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Actress Shanu Rao : संघर्ष से सपनों को किया सच, गांव से टीवी की दुनिया तक का सफर

Byadmin

Sep 23, 2025 #Actress, #ROHTAK, #sonipat

Actress Sonu Rao

  • -एक्ट्रेस शानू राव को 650 बार रिजेक्शन के बाद मिला था पहला काम
  • -रेवाड़ी के गांव अलावलपुर की गलियों से निकली शानू राव
  • -बोलीं, दुनिया से पहले अपने परिवार के दिल में बनाएं जगह
    -ओडिशन में रिजेक्ट होने के बाद लगता था, मानो यह दुनिया मेरे लिए बनी ही नहीं
  • -लेकिन दृढ़ संकल्प से हासिल किया मुकाम, अब टीवी छाई हरियाणा की बेटी
    -जी टीवी के शो जागृति की नीति में निभा रही अहम किरदार

Actress Shanu Ra0। यदि मन में जज्बा व ढृढ संकल्प हो तो फिर कोई भी मंजिल पाना असंभव नहीं होता। जिसे हरियाणा के रेवाड़ी में बसे छोटे से गांव अलावपुर की शानू राव यादव ने सच साबित कर दिखाया है। पर्दें पर छाने का सपना लेकर घर से निकली सोनू राव को करीब 650 रिजेक्शन के बाद छोटा से पहला काम मिला। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं दिखा। छोटे से गांव से निकली शानू राव आज छोटे पर्दें पर छाई हुई है। शानू राव यादव कहती है कि यदि दृढ़ संकल्प व मजबूत इच्छाशक्ति हो तो फिर बड़े से बड़ा मुकाम भी हासिल किया जा सकता है। अपने काम से दुनिया का दिल जीतने से पहले हमें अपने परिवार का दिल जीतना चाहिए। जिससे हमें अपने सपने साकार करने की प्ररेणा मिलती है।


लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं दुनिया

मनोरंजन जगत का नाम आते ही परिवारों के मन में अक्सर संकोच और डर पैदा हो जाता है। बहुत से लोग अब भी मानते हैं कि यह दुनिया सुरक्षित नहीं है, ख़ासकर लड़कियों के लिए। यही वजह है कि जब कोई बेटी अपने घरवालों से कहती है कि उसे अभिनय या मॉडलिंग में करियर बनाना है, तो परिवार के दिल में सबसे पहले चिंता और डर पैदा हो जाता है। लेकिन रेवाड़ी ज़िले के अलावलपुर गाँव की शानू राव (यादव) ने इन सब धारणाओं को पीछे छोड़ते हुए अपने सपनों पर भरोसा रखा और कठिनाइयों के बावजूद अपनी राह बनाई।

ओडिशन के भागना, घंटे इंतजार व रिजेक्शन बन गया था दिनचर्या

मुंबई का सफर उनके लिए आसान नहीं था। छोटे गाँव से बड़े सपनों के साथ निकलना जितना रोमांचक लगता है, उतना ही मुश्किल भी होता है। हर दिन संघर्ष, हर दिन मेहनत, और हर दिन नए सिरे से उम्मीद जगाना — यही उनकी दिनचर्या बन गई थी। ऑडिशन के लिए भागना, घंटों कतार में खड़े रहना, और फिर रिजेक्शन का सामना करना। यह सब आसान नहीं था। लगभग 650 बार रिजेक्शन झेलने के बाद उन्हें पहला काम मिला, जो बहुत छोटा था। लेकिन उसी छोटे से काम ने उनके आत्मविश्वास को जगाया और उन्होंने ठान लिया कि अब पीछे नहीं हटना है।

कलर, स्टार प्लस, जी टीवी के लिए कर चुकी काम

शानू राव  बताती हैं कि “रिजेक्शन आसान नहीं होते। हर बार मन टूटता है, लेकिन फिर से खड़े होना ही सबसे बड़ी हिम्मत है। जब मैं बार-बार रिजेक्ट होती थी तो कई बार लगा कि शायद यह दुनिया मेरे लिए नहीं बनी है। लेकिन दिल की आवाज़ यही कहती थी कि यही मेरा सपना है और इसी को जीना है।” धीरे-धीरे मेहनत रंग लाने लगी और उन्होंने टीवी सीरियल्स में अपनी पहचान बनानी शुरू की। उन्होंने कई लोकप्रिय टीवी सीरियल्स में काम किया है, जैसे (Colors Channel) राम भवन, मंगल लक्ष्मी, इस इश्क का रब राका (Star Plus), (Dangal Channel) मन अति सुंदर, दिलवाली दुल्हा ले जाएगी, जाने अन जाने हम मिले (Zee TV)। इसके अलावा, उन्होंने Zee TV के टाइटल सॉन्ग कहानी हर घर की में भी काम किया है, जो महिला सशक्तिकरण से जुड़ा एक खास प्रोजेक्ट रहा। इसी बीच उन्हें एक बॉलीवुड फ़िल्म में भी काम करने का अवसर मिला, जो जल्द ही रिलीज़ होने वाली है। हालांकि यह किरदार बहुत बड़ा नहीं था, लेकिन उनके लिए यह अनुभव बेहद खास रहा।

जी टीवी के शो जागृति की नीति में निभा रही अहम किरदार

वर्तमान में शानू राव (यादव) Zee TV के शो जागृति में ‘नीति’ का अहम किरदार निभा रही हैं। यह उनके करियर का अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण रोल है। नीति एक गाँव की लड़की है, जो पति के अत्याचार और मारपीट को चुपचाप सहती है। उसके शरीर पर बेल्ट के निशान हैं, उसकी आँखों में दर्द है और उसके चेहरे पर बेबसी। लेकिन बाहर की दुनिया के सामने वह मासूम और शांत दिखाई देती है। यह भूमिका शानू राव (यादव) की असल ज़िंदगी से बिल्कुल विपरीत है।

चुप रहने से कभी समाधान नहीं होता

“हर दिन इस किरदार को जीते हुए मुझे यह अहसास हुआ कि भले ही मैं हरियाणा से हूँ और भगवान की कृपा से मुझे ऐसी ज़िंदगी नहीं मिली, लेकिन पूरे भारत में कितनी ही महिलाएँ आज भी ऐसे हालात सह रही हैं। इस किरदार ने मुझे सिखाया कि चुप रहना कभी समाधान नहीं होता। हमें अपनी आवाज़ उठानी होगी। इसी सोच के साथ मैं चाहती हूँ कि यह किरदार सिर्फ एक कहानी न रहकर समाज के लिए संदेश बने।”

सपना देखना जितना आसान, पूरा करना उतना ही मुश्किल

शानू राव (यादव) का मानना है कि उनकी यह जर्नी सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि हर उस लड़की की कहानी है जिसने हालात से समझौता करने की बजाय अपने सपनों पर भरोसा रखा। वह कहती हैं कि सपना देखना आसान है, लेकिन उसे पूरा करना आसान नहीं होता। इसके लिए मेहनत, त्याग और लगातार संघर्ष करना पड़ता है। उनकी कहानी ख़ास तौर पर हरियाणा की गृहिणियों और युवतियों के लिए प्रेरणा है। अक्सर लड़कियाँ शादी या ज़िम्मेदारियों की वजह से अपने सपनों को भूल जाती हैं। लेकिन शानू का मानना है कि उम्र या हालात किसी भी सपने को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकते। ज़रूरत है सिर्फ आत्मविश्वास और लगन की।

गांव, जिले व प्रदेश का मिलता रहे आशीर्वाद

शानू राव (यादव) ने कहा कि “मैं चाहती हूँ कि मेरे गाँव अलावलपुर और ज़िले रेवाड़ी के लोग मेरा आशीर्वाद बनकर साथ दें। जब एक लड़की खुद पर भरोसा करके अपने सपनों की राह पर चल सकती है, तो हर कोई ऐसा कर सकता है। मेरे संघर्ष की कहानी अगर किसी एक महिला को भी अपनी पहचान बनाने की प्रेरणा दे, तो यही मेरी सबसे बड़ी जीत होगी।” आज शानू राव (यादव) का सफर इस बात का सबूत है कि मुश्किलें चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हों, जज़्बा और जुनून हो तो हर मंज़िल हासिल की जा सकती है। रेवाड़ी के अलावलपुर गाँव की यह बेटी आज टीवी स्क्रीन तक पहुँच चुकी है – और उनकी मंज़िल अभी बहुत आगे है।

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