Cabinet
- -केंद्र ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों का कल्याण के लिए उठाया कदम
-एफसीआई ने 1964 में 100 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी और 4 करोड़ रुपये की इक्विटी के साथ शुरू की थी अपनी यात्रा
Cabinet : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कार्यशील पूंजी के लिए 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना और देश भर के किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है। सीसीईए के अनुसार यह रणनीतिक कदम किसानों को समर्थन देने और भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गौरतलब है कि एफसीआई न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्नों की खरीद, रणनीतिक खाद्यान्न भंडार के रखरखाव, कल्याणकारी उपायों के लिए खाद्यान्नों के वितरण और बाजार में खाद्यान्नों की कीमतों के स्थिरीकरण के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
1964 में शुरू हुई यात्रा
एफसीआई ने 1964 में 100 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी और 4 करोड़ रुपये की इक्विटी के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी। एफसीआई के संचालन में कई गुना वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप फरवरी, 2023 में अधिकृत पूंजी 11,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गई। वित्तीय वर्ष 2019-20 में एफसीआई की इक्विटी 4,496 करोड़ रुपये थी, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 10,157 करोड़ रुपये हो गई। अब, भारत सरकार ने एफसीआई के लिए 10,700 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण इक्विटी को मंजूरी दी है, जो इसे वित्तीय रूप से मजबूत करेगी और इसके परिवर्तन के लिए की गई पहलों को एक बड़ा बढ़ावा देगी। इक्विटी का निवेश एफसीआई की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि वह अपने अधिदेश को प्रभावी ढंग से पूरा कर सके। एफसीआई फंड की आवश्यकता से जुड़ी कमी को पूरा करने के लिए अल्पकालिक उधार का सहारा लेता है। इस निवेश से ब्याज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी और अंततः भारत सरकार की सब्सिडी कम होगी
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