Bharat UK Trade Deal
- भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता
- 34 अरब डॉलर का कारोबार बढ़ेगा
- 99 फीसदी भारतीय सामान ब्रिटेन में टैक्स फ्री होगा
- पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम स्टारमर की मौजूदगी में हस्ताक्षर
- इस समझौते को लेकर तीन साल से चल रही थी वार्ता
- दोनों देशों के बीच बढ़ेगा व्यापार
Bharat UK Trade Deal : लंदन। भारत-ब्रिटेन ने बृहस्पतिवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए, जिससे सालाना द्विपक्षीय व्यापार में करीब 34 अरब डॉलर का इजाफा होने की उम्मीद है। इस समझौते से 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क समाप्त होने के साथ ब्रिटिश व्हिस्की, कारों एवं कई अन्य वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क में भी कटौती होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड ने इस पर हस्ताक्षर किए। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि इस एफटीए के लागू होने से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। यह ब्रिटिश कंपनियों के लिए व्हिस्की, कारों और अन्य उत्पादों का भारत में निर्यात भी आसान करेगा। इस तरह दोनों देशों के बीच कुल व्यापार में बढ़ोतरी होगी। दोनों देशों के बीच तीन साल की बातचीत के बाद इस व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया गया है। इससे भारतीय वस्तुओं को सभी क्षेत्रों में व्यापक बाजार पहुंच सुनिश्चित होने की उम्मीद है।भारत को लगभग 99 प्रतिशत उत्पाद श्रेणियों के पूरी तरह शुल्क-मुक्त होने से फायदा होगा। यह छूट लगभग 100 प्रतिशत व्यापार मूल्य को समाहित करती है।
भारत में यूके की व्हिस्की-कारें सस्ती होंगी
भारत में यूके की कारें, व्हिस्की, कपड़े और फुटवियर सस्ते होंगे। स्कॉच व्हिस्की और जिन पर भारत का टैरिफ 150% से घटकर 75% हो जाएगा। बाद में समझौते के दसवें साल तक इसे घटाकर 40% कर दिया जाएगा। उदाहरण- 5000 रुपये की स्कॉच बोतल 3500 रुपये में मिलेगी। कारों (जैसे जगुआर लैंड रोवर, रोल्स-रॉयस) पर टैरिफ 100% से कोटा सिस्टम के तहत 10% तक आ जाएगा।
यके से आयात होने वाले सैल्मन, लैंब, चॉकलेट, बिस्किट और सॉफ्ट ड्रिंक्स पर टैरिफ कम होगा। इससे ये उत्पाद सस्ते होंगे कॉस्मेटिक्स, मेडिकल उपकरण और एयरोस्पेस पार्ट्स पर कम टैरिफ से ये सामान सस्ते होंगे। टैरिफ 15% से घटकर 3% पर आ जाएगा। ब्रिटेन से आने वाले ब्रांडेड कपड़े, फैशन प्रोडक्ट्स और होमवेयर भी सस्ते होंगे। वहीं फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स भी कम कीमत पर मिलेंगे।
इन सेक्टर्स में आएगा बूस्ट
-टेक्सटाइल सेक्टर
-गहने और चमड़े का सामान
-इंजीनियरिंग सामान और ऑटो पार्ट्स
-दवाइयां और मेडिकल डिवाइस
-खाने-पीने का सामान, चाय, मसाले और समुद्री प्रोडक्ट्स
-केमिकल्स और स्पेशलिटी मटेरियल्स
-ग्रीन एनर्जी और क्लीनटेक
अर्थव्यवस्था को क्या फायदा
-निर्यात में बढ़ोतरी : भारत का यूके को निर्यात 2030 तक 29 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
-रोजगार बढ़ेगा : टेक्सटाइल और चमड़ा जैसे लेबर बेस्ड सेक्टर में नई नौकरियां पैदा होंगी। रोजगार दोगुना होगा।
-एमएसएमई को बढ़ावा : भारत के 6 करोड़ एमएसएमई को फायदा होगा। ये भारत के 40% निर्यात में योगदान देते हैं।
-निवेश में बढ़ोतरी : यूके की कंपनियां भारत में आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज और ग्रीन टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ाएंगी। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को मजबूत होगा।
आर्थिक विकास: यह डील 2030 तक भारत-यूके व्यापार को 15% सालाना बढ़ाएगी। यह भारत के 100 बिलियन डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी।
-ब्रिटेन का भारत से 11 अरब पाउंड का आयात
ब्रिटेन ने कहा कि समझौते के बाद भारतीय उपभोक्ताओं को सॉफ्ट ड्रिंक, सौंदर्य प्रसाधन, कार एवं चिकित्सा उपकरण जैसे बेहतरीन ब्रिटिश उत्पादों तक आसान पहुंच मिलेगी। इसकी वजह यह है कि एफटीए लागू होने के बाद औसत सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगा। मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से कुछ घंटे पहले ब्रिटेन ने एक बयान में कहा कि वह पहले से ही भारत से 11 अरब पाउंड का सामान आयात करता है लेकिन भारतीय वस्तुओं पर शुल्क कम होने से ब्रिटिश उपभोक्ताओं एवं कंपनियों के लिए भारतीय उत्पादों की खरीद अधिक आसान और सस्ती हो जाएगी।