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Bijali bill : अब विभाग ने भी माना खर्चों में वृद्धि के कारण बिजली की दरों में इजाफा किया

Bijali bill

  • बिजली खरीद लागत और परिचालन खर्चों में लगातार वृद्धि हो रही
  • हरियाणा में बिजली की दरों में संशोधन अप्रैल 2025 से प्रभावी
  • बिजली की बढ़ी कीमतों को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को बना रहा निशाना

Bijali bill : चंडीगढ़। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के 28 मार्च 2025 के आदेश के अनुसार, हरियाणा डिस्कॉम्स की टैरिफ याचिका पर विभिन्न श्रेणियों के लिए बिजली की दरों में अप्रैल 2025 से संशोधन किया है। यह वित्तीय वर्ष 2017-18 के बाद पहली टैरिफ वृद्धि है, जो 7 साल के अंतराल के बाद हुई है, जबकि बिजली खरीद लागत और परिचालन खर्चों में लगातार वृद्धि हुई है। हरियाणा में बिजली विभाग ने भी माना है कि बिजली की दरों में वृद्धि हुई है, और इसका कारण बिजली उत्पादन और वितरण में बढ़ते खर्च हैं। विभाग ने बताया कि 2025-26 के वित्तीय वर्ष में, 4520.24 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान है, जिसे इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण बताया गया है। पिछले दशक में, वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक, एटी एंड सी (समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक) लॉसेस 29% से घटाकर 10% के स्तर पर लाया गया है।

संशोधित बिजली टैरिफ में क्या

संशोधित बिजली टैरिफ संरचना के अनुसार, सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) समाप्त कर दिया है।

-श्रेणी-1 के घरेलू उपभोक्ताओं (2 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड और 100 यूनिट तक की मासिक खपत वाले) के मासिक बिलों में वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में 49% से 75% तक की कमी आई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की दरों (एमएमसी के बिना) से तुलना करने पर, बिलों में वृद्धि 10% के भीतर है। हालांकि, पिछली टैरिफ संरचना (एमएमसी के साथ) की दरों से तुलना करने पर, बिल की राशि में काफी कमी आई है।

-श्रेणी-2 के उपभोक्ताओं (5 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड वाले) के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में बिलों में 3% से 9% की वृद्धि हुई है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में, इस श्रेणी के अधिकांश उपभोक्ताओं के बिलों में कमी दर्ज की गयी है, जिसमें केवल कुछ स्लैब में 1% से कम की वृद्धि देखी गई है। कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 94% श्रेणी-1 और 2 में आते हैं।

-श्रेणी-3 के उपभोक्ताओं के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में वृद्धि 5% से 7% तक है। इस श्रेणी में कम खपत स्तरों के लिए, प्रतिशत वृद्धि अधिक लग सकती है। हालांकि, इस श्रेणी में केवल 6% घरेलू उपभोक्ता ही आते है।

कुछ लोग फैला रहे भ्रम

हाल ही में, कुछ लोगों द्वारा यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है की बिजली बिल 4 गुना तक बढ़ गए है, यह दावे पूरी तरह गलत हैं। बिजली के बिलों का मूल्यांकन पिछले वर्ष के उसी महीने के हिसाब से किया जाना चाहिए, क्योंकि यह समान खपत पैटर्न को दर्शाता है। टैरिफ वृद्धि न्यूनतम और जायज़ रखी गयी है ।

यह स्लैब बनाए रखी

हरियाणा में घरेलू श्रेणी के लिए निश्चित शुल्क (फिक्स्ड चार्जेस) जीरो रुपये से 75 रुपये/किलोवाट तक और उच्चतम ऊर्जा स्लैब 7.50 रुपये/ यूनिट पर बनाए रखा है, जबकि, इसके विपरीत, पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये/किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क 8 रुपये/यूनिट तक है। वित्तीय वर्ष 2025-26की दरें वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में घरेलू श्रेणी के बिलों में मामूली वृद्धि और श्रेणी-1 के लिए कमी भी दर्शाती है।

घरेलू बिलों की तुलना: वित्तीय वर्ष 2025-26 बनाम वित्तीय वर्ष 2014-15 और वित्तीय वर्ष 2024-25®

उपभोक्ता श्रेणी Cat-I: लोड 2kW तक और खपत 100 यूनिट तक Cat-II: लोड 5kW तक Cat-III: लोड 5kW से अधिक
यूनिट खपत®50®100®150®200®400®600®800®1000®1200®
वित्तीय वर्ष 2014-15 (बिल राशि)®259.90®509.19®818.25®1,115.48®2,432.92®3,879.90®5,413.58®7,668.40®9,202.08®
वित्तीय वर्ष 2024-25 (MMC के साथ बिल राशि)®239.60®244.60®435.75®804.38®2,152®3,635®5,199®7,821®9,386®
वित्तीय वर्ष 2024-25 (MMC के बिना बिल राशि)®107.00®239.50®®®®®®®®
वित्तीय वर्ष 2025-26 (बिल राशि)®117.20®259.90®466.35®834.98®2,348®3,897®5,462®8,229®10,028®
% वृद्धि/कमी (बनाम 2014-15)®-54.91%®-48.96%®-43.01%®-25.15%®-3.48%®0.45%®0.89%®7.32%®8.98%®
% वृद्धि/कमी (बनाम 2024-25 MMC के साथ)®-51.09%®6.26%®7.02%®3.80%®9.12%®7.23%®5.05%®5.22%®6.85%®
% वृद्धि/कमी (बनाम 2024-25 MMC के बिना)®9.53%®8.52%®®®®®®®®

®®®®®®®®®®®®
®®®®®®®®®®®®®®®®

उपरोक्त तालिका से यह स्पष्ट है कि घरेलू श्रेणी के बिजली के बिलों में वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में वृद्धि 9.6% से कम है।

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