Weather
- शीतलहर के कारण जनजीवन हुआ प्रभावित
- सप्ताह के मध्य बरसात की संभावना
- हिमालय की हिमाच्छादित शिखरों से सीधी बर्फिली हवाओं ने ठिठुराया
- मौसम विभाग ने ठंड और बढ़ने की चेतावनी जारी की
Weather : रेवाड़ी। दो दिन तक हुई बरसात और ओलावृष्टि के बाद शीतलहर ने जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। दिन का तापमान खिसकना शुरू हो गया है, जिससे दोपहर के समय भी ठंड हाड़ कंपाने लगी है। इस सप्ताह के मध्य एक बार फिर बरसात की संभावना जताई जा रही है। सोमवार से सड़कों पर कोहरे का प्रकोव बढ़ सकता है। दिन-रात के तापमान में अभी और गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने ठंड का येलो अलर्ट जारी कर दिया है। पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद रविवार को ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया। सुबह से ही आसमान में बादल और कोहरे के कारण दिन भर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए।
गिर रहा अधिकतम पारा
अधिकतम तापमान इस सीजन में पहली बार 1.5 डिग्री सेल्सियस की कमी के साथ 14.0 डिग्री पर आ गया। न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री की गिरावट के साथ 11.0 डिग्री दर्ज किया गया। हवा की रफ्तार 10 किमी प्रति घंटा रही। हिमालय की हिमाच्छादित शिखरों से सीधी बर्फिली हवाओं ने सम्पूर्ण इलाके में ठंड के तेवरों को और अधिक प्रचंड बना लिया है। वातावरण में मौजूद नमीं से सम्पूर्ण इलाके पर ऊपरी सतह पर कोहरा की सफेद चादर ने अपने आगोश में ले लिया है, जिसकी वजह से सूर्यदेव की धूप भी नहीं दिखाई दे रही है। कोल्ड वेव से सीवियर कोल्ड वेव कोहरा से संघन कोहरा और कोल्ड डे से अति कोल्ड की संभावना बन रही है। मौसम विभाग की ओर से आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की चेतावनी जारी की गई है। भारी ठंड के कारण लोगों ने घरों से बाहर निकलना भी कम कर दिया है। लोग जगह-जगह आग जलाकर हाथ सेंकते हुए नजर आने लगे हैं।
बारिश से फसलों पर छाई रौनक
ओलावृष्टि प्रभावित इलाकों को छोड़कर अन्य इलाकों में बरसात के बाद सरसों और गेहूं की फसलों पर रौनक छा गई। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यह बरसात दोनों फसलों के लिए काफी लाभकारी साबित हुई है। किसानों को अगेती सरसों की फसल में अब सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं है। आने वाले दिनों में अगर पाला जमना शुरू होता है, तो फसलों की हल्की सिंचाई करना जरूरी होगा। सब्जी की फसलों को ढककर रखने की आवश्यकता है, ताकि इन फसलों को सर्दी के कहर से बचाया जा सके।
बिजली की खपत में होने लगी वृद्धि
ठंड बढ़ने के कारण घरेलू क्षेत्र में बिजली की खपत बढ़नी शुरू हो गई है। हीटर, रूम हीटर, पानी गर्म करने की रॉड व गीजर का उपयोग ज्यादा बढ़ने लगा है, जिस कारण बिजली की खपत भी बढ़ रही है। कृषि क्षेत्र में बिजली की मांग में कमी आने के कारण इस समय पावर कटों से निजात मिली हुई है। दूसरी ओर बरसात के बाद वातावरण से प्रदूषण भी साफ हो गया है। धारूहेड़ा का एक्यूआई यंत्र शोपीस बना हुआ है। भिवाड़ी का एक्यूआई 50 दर्ज किया गया, जिसे काफी अच्छा माना जाता है।
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