Ravishankar
- आर्ट ऑफ लिविंग का नस्ल बचाओ, फसल बचाओ अभियान शुरु
- श्रीश्री रविशंकर ने नशे के खिलाफ किया शंखनाद
- लोगों से खेत की चार दीवारी वृक्षों से करने का आह्वान
Ravishankar : जींद। आर्ट ऑफ लिविंग के गुरु श्रीश्री रविशंकर ने मंगलवार को प्रदेश के लोगों से नशा छोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को गांव को समृद्ध बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। आज हरियाणा के गांवों से नशे की गंध आ रही है, जिससे बचने के लिए योगासन जरूरी है। एक गोत्र और एक ही गांव में शादी करना वैज्ञानिक तरीके से भी ठीक नहीं है। वैज्ञानिक भी इसे नकार चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह एक गांव, एक गोत्र में शादी करने का विरोध करते हैं। वैज्ञानिक एक गौत्र मे विपरित प्रभाव के बारे में पहले बता चुके है। प्रदेश की खाप हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन करने और एक गांव एक गोत्र में शादी को प्रतिबंधित करने तथा बिना मां-बाप की इजाजत के लव मैरिज नहीं करने की बात कहती रही हैं। जिसका उन्होंने समर्थन किया है। इस कार्यक्रम में विस उपाध्यक्ष डा. कृष्ण लाल मिड्ढा, काफी संख्या में खापों के चौधरी, जाने-माने खिलाड़ी समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
नस्ल बचाओ, फसल बचाओ अभियान शुरू
आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशकर श्रीधाम सोसायटी में आयोजित आध्यात्मिक संगम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नस्ल बचाओ, फसल बचाओ अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने आह्वान किया कि लेाग चिंता छोड़कर चिंतन करें। अगर मन प्रसन्न होगा तो व्यक्ति आगे बढ़ेगा। रविशंकर ने कहा, जब वे हेलीकॉप्टर से आ रहे थे तो उन्होंने नीचे खेत तो देखे, लेकिन पेड़ नहीं देखे। उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपने खेत की वृक्षों से चार दिवारी बनाएं। इसमें फलदार पेड़ लगाए जा सकते हैं।
कैसे लगेगी तलाक पर रोक
इस आध्यात्मिक संगम में दो प्रश्न रविशंकर के सामने रखे गए। पहला था कि आज समाज में तलाक बढ़ रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा कि तलाक बढ़ने का सबसे बड़ा कारण तनाव है। आम व्यक्ति को योग, प्राणायाम और ध्यान की तरफ बढ़ना चाहिए, जिससे मन शांत हो। इससे तलाक पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। एक किसान के सवाल पर कहा कि वह खेत में एक किलो गेहूं डाल कर हजार किलो गेहूं पैदा करता है। उसके बावजूद वह नुकसान में है, लेकिन एक व्यक्ति एक किलो गेहूं खरीद कर उसका दलिया बना कर बेचता है और वह फायदे में है।
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