Andolan
- शंभू बॉर्डर पर 300 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों ने बनाई नए सिरे से रणनीति
- पंधेर बोले मांगों को लेकर हर कुर्बानी देने को तैयार
- खनौरी बॉर्डर पर किसानों ने नहीं जलाया चूल्हा
- सभी ने एक दिन की सामूहिक भूख हड़ताल की
- हाईकोर्ट का शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की याचिका सुनने से इनकार
- हाईकोर्ट ने कहा, यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित
- याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाकर अपना पक्ष रखे
- एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका खारिज की थी
Andolan : अंबाला/चंडीगढ़। शंभू बॉर्डर पर 300 दिन से धरने पर बैठक किसानों ने अब 14 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। दिल्ली कूच के लिए किसान चौथी बार प्रयास करेंगे। इससे पहले तीन बार किसान पुलिस के पुख्ता बंदोबस्तों को पार नहीं कर सके थे। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) शहीद भगत सिंह के प्रवक्ता तेजबीर सिंह पंजोखरा ने मंगलवार को शंभू बॉर्डर से एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि बुधवार को सबसे पहले देशभर के गुरुद्वारों में खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाएगी। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। उनका मरणव्रत 15वें दिन भी जारी है। उन्हें स्टेज पर आने में भी दिक्कत आ रही है। किडनी और लिवर पर असर पड़ रहा है। डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि उनका ब्लड प्रेशर 124/95, शुगर 93, पल्स 87 है। वहीं, वजन 11 किलो कम हो चुका है। डल्लेवाल का कहना है कि यह आर-पार की लड़ाई है। इस बीच, हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों का चूल्हा नहीं जला। यहां सभी किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ पूरा दिन भूख हड़ताल पर बैठे।
किसानों पर जुल्म किया जा रहा
किसान नेता तेजबीर सिंह ने हरियाणा पुलिस की तरफ से किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए की बैरिकेडिंग दिखाते हुए कहा कि आज ह्यूमन राइट्स डे है, लेकिन शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों के साथ बर्बर जुल्म किया जा रहा है। यहां सरेआम मानवता का हनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच के लिए जाएगा। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से किसान चौथी बार दिल्ली कूच का प्रयास करेंगे।
हम पीछे नहीं हटेंगे : पंघेर
शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने सहयोगियों से बातचीत करने के बाद 14 दिसंबर को फिर पूरे जोश के साथ दिल्ली कूच का निर्णय लिया। किसान तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक केंद्र सरकार उनकी मंजूर मांगों पर विचार नहीं करती। पहले भी किसानों ने केंद्र सरकार को झुकने के लिए मजबूर किया था। अब भी ऐसा ही होगा। चाहे उन्हें कोई भी कुर्बानी देनी पड़ी।\
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