Andolan
- कमेटी की अपील पर डल्लेवाल ने मेडिकल ट्रीटमेंट लेने से किया मना
- डल्लेवाल बोले, किसान हित के सिवाय उन्हें कुछ स्वीकार नहीं
- 42 दिन से आमरण अनशन पर हैं किसान नेता डल्लेवाल
-कमेटी ने कहा, हमारे पास केंद्र से बातचीत करवाने की अथॉरिटी नहीं
-सुप्रीम कोर्ट में 10 जनवरी को होगी सुनवाई
Andolan : जींद। खनौरी बॉर्डर पर पिछले 42 दिनों से आमरण अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने मुलाकात की और चिकित्सा सहायता लेने की अपील की। लेकिन किसान नेता डल्लेवाल ने डॉक्टरी मदद लेने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें किसान हित के सिवाय कुछ स्वीकार नहीं है। कमेटी के चेेयरमैन पूर्व न्यायधीश नवाब सिंह, सेवानिवृत्त आईपीएस बीएस सिंधु, कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा, अर्थशास्त्री रणजीत सिंह घुम्मन, पंजाब खेत मजूदर आयोग के अध्यक्ष सुखपाल सिंह सोमवार को डल्लेवाल मिलने खनौरी बॉर्डर पहुंचे थे। कमेटी ने डल्लेवाल का हाल-चाल जाना और उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की। कमेटी ने डल्लेवाल को अनशन छोड़ कर मेडिकल ट्रीटमेंट लेने की अपील की। जिस पर डल्लेवाल ने कहा कि मेरी जिंदगी से ज्यादा महत्वपूर्ण उन किसानों की जिंदगियां थी, जिन्होंने सरकारों की गलत नीतियों के कारण आत्महत्या कर ली।
एमएसपी गारंटी कानून महत्वपूर्ण
डल्लेवाल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मैं जि़ंदा रहूंगा या नहीं, एमएसपी गारंटी कानून बनना ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कमेटी के चेयरमैन नवाब सिंह से अपील की कि आप माननीय सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना करें की केंद्रीय कृषि मंत्री कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को वो मानेंगे तो ऐसी स्थिति में माननीय सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दें कि खेती के विषयों पर बनी संसद की स्थायी कमेटी की रिपोर्ट का सम्मान करते हुए एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए।
रास्ता खोलने की करेंगे अपील : पूर्व जस्टिस
कमेटी के चेयरमैन पूर्व जस्टिस नवाब सिंह ने कहा कि हम सबसे पहले जगजीत सिंह डल्लेवाल की लंबी आयु की कामना करते हैं। हमने डल्लेवाल से मेडिकल सहायता लेने के लिए अपील की है, लेकिन वह नहीं माने। वह उनकी मर्जी है हम अपनी रिपोर्ट जस्टिस सूर्यकांत की पीठ को पेश करेंगे। रास्ते खोलने को लेकर हम हरियाणा सरकार से भी बातचीत करेंगे।
अभी कमेटी रिपोर्ट का करे इंतजार : देवेंद्र शर्मा
कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि अभी आप कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करें। हम सभी किसानों से बात करके गांव में जाकर सारी रिपोर्ट प्राप्त कर रहे हैं। हमारा दायित्व है कि हम अपनी रिपोर्ट एनालिसिस करके सुप्रीम कोर्ट में सबमिट करेंगे। हम उनको यह कहने आए हैं कि आप अपनी सेहत का ध्यान रखो, उनको सुप्रीम कोर्ट से कोई नाराजगी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट को बड़ा दर्द है कि हर दूसरे दिन किसान धरने पर क्यों बैठते हैं। इसीलिए हमारी कमेटी बनाई गई है। हम किसानों के मुद्दे पर बातचीत कर सकें। यह मुद्दा एक-दो दिन में हल होने वाला नही है। इसके लिए टाइम लगेगा आगे भी हम किसानों से मुलाकात करते रहेंगे। आज यहां से शुरुआत हुई है।
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