Haryana News
- -वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पराली जलाने पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए
- -सरकार ने 19 सूत्री प्लान तैयार किया, हर गांव के खेत का नक्शा बनाया जाएगा
- -50 से ज्यादा किसानों के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा
- -पुरानी फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को हटाया जाएगा
चंडीगढ़। हरियाणा में धान की कटाई के बाद पराली नहीं जले और इसको लेकर सरकार मेगा प्लान तैयार कर रही है। हाल ही में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पराली जलाने पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे। 19 सूत्री प्लान तैयार किया गया है। इसमें राज्य के हर गांव के खेत का नक्शा बनाया जाएगा और 50 से ज्यादा किसानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। पुरानी फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को हटाया जाएगा। प्लान में साथ ही छोटे और सीमांत किसानों के लिए सीआरएम मशीनों को किराया मुक्त किया जाएगा। पराली जलाने की घटनाओं पर बारीकी से निगरानी, निरीक्षण और सुरक्षा के लिए पुलिस, कृषि और नगर निगम अधिकारियों से मिलकर एक पराली सुरक्षा बल गठित करने को कहा गया है। हरियाणा पिछले नौ वर्षों में पंजाब को पीछे छोड़ते हुए पराली जलाने की 90 प्रतिशत घटनाओं को समाप्त करने का गौरव प्राप्त कर चुका है। राज्य ने पिछले वर्ष बेहद गंभीरता से कार्यक्रम शुरू किए और 2023 की तुलना में 2024 में पराली जलाने की घटनाओं में 39 फीसदी की कमी लाने में सफलता प्राप्त की।
किसानों को कर रहे जागरूक
हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि लगभग एक दशक पहले हमने किसानों को समझाने और समझाने की कोशिश शुरू की थी और आज किसान हमारे पास समाधान की तलाश में आ रहे हैं। मानसिकता में बदलाव से काफी बदलाव आया है और हरियाणा जल्द पराली जलाने से मुक्त राज्य बन जाएगा।
2030 तक पराली जलाने से मुक्त होगा प्रदेश
सीएम नायब सैनी कह चुके हैं कि पराली जलाना सबसे बड़े पर्यावरणीय संकटों में से एक है और हरियाणा इस तथ्य से भली-भांति परिचित है। पिछले एक दशक से हम समस्या के समाधान के लिए लगातार काम कर रहे हैं। सरकार ने 2025 के लिए एक कार्य योजना तैयार की है, जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद के लिए लगभग 200 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान भी शामिल है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि 2030 तक हरियाणा पराली जलाने से मुक्त हो जाएगा।