• Thu. Nov 13th, 2025

Devuthani Ekadashi : देवउठनी एकादशी पर खूब बजी शहनाइयां, 10,000 से अधिक जोड़े परिणय सूत्र में बंधे

Devuthani Ekadashi

  • प्रदेश के सभी जिलाें में सुबह से लेकर रात तक शहरों, गली और मोहल्लों में गूंजते रहे मंगल गीत
  • मैरिज पैलेस, होटल और सभी धर्मशालाओं की बुकिंग रही फुल
  • डीजे, ढोल-नगाड़ाें और घोड़ा बग्गियों की भी जमकर रही डिमांड
  • हर जिले में बारातियों और परिजनों ने भी जमकर माचाया धमाल

 


हरियाणा। देवउठनी एकादशी के अवसर पर शनिवार को पूरे प्रदेश में जमकर शहनाइयां बजी। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 10,000 से अधिक जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। शनिवार को सुबह से लेकर रात सभी शहरों में शादियों की धूम रही। शहर और गांव की गली, कालोनी और मोहल्लों में मंगलगीत गूंजते रहे। हर जगह लडिय़ां और शमियाने लगे। देर रात तक बैंड-बाजों की तेज धुन बजती रही। गुलाबी ठंड में बाहर से आए बारातियों के कारण शहर के मैरिज पैलेसों, होटलों व धर्मशालाओं में रौनक का-सा माहौल दिखाई दिया। शहरों में मैरिज पैलेस, होटल और सभी धर्मशालाओं की बुकिंग फुल रही। वहीं गांवों में जगह-जगह शामियाने लगे रहे। डीजे, ढोल-नगाड़ाें और घोड़ा बग्गियों की भी जमकर डिमांड रही। हर जिले में बारातियों और परिजनों ने भी शादियों में जमकर धमाल मचाया।

प्रशासन ने बाल विवाह पर रखी नजर

एक अनुमान के अनुसार शनिवार को फतेहाबाद शाह में 100 से अधिक जोड़े विवाह के परिणय सूत्र में बंधे। वहीं पूरे जिले की बात करें तो यह संख्या 500 से अधिक रही। रोहतक, सोनीपत और अंबाला समेत प्रदेश के लगभग सभी जिलों में यही हाल रहे। पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार रविवार 2 नवम्बर को भी शादियों की धूम रहेगी। शनिवार को हुई शादियों पर जिला प्रशासन की भी कड़ी निगाह रही। बाल विवाह रोकने को लेकर प्रशासनिक टीमें अलर्ट नजर आई। शादियों का सीजन शुरू होने से शहर के बाजारों में भी पूरी रौनक नजर आई।

देवों के उठने के बाद ही सारे शुभ काम होते हैं

शहर के विख्यात ज्योतिष शास्त्री पंडित राजेश शर्मा के अनुसार भगवान विष्णु चार मास के लिए विश्राम करते हैं, जिसे चातुर्मास बोला जाता है। 25 जुलाई को भगवान विष्णु नींद में गए थे, जिसे देवशयनी के नाम से जाना जाता है। इस दौरान सभी शुभ काम वर्जित होते हैं। माना जाता है कि देवों के उठने के बाद ही सारे शुभ काम पूरे होते हैं। आज कार्तिक एकादशी पर भगवान विष्णु द्वारा अपनी निद्रा से उठने के बाद विवाह का शुभ संयोग बना। जिस कारण देवउठनी एकादशी का दिन विवाह के लिए सबसे बड़ा सावा निकला। शनिवार को शहर में रतिया रोड पर किंग्स एम्पायर, कुलदीप पैलेस, फाइव एकड़, दीप होटल, ड्यूक होटल, होटल 7 स्पाइस के अलावा शहर की सभी धर्मशालाओं में दिन-रात बाहर दूर-दराज से बारातें आई। शहर में बाहर से आए बारातियों के कारण अजीब-सा माहौल दिखाई दिया। शहर की कोई ऐसी गली नहीं थी, जहां शहनाईयों की धून व मंगल गीत की गूंज सुनाई न दे रही हो। पिछले चार महीने से परिणय सूत्र में बंधने का इंतजार कर रहे जोड़ों ने सात फेरे लिए। आज से शुरू हुआ शादियों का सिलसिला दिसम्बर माह में भी जारी रहेगा।

नवम्बर में 13 तो दिसम्बर में 3 दिन रहेगी शादियों की धूम

ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश शर्मा के अनुसार नवंबर और दिसंबर में कुछ ऐसे विशेष दिन हैं जो विवाह के लिए अत्यंत शुभ माने गए हैं। देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर का महीना विवाह के लिए बेहद अनुकूल रहेगा। इस माह कुल 13 शुभ तिथियां मिल रही हैं जिन पर विवाह करना अत्यंत शुभ माना गया है। नवम्बर माह में एक नवंबर के बाद 2, 3, 5, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 व 30 नवम्बर के दिन शुभ है। नवंबर की तुलना में दिसंबर महीने में विवाह के लिए कम मुहूर्त उपलब्ध होंगे। पंचांग के अनुसार दिसंबर में केवल 3 शुभ तिथियां विवाह के लिए शुभ रहेंगी, इनमें 4, 5 व 6 दिसम्बर शामिल है। शहर के प्रमुख ज्योतिष पंडित राजेश शर्मा के अनुसार हर क्षण में ग्रह और नक्षत्र अपनी स्थिति बदलते रहते हैं। ऐसे में उनका प्रभाव मानव जीवन पर सीधा पड़ता है। शुभ मुहूर्त वह समय होता है जब ग्रहों की स्थिति वर-वधू के पक्ष में होती है। इस अवधि में किया गया विवाह न केवल दांपत्य जीवन में सौभाग्य और स्थिरता लाता है, बल्कि देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *