Highcourt
- -आरोप लगाने वाली महिला की 2017 में हो चुकी थी मौत
- -कहा-सहमति नहीं फिर भी रेप का आरोप नहीं लगा सकती
Highcourt : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के संबंधों को लेकर अहम फैसला सुनाया। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने कहा कि अननेचुरल सेक्स करने पर भी पत्नी अपने पति पर रेप या अप्राकृतिक कृत्य करने का आरोप नहीं लगा सकती, जब तक वह नाबालिग न हो। इस टिप्पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने पत्नी के साथ रेप और अननेचुरल सेक्स के आरोपी पति को बरी करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि उसे तत्काल रिहा किया जाए। हालांकि, पति पर आरोप लगाने वाली पत्नी की 2017 में मौत हो चुकी है। दरअसल, जगदलपुर के बोधघाट थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला ने 11 दिसंबर 2017 को अपने पति के खिलाफ अननेचुरल सेक्स का केस दर्ज कराया था। जिससे वह बीमार पड़ गई। महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के सामने महिला ने बयान दर्ज कराया था। इस दौरान महिला की हालत बिगड़ती गई और उसकी जान चली गई।
ट्रायल कोर्ट ने गैरइरादतन हत्या के लिए दोषी ठहराया था
मरने से पहले महिला के दिए बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ धारा 376 और 377 के तहत केस दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। मामले में ट्रायल चला, तब कोर्ट ने पति को धारा 377, 376 और 304 यानी की गैरइरादतन हत्या के लिए दोषी ठहराया। ट्रायल कोर्ट ने 11 फरवरी 2019 को 10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट के फैसले के खिलाफ आरोपी पति ने हाईकोर्ट में अपील की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ फैसला सुनाया है।
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