सामने नहीं आया है कि आपदा के वक्त यहां कितने लोग मौजूद थे। प्रशासन का कहना है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

सीएम धामी ने शोक जताया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली में हुए भारी नुकसान पर दुख जताया और प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि धामी ने कहा कि वह निरंतर वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति की नियमित जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

पीएम मोदी ने ली जानकारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही, मैं सभी प्रभावित लोगों की कुशलता की कामना करता हूं। मैंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से बात की है और स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की है।” उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव दल अपने काम में जुट गये हैं। ‘लोगों को सहायता पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।’

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