Boxing word Championship
- -विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में छाई रोहतक की बेटी
- – 48 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया की लुत्सैखानी अल्टांटसेत्सेग को 5-0 ससे हराया
- -इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज
- -एशियाई चैंपियनशिप और विश्व कप में रजत पदक जीत चुकीं मीनाक्षी ने गैर ओलंपिक 48 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल में 2023 की विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता के खिलाफ 5-0 से शानदार जीत दर्ज की
Boxing word Championship : रोहतक। हरियाणा की बेटी और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की होनहार बॉक्सर मीनाक्षी हुड्डा ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुँचकर नया इतिहास रच दिया है। महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में मीनाक्षी ने मंगोलिया की बॉक्सर अल्तांत्सेत्सेग लुत्सेखान को शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वसम्मत निर्णय से 5-0 से पराजित किया। इससे पहले भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर कार्यरत स्टार बॉक्सर जैस्मिन लम्बोरिया और भारतीय रेलवे की होनहार बॉक्सर नूपुर श्योराण भी अपने-अपने वर्ग में फाइनल में पहुँच चुकी हैं। एशियाई चैंपियनशिप और विश्व कप में रजत पदक जीत चुकीं मीनाक्षी ने गैर ओलंपिक 48 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल में 2023 की विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता के खिलाफ 5-0 से शानदार जीत दर्ज की। इस जीत के साथ 24 साल की मीनाक्षी ने राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जैस्मीन लंबोरिया (57 किग्रा) और हैवीवेट मुक्केबाज (80 किग्रा से अधिक) नूपुर श्योराण के साथ फाइनल में जगह बनाई। जैस्मीन और नूपुर ने अपनी-अपनी श्रेणियों में शानदार जीत दर्ज कर शुक्रवार रात को फाइनल का टिकट कटाया था।
पूजा का भी पदक पक्का
प्रतियोगिता में पदक पक्का करने वालों में पूजा रानी (80 किग्रा) भी शामिल है। पूजा सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगी। मीनाक्षी का इस प्रतियोगिता में ऐसा दबदबा रहा है कि उनकी हर जीत सर्वसम्मत फैसले से हुई है। पहले राउंड में बाई मिलने के बाद उन्होंने चीन की वांग किउपिंग और इंग्लैंड की एलिस पम्फ्रे को 5-0 के एक जैसे अंतर से हराया। इस जीत के साथ उन्होंने हर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीतने का अपना शानदार सिलसिला जारी रखा है।
आत्मविश्वास से भरी मीनाक्षी
एशियाई चैंपियनशिप 2022 में 52 किलोग्राम भार वर्ग में मीनाक्षी पहले भी अल्टांटसेत्सेग को हरा चुकी थीं और ऐसे में वह आत्मविश्वास से भरी थीं। रुड़की में एक ऑटो-रिक्शा चालक के घर जन्मी, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की इस कांस्टेबल ने अपने खेल में आक्रामक और धैर्य दोनों तरह के कौशल के शानदार मिश्रण का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी पहुंच का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए खेल की गति को नियंत्रित किया। मीनाक्षी ने पहले ही राउंड में जोरदार सीधे पंचों से अपनी पकड़ बना ली। इस दौरान उनकी एक जोरदार बैकहैंड से मंगोलिया की मुक्केबाज गिर गईं, जिससे रेफरी को गिनती शुरू कर उनके खड़े होने का इंतजार करना पड़ा। अल्टांटसेत्सेग ने मुकाबले में वापसी के लिए बेतरतीब वार किए लेकिन मीनाक्षी ने अपना बचाव बनाए रखा और जवाबी प्रहार से उसे उलझाये रखा। मीनाक्षी अपने बैकहैंड ने प्रतिद्वंद्वी के के रक्षण को बार बार भेदने में सफल रही और दबदबे के साथ तीनों चरण में जीत दर्ज की।
फाइनल में कजाखिस्तान की नाजिम किज़ायबे की चुनौती
अब मीनाक्षी के सामने अब फाइनल में कजाखिस्तान की नाजिम किज़ायबे की चुनौती होगी। इससे पहले जून-जुलाई में अस्ताना में हुए विश्व कप फाइनल में दोनों मुक्केबाजों की भिड़ंत में कजाखिस्तान की मुक्केबाज ने जीत हासिल की थी।
यह बोले खेल प्रेरक अधिवक्ता राजनारायण पंघाल
खेल प्रेरक अधिवक्ता राजनारायण पंघाल ने चौथी महिला बॉक्सर और ओलिंपियन पूजा रानी बोहरा के भी फाइनल में पहुँचने की उम्मीद जताते हुए सभी भारतीय महिला मुक्केबाज़ों को अग्रिम शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं। इसी बीच भारतीय बॉक्सिंग संघ के महासचिव चौधरी प्रमोद कुमार युगल ने महिला बॉक्सिंग के इस शानदार प्रदर्शन पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि “महिला बॉक्सर लगातार देश का नाम रोशन कर रही हैं। इस बार फाइनल मुकाबलों में बॉक्सिंग को पसंद करने वाले दर्शकों को बेहतरीन मैच देखने को मिलेंगे।”