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Corruption : IAS जयवीर आर्य पर नहीं चलेगा भ्रष्टाचार का केस, सरकार ने नहीं दी अनुमति, ACB ने पकड़ा था तीन लाख की रिश्वते लेते

Byadmin

Sep 16, 2025 #corruption

Corruption

  • सरकार का तर्क, ACB ने रेड से पहले नहीं ली थी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17-ए के तहत सरकार से अनुमति
  • जयवीर आर्य के साथ मनीष शर्मा, हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉपोरेशन के अधिकारी संदीप घनघस व कांफेड के -जीएम राजेश के खिलाफ ट्रांसफर पोस्टिंग में रिश्वत लेने का दर्ज किया था मामला

Corruption : हरियाणा में तीन लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए आईएएस अफसर जयवीर आर्य के खिलाफ अब भ्रष्टाचार का केस नहीं चलेगा। सरकार ने रेड से पहले अनुमति नहीं लेने का हवाला देते हुए अधिकारी के खिलाफ केस चलाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। एसीबी ने आईएएस जयवीर आर्य के साथ मनीष शर्मा, हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अधिकारी संदीप घनघस और कॉनफैड के जनरल मैनेजर राजेश बंसल के खिलाफ ट्रांसफर-पोस्टिंग में रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया गया था। सरकार की अनुमति नहीं मिलने से फिलहाल आईएएस अधिकारी को राहत मिल गई है।

यह था मामला

करनाल वेयरहाउसिंग में जिला प्रबंधक रिंकू हुड्डा के पति ने एसीबी को शिकायत दी थी। जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी की कुरूक्षेत्र में पोस्टिंग के लिए हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी जयवीर सिंह आर्य ने 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। जिसमें बताया कि पंचकूला में तैनात प्रबंधक स्तर के अधिकारी संतोष बंसल ने तीन लाख में उसकी डील करवाई। पानीपत में तैनात कर्मचारी संदीप घनघस ने रिश्वत के लिए रिंकू हुड्डा से संपर्क कर तीन लाख रुपये पंचकूला के दुकानदार मनीष शर्मा के पास रखने को कहा। 12 अक्टूबर को एसीबी ने उसे पैसे के साथ पकड़ लिया।

जयवीर आर्य के सीधे संपर्क में था संतोष बंसल

पूछताछ में सामने आया था कि दुकानदार संतोष बंसल के कहने पर पैसे लिए थे। जिसके बाद ACB ने जयवीर आर्य को गिरफ्तार कर लिया। जांच में यह भी सामने आया कि पैसों की डील देहरादून के एक होटल में हुई थी। जिसके बाद आईएएस अधिकारी को होटल में भी ले जाया गया। जयवीर आर्य ने खुद पर लगे आरोपों को नकारते हुए झूठा फंसाने की बात कही थी। करीब डेढ़ माह तक जेल में रहने के बाद नवंबर 2023 में जयवीर आर्य को कोर्ट से नियमित जमानत मिली थी।

सरकार ने एडवोकेट जनरल से मांगी थी राय

हरियाणा सरकार ने फरवरी 2024 में तत्कालीन एडवोकेट जनरल प्रविंद्र सिंह चौहान से इस केस में कानूनी राय मांगी। अब सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17-ए के तहत IAS अधिकारी पर रेड करने से पहले अनुमति नहीं लेने की बात कहकर केस चलाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है।

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