Farmer protest
- 121 किसानों ने 15 जनवरी से डल्लेवाल के साथ शुरू किया अनशन
- केंद्र सरकार ने किसानों को 14 फरवरी को वार्ता का दिया न्योता
- डल्लेवाल ने अन्न ग्रहण करने से किया इनकार
- वार्ता का प्रस्ताव मिलने के बाद चिकित्सीय मदद लेने की हामी भरी
- कोटड़ा बोले, डल्लेवाल का अनशन खत्म होने की खबर निराधार व झूठी
Farmer protest : जींद। सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद समेत 12 मांगों को लेकर खानौरी और शंभू बॉर्डर धरना दे रहे कि किसान को केंद्र सरकार द्वारा वार्ता का निमंत्रण दिए जाने के बाद रविवार को 55 दिन से अनशन कर रहे 70 साल के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने चिकित्सीय मदद ली। उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया गया है। हालांकि डल्लेवाल ने अन्न ग्रहण करने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही हरियाणा की सीमा में 15 जनवरी से अनशन पर बैठे 121 किसानों ने अपना अनशन खत्म कर दिया। बता दें कि शनिवार को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे थे। उन्होंने डल्लेवाल से मिलकर मीटिंग का न्योता दिया। किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 14 फरवरी को चंडीगढ़ में वार्ता होगी। केंद्र के इस प्रस्ताव को किसानों ने भी मान लिया है। किसान मोर्चे के नेताओं ने खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन खत्म करने को निराधार और झूठा करार दिया है। वहीं, पिछले पांच दिनों से दाता सिह वाला बार्डर की सीमा में बैठे 121 किसानों ने अपने आमरण अनशन को समाप्त कर दिया है और वे टैंट को खाली कर खनौरी बार्डर स्टेज के पास चले गए हैं। किसान नेताओं ने अफवाहों से बचकर रहने का आह्वान किया।
अनशन जारी रहेगा
आमरण अनशन के 55वें दिन डल्लेवाल ने धरने पर मौजूद किसानों की सहमति से मेडिकल मदद लेने का फैसला किया और ड्रिप लगवाई। डल्लेवाल ने साफ कहा कि वे मुंह से कुछ नहीं खाएंगे। अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। किसानों की सभी मांगों को लागू होने तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। अब किसानों की केंद्र सरकार से 14 फरवरी को बातचीत होगी।
स्वाथ्य को लेकर सरकार चिंतित
किसान मोर्चे पर अगुवाई कर रहे किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यू कोहाड़ ने बताया शनिवार शाम को कृषि मंत्रालय के ज्वायंट सेक्रेटरी प्रियरंजन के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय टीम किसान मोर्चे पर आई थी। केंद्र और राज्य सरकार की टीम जगजीत डल्लेवाल का हालचाल जाना और उन्हें बताया कि केंद्र सरकार उनके स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित है। केंद्र एवं राज्य सरकार की टीम की दोनों मोर्चों के नेताओं से करीब साढ़े 3 घंटे तक मीटिंग हुई। मीटिंग में अधिकारियों ने प्रस्ताव रखा कि 14 फरवरी को केंद्र सरकार के मंत्री एमएसपी समेत सभी 12 मांगों पर चर्चा करने के लिए मीटिंग करना चाहते हैं।
वार्ता में डल्लेवाल मौजूद रहेंगे
अधिकारियों ने केंद्र सरकार की तरफ से विशेष निवेदन किया कि 14 फरवरी की प्रस्तावित बातचीत में जगजीत सिंह डल्लेवाल स्वयं मौजूद रहें। किसान नेताओं ने डल्लेवाल की हालत को देखते हुए ये मीटिंग जल्दी बुलाने को कहा। मगर अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लगी हुई है। जिस वजह से केंद्र सरकार मीटिंग करके कोई घोषणा नहीं कर सकती। इसलिए नौ फरवरी के बाद मीटिंग संभव है। 12-13 फरवरी तक बजट सत्र है। इसलिए बैठक 14 फरवरी को रखी गई है।
121 किसानों को जूस पिलाया
कोहाड़ ने बताया कि सभी 121 किसानों को रविवार को जूस पिलाकर आमरण अनशन सामाप्त करवाया। सभी किसानों ने डल्लेवाल से आग्रह किया कि सभी चाहते हैं कि आप 14 फरवरी की प्रस्तावित बातचीत में हिस्सा लें। किसानों के लिए जो संघर्ष आपने किया है उसके लिए आपका बातचीत में होना जरूरी हैै। इस पर सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मेडिकल एड ड्रिप लेने की हामी भर दी।
भारत का सबसे बड़ा मरणव्रत
कोटड़ा और कोहाड़ ने कहा कि आजाद भारत में आजतक का सबसे बड़ा मरणव्रत करके सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल ने केंद्र सरकार को बातचीत के लिए टेबल पर ला दिया है। ये किसानों की जीत है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मरणव्रत की ताकत है। पिछले तीन दिनों से डल्लेवाल की हालत बहुत ही खराब है और उनके अंदर पानी नहीं जा रहा है। शनिवार रात उनका बीपी बहुत बढ़ गया था तो वहां मौजूद चिकित्सकों ने उन्हे इंजेक्शन लगवाने को कहा था। मगर उन्होंने मना कर दिया था। सभी किसानों की सहमति से रविवार को डल्लेवाल ने ड्रिप चढ़वाया है।
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