ED Raid
- पंजाब में अमृतसर, संगरूर, पटियाला, मोगा में कार्रवाई
- हरियाणा में अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल में संदिग्धों, एजेंटों के कार्यालय खंगाले
- धनशोधन रोकथाम कानून के तहत की गई छापेमारी
- यात्रा, वीजा एजेंटों और बिचौलियों के खिलाफ 17 केस दर्ज
- अमेरिका डिपोर्ट किए गए लोगों ने की थी शिकायत
- दर्जनों लोगों से दस्तावेज जब्त किए गए
ED Raid : जालंधर/करनाल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब एवं हरियाणा के लोगों को ‘डंकी रूट’ के जरिए विदेशों में भेजने वाले नेटवर्क पर छापे मारे। इस साल अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों की शिकायत के आधार पर बुधवार को ईडी ने पंजाब और हरियाणा में एजेंटों, बिचौलियाें से जुड़े 11 ठिकानों पर छापे मारे। सूत्रों ने बताया कि पंजाब में अमृतसर, संगरूर, पटियाला, मोगा और हरियाणा में अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल में संदिग्धों, एजेंटों के कार्यालयों व आवासों की धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत तलाशी ली। यह मामला पंजाब और हरियाणा पुलिस द्वारा उन यात्रा/वीजा एजेंटों और बिचौलियों के खिलाफ दर्ज 17 प्राथमिकियों से उपजा है, जिन्होंने अवैध रूप से अमेरिका जाने के इच्छुक विभिन्न लोगों के साथ धोखाधड़ी की।
यूएस से निर्वासित लोगों के बयान दर्ज
इस साल फरवरी में इन दोनों राज्यों और कुछ अन्य राज्यों से कई भारतीयों को अमेरिकी सैन्य विमानों से भारत प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में ईडी ने कुछ निर्वासित लोगों के बयान दर्ज किए थे। इन बयानों और इससे संबंधित जांच से कुछ संदिग्धों के नाम सामने आए हैं और उनकी तलाश की जा रही है।
झूठा वादा करते हैं एजेंट
एजेंट विदेश जाने के इच्छुक निर्दोष लोगों को निशाना बनाते थे और उन्हें कानूनी माध्यमों और उड़ानों के जरिए अमेरिका भेजने का झूठा वादा करके हर व्यक्ति से 45-50 लाख रुपये वसूलते थे। एजेंट इन लोगों को ठगते थे क्योंकि उन्हें तस्करों और माफियाओं के जरिए खतरनाक/जंगल मार्गों से अवैध रूप से कई देशों की सीमाओं को पार करके ‘डंकी रूट’ (अवैध मार्गों) से अमेरिका भेजा जाता था।
करनाल में एजेंट चांद के घर छापेमारी
करनाल में ईडी की टीम ने अवैध मानव तस्करी के संदेह में सुबह लगभग 5:30 बजे कालराम गांव एक एजेंट चांद के घर छापेमारी की। उस पर युवाओं को अवैध रूप से विदेश भेजने का आरोप है। ईडी की तीन गाड़ियां जब गांव पहुंचीं, तो गांव में हलचल मच गई। चांद के घर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया गया और बाहर जवान तैनात कर दिए गए, ताकि कोई अंदर-बाहर न जा सके। चांद का कोई औपचारिक दफ्तर नहीं था। वह सीधे लोगों से संपर्क करता और विदेश भेजने की डील करता था। अमेरिका से डिपोर्ट हुए कुछ युवकों की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि उनमें से 2-3 युवक चांद के संपर्क में थे और उसी के माध्यम से विदेश गए थे।