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Haryana News : हरियाणा बाढ़ का खतरा बरकरार, पहली बार सेना ने संभाला मोर्चा

Haryana News

-कुरुक्षेत्र और फतेहाबाद में डूबने से दो युवकों की मौत
-106 घंटे बाद हथिनीकुंड बैराज का पानी स्तर खतरे के निशान से नीचे
-मारकंडा और टांगरी नदी ओवरफ्लो, कई कालोनियां जलमग्न
-हिसार कैंट से आए 80 जवानों ने बहादुरगढ़ में मोर्चा संभाला
-बहादुरगढ़ के कई क्षेत्रों में जलभराव से हालात बिगड़े हुए हैं
-हिसार में 10 फीट तक सड़क धंसी, 3 नेशनल हाईवे डूबे
-फरीदाबाद में 9 महीने की ग‌र्भवती महिला को बचाया

Haryana News : हरियाणा। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण हालात अभी खराब हैं। लोगों को राहत नहीं मिल रही है। सैंकड़ों एकड़ फसल बार्बाद हो चुकी है। वहीं, पानी में डूबने से कुरुक्षेत्र और फतेहाबाद में दो लोगों की मौत हो गई। कई सड़कें और नेशनल हाईवे टूटे हुए हैं। कई क्षेत्रों में बार्बादी का मंजर दिखाई दे रहा है। सैकड़ों गांवों में पानी घुसा हुआ है। सिरसा में घग्गर नदी के ओवरफ्लो होने से झोरनाली गांव में नदी पर बने पुल का एक हिस्सा खिसक गया, जिससे एक पेड़ भी टूटकर गिर गया। यह पुल 20 गांवों को सिरसा से जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता है। सूचना मिलते ही घबराए लोग मौके पर जुट गए। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने बैरियर लगाकर लोगों को आगे जाने से रोक दिया है। वहीं, बहादुरगढ़ की विवेकानंद नगर, छोटूराम नगर और दिल्ली की गीतांजलि कॉलोनी के साथ विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव को देखते हुए सेना तैनात की गई है। नागरिकों को राहत दिलाने के लिए एनडीआरएफ की टीमों के साथ सेना की टुकड़ी भी बचाव व राहत कार्य में जुट गई है। उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया।

मुंगेशपुर ड्रेन टूटने से सेना बुलानी पड़ी

बहादुरगढ़ में मुंगेशपुर ड्रेन कई जगह से टूटी हुई है। शुक्रवार को हिसार कैंट से सेना की टुकड़ी (करीब 80 जवान) बहादुरगढ़ पहुंची। उन्होंने झाड़ोदा बॉर्डर के साथ क्षतिग्रस्त ड्रेन पर मोर्चा संभाला। इसके साथ ही एमआईई इलाके तक सेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुट गई। विवेकानंद नगर में भी प्रशासन की ओर से बचाव कार्य तेज करने से स्थानीय निवासियों को आंशिक राहत मिली है।

ये नदियां बढ़ा रही खतरा

फरीदाबाद में यमुना, सिरसा में घग्गर, कुरुक्षेत्र में मारकंडा और अंबाला में टांगरी नदी ओवरफ्लो हैं। हथिनीकुंड बैराज पर जलस्तर डेंजर लेवल (1 लाख क्यूसेक) से नीचे आने के बाद फ्लड गेट डाउन कर दिए गए हैं। यमुना नदी में अब केवल 52000 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। कुछ जगहों पर अभी भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। शुक्रवार को नूंह, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी, रेवाड़ी, झज्जर, हिसार, रोहतक, सोनीपत, जींद के कुछ हिस्सों में बारिश हुई।

कुरुक्षेत्र में सड़क पर मारकंडा

शाहबाद के बाद मारकंडा नदी अब पिहोवा में भी तबाही मचा रही है। मारकंडा नदी का पानी खतरे के निशाने से उपर बह रहा है। पिहोवा के गांव नैसी में दूसरी बार मारकंडा नदी का तटबंध टूटने से आधा दर्जन गांवों की हजारों एकड़ फसले जलमग्न हो गई। पिहोवा में बीबीपुर और चनालहेड़र मारकंडा के पानी में एक युवक डूब गया। युवक की पहचान अरुण कुमार (18) निवासी चनालहेड़ी के रूप में हुई है। कुरक्षेत्र के कई इलाकों में मारकंडा का पानी सड़कों और खेतों में भरा हुआ है।

हिसार में जनजीवन प्रभावित

हिसार में धिकताना गांव में 10 फीट तक सड़क धंस गई। इसके साथ यहां सिंघवा माइनर टूट गई। हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-52, कोटपूतली-बठिंडा नेशनल हाईवे 148बी और दिल्ली-हिसार नेशनल हाईवे पर 2 फीट पानी भरा है। वहीं सिरसा के केलनिया-झोड़नाली में घग्गर नदी ओवरफ्लो हो गई।

फतेहाबाद में मकान की छत गिरी

फतेहाबाद में घग्गर नदी का जलस्तर बढऩे से किसानों की चिंता बढ़ गई है। नदी के किनारे बसे गांवों के लोग लगातार तटबंधों को खुद ही मजबूत करने में लगे हुए हैं। वहीं, कुलां क्षेत्र में बारिश के कारण एक मकान की छत गिर गई। इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि परिवार के तीन सदस्य घायल हो गए हैं।

भूना से पलायन कर रहे लोग

भूना से लोग भारी मात्रा में अपने रिश्तेदारों के घर पलायन कर रहे हैं। गुहला चीका में 50134, खनौरी में 13875 तथा चांदपुरा में 15 हजार क्यूसिक बहाव दर्ज किया गया। चांदपुरा साइफन पर घग्गर नदी में 22 हजार क्यूसेक पानी की क्षमता है। गुहला में 50 हजार क्यूसिक बहाव होना खतरे की घंटी है। गुहला से फतेहाबाद के चांदपुरा में पानी पहुंचते में 36 घंटे का समय लगता है।

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