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- यूएनजीए के सत्र में भाग लेने के लिए अगले सितंबर महीने में पीएम करेंगे अमेरिका की यात्रा।
- अगले सप्ताह रूस की यात्रा पर रहेंगे विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर।
National News : नई दिल्ली। रूस से कच्चे तेल की खरीद पर आगबबूला अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 फीसदी पारस्परिक टैरिफ को लेकर जारी तनाव के बीच अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आगामी समय में भारत के शीर्ष राजनीतिक-प्रशासनिक नेतृत्व की कुछ बेहद महत्वपूर्ण विदेश यात्राएं देखने को मिलेंगी। जिसमें सबसे पहले अगले महीने 23 से 27 सितंबर के बीच न्यूयॉर्क में आयोजित की जाने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की एक उच्च-स्तरीय बैठक का जिक्र करना बेहद जरूरी हो जाता है। क्योंकि उसमें भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं। जहां भारत-अमेरिका संबंधों में जारी खींचतान के बीच उनकी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना है। इसके अलावा पीएम 26 सितंबर को महासभा के सत्र को संबोधित कर सकते हैं। यूएनजीए के सत्र की अंतिम दिन की कार्रवाई 29 सितंबर को होगी। वहीं, इस मामले को लेकर अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन मामले से परिचित लोगों ने बुधवार को बताया कि अभी पीएम मोदी की यूएनजीए के सत्र में भागीदारी को लेकर की जाने वाली अमेरिका की आगामी यात्रा को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इन सबके बीच विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर अगले सप्ताह 20 से 21 अगस्त तक रूस की यात्रा करेंगे। जिसमें उनकी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात होगी।
अगस्त में तैयार होती अस्थायी सूची
संयुक्त राष्ट्र द्वारा महासभा के सत्र में भाग लेने वाले वक्ताओं की सूची आयोजन से करीब एक महीना पहले अगस्त में तैयार कर ली जाती है। जिसमें शामिल होने वाले देशों के तमाम वक्ताओं जैसे राष्ट्राध्यक्षों और विदेश मंत्रियों का समय तय किया जाता है। लेकिन यहां पर ये भी अचरज करने वाली बात नहीं है कि सूची में एक बार नाम शामिल किए जाने के बाद किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा उसे वापस ले लिया जाए।
जेलेंस्की ने किया पीएम से मुलाकात का ऐलान
अगर प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा हुई तो वहां उनकी कई अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें हो सकती हैं। जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की शामिल हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी के साथ फोन पर हुई बातचीत के बाद सोशल मीडिया पर की गई अपनी पोस्ट में इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि भारत-यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष अगले महीने यूएनजीए के सत्र के दौरान मुलाकात की योजना बना रहे हैं। जेलेंस्की के इसी कथन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित अमेरिका यात्रा को सबसे पहले बल मिला था। यहां बता दें कि भारत को इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी करनी है। बहुत संभव है कि पीएम की अमेरिका यात्रा के परवान चढ़ने पर उनके द्वारा क्वाड सम्मेलन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को द्विपक्षीय बैठक के दौरान व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया जाए।
व्यापार समझौते पर टिकी सबकी निगाहें
अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। जिसकी शुरुआत 25 फीसदी के साथ हुई थी और उसके बाद रूस से तेल खरीद को लेकर एक तरह से जुर्माने के रूप में इसमें 25 फीसदी की और बढ़ोतरी की गई। शुरुआती 25 फीसदी टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो गया है। जबकि बाकी 25 फीसदी 27 अगस्त से लागू हो जाएगा। अब सबकी नजरें दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार समझौते पर लगी हुई हैं। जिसे लेकर बातचीत के लिए अमेरिका का एक दल इस माह के अंत में भारत की यात्रा कर सकता है। भारत ने अमेरिकी टैरिफ की आलोचना करते हुए उसे पूरी तरह से अनुचित और अविवेकपूर्ण करार दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बीते दिनों एक बयान में कहा था कि ऐसे समय में जब अमेरिका खुद रूस के साथ व्यापार कर रहा है। तब भारत पर सवालिया निशान लगाना कहीं से भी वाजिब नहीं जान पड़ता है। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
पुतिन के दौरे से पहले जयशंकर की रूस यात्रा
उधर, विदेश मंत्री एस.जयशंकर 20 से 21 अगस्त तक रूस की यात्रा करेंगे। जिसमें वह अपने समकक्ष यानी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करेंगे। जयशंकर से पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी रूस की यात्रा कर चुके हैं। जहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, रूस के पहले उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से मुलाकात की थी। भारत की तरफ से यह उच्च-स्तरीय यात्राएं एक ऐसे समय में की जा रही हैं। जब इस वर्ष के अंत में रूस के राष्ट्रपति का भारत दौरा होने वाला है। जिसके लिए तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं। यूक्रेन से युद्ध की शुरुआत के बाद पुतिन की ये पहली भारत यात्रा होगी।
भारत-पाकिस्तान संग अच्छे रिश्ते: अमेरिका
अमेरिका के विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हमारे भारत और पाकिस्तान के साथ रिश्ते अच्छे हैं। राजनयिक दोनों देशों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका का दोनों देशों के साथ काम करना क्षेत्र और दुनिया के लिए अच्छी खबर है। जिससे लाभकारी भविष्य को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, यही एक ऐसे राष्ट्रपति का फायदा है, जो सबको जानता है, सबसे बात करता है। ब्रूस ने भारत-पाक संघर्षविराम में अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा कि वह उस संभावित तबाही को रोकने में शामिल थे।
अमेरिका में हिंदू मंदिर पर हमला
अमेरिका में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में इंडियाना के ग्रीनवुड शहर में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर को उपद्रवियों ने निशाना बनाया। 10 अगस्त को हुई इस घटना की शिकागो स्थित भारत के वाणिज्य दूतावास ने संज्ञान लेते हुए कड़ी निंदा की है। साथ ही उपद्रवियों के खिलाफ सतर्क रहने का आह्वान किया है। साथ ही बताया कि मामले पर जल्द कार्रवाई करने के लिए कानून से जुड़ी एजेंसियों के समक्ष मामले को उठाया गया है। 16 अगस्त को जन्माष्टमी से ठीक पहले मंदिर पर हमले की यह घटना हुई है। जिसमें उपद्रवियों ने मंदिर की दीवारों पर भारत और हिंदू विरोधी नारे लिखे हैं।