cyber crime
- -हरियाणा के रोहतक जिले में ही 7 दिन में 55 लाख से अधिक उड़ा ले डिजिटल ठग
- – आम लोगों का धन बैंकों में भी सुरक्षित नहीं, ठगी के तरह तरह के हथकंडे अपनाते हैं
- – ऑनलाइन शॉपिंग, बैंक ट्रांजेक्शन से लेकर सोशल मीडिया तक साइबर ठगों के अड्डे
- -रोहतक के एसपी बोले अलर्ट रहें, किसी को भी अपने कार्ड नंबर या ओटीपी नहीं बताएं
cyber crime : देशभर में साइबर ठगों का ‘मकड़जाल’ बढ़ता जा रहा। ये डिजिटल ठग लोगों से रुपये ठगने के लिए तरह_तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। यहां तक की लोगों का पैसा बैंकों तक में भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है। वरना ये साइबर ठग कंगाल करके छोड़ते हैं। अगर बात हरियाणा की करें तो यह भी इन ठगों से सुरक्षित नहीं है। अकेले रोहतक जिले में ही 20 जून से 26 जून तक करीब 7 दिन के अंदर ही डिजिटल ठग 9 लोगों से 55 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं। आज के इस डिजिटल दौर में ऑनलाइन आप्शनंस ने लोगों को जहां राहत दी है, वहीं आफत भी बढ़ती जा रही है। लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं, पैसे का ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों को ये साइबर ठग निशाना बनाते हैं। साइबर ठगों ने ऑनलाइन शॉपिंग, बैंक ट्रांजेक्शन से लेकर सोशल मीडिया तक पर अड्डा जमा रहा है। ये एक पूरे नेटवर्क में काम करते हैं। उपभोक्ता ऑनलाइन बिल पेमेंट करने पर, किसी ई-कॉमर्स साइट से गैजेट खरीदने पर, एटीएम से कैश निकालने पर ठगी का शिकार हो रहे हैं। पुलिस भी साइर ठगी के मामलों में रोक नहीं लगा पा रही है।
रोहतक में चार माह में 100 वारदात
रोहतक पुलिस के अनुसार चार महीनों में साइबर ठगी की करीब 100 वारदातों को शातिर अंजाम दे चुके हैं। हैरत की बात यह है कि साइबर ठगी के अधिकतर मामले आज तक अनसुलझे हैं। पुलिस के पास इनको पकड़ने के लिए अभी तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रह हैं। लेकिन पुलिस और प्रशासन के तमाम प्रयास नाकीफी साबित हो रहे हैं। वहीं रोहतक के एसपी हिमांशु गर्ग का कहना है कि सावधानी में ही सुरक्षा है। लोगों को अलर्ट रहना होगा। किसी को भी अपने कार्ड की डिटेल न दें। ओटीपी न बताएं।
रोहतक सामने आए कुछ मुख्य मामले
केस-1 : -3,80,693 रुपये ठगे: आईपीओं में निवेश का झासा दिया
जगदीश कालोनी के रहने वाले युवक से तीन लाख 70 हजार 693 रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित विकास ने आर्य नगर थाना पुलिस को 29 जून को दी शिकायत में बताया कि सात जून को वाट्सअप नंबर पर एक लिंक प्राप्त हुआ, जिसे ओपन करते ही एक ग्रुप में जुड़ गया। फिर जीएफएसएल समूह द्वारा स्टाक व आईपीओ में निवेश करने के लिए कहा गया और फिर 5000 रुपये से ट्रेडिंग शुरू की, जिसमें मुनाफा दिखाकर खाते में 10 हजार रुपये भी जमा दिखाए गए। ऐसा लगा कि मुनाफ हुआ है। फिर 1.35 लाख रुपये जमा करवाए और फिर दो लाख 30 हजार 693 रुपये जमा करवाए। जब जमा करवाई राशि निकालने का प्रयास किया तो नहीं निकली। जब पता लगा कि धोखाधड़ी हुई है। इस तरह आरोपितों ने धोखाधड़ी कर तीन लाख 80 हजार 693 रुपये की ठगी कर ली। अभी तक आरोपित पकड़ से बाहर हैं।
केस-2 : पूर्व सैनिक से 72,500 रुपये की ठगी: नौकरी का लालच
29 जून को लाखन माजरा थाना पुलिस को दी शिकायत में घरौठी गांव निवासी मनोज कुमार ने बताया कि वह सेना से सूबेदार के रैंक से रिटायर है। उसके मोबाइल फोन पर फोन करके किसी ने नौकरी के लिए ऑफर किया। कहा कि आप सेना से रिटायर हैं। इसलिए हम आपको अच्छी सैलरी देंगे। उससे पैसे की डिमांड की गई। धोखाधड़ी करके उससे 72500 रुपये ठग लिए। उसका कहा था कि उसे कहा गया कि वे आपको ज्वाइनिंग लेटर देने के लिए रोहतक आ रहे हैं। न तो वे लोग ज्वाइनिंग लेटर लेकर रोहतक और न ही उसके पैसे वापस दिए। मनोज कुमार ने पुलिस से उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और उसके पैसे वापस दिलाने को कहा है।
केस-3 : -85803 रुपये की धोखाधड़ी : पार्ट टाइम जॉब का ऑफर
रोहतक की रितु ने शहर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 21 जून को इंस्टाग्राम पर रील देखते समय सामने पार्ट टाइम अमेजन का वीडियो आया था। फिर वीडियो देख के उसमें क्लिक किया तो व्हाट्सएप पर मैसेज आया और फिर एक टेलीग्राम का लिंक मिला, लिंक पर क्लिक तो ग्रुप में ऐड हो गई। इसके बाद रिचार्ज करने के लिए कहा गया और 100 और फिर 500 रुपये के रिचार्ज किया। फिर उन्होंने टास्क देना शुरू कर दिया। इस तरह कई बार में टास्क दिया गया और 85, 803 रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
केस-4 : 40000 रुपये की ठगी, उधारी चुकाने का झासा
बहु अकबरपुर थाना पुलिस को दी शिकायत में मदीना कोरसान गांव निवासी सोनू ने बताया कि उसके मोबाइल फोन पर कॉल आई। जिसमें सामने वाले ने कहा कि वह मास्टर बोल रहा है। आपका नंबर मुझे जयपाल ने दिया है। आप जयपाल के बेटे सोनू बोल रहे हैं न। सोनू ने कहा कि हां वह सोनू ही बोल रहा है। फिर सामने वाले ने कहा कि उसे आपके पिता जयपाल को 4000 रुपये देने हैं। यदि आप गुगल पे चलाते हैं तो वह आपके पास यह पेमेंट भेज देता। उसके बाद उसके मोबाइल फोन पर 10 रुपये व 40 हजार रुपये के दो टैक्सट मैसेज आए। बाद में कहा कि गलती से आपके खाते में 40 हजार रुपये डल गए हैं। आप मेरे 36 हजार रुपये वापस कर दें। उसने गुगल पे के माध्यम से एक बार 5000 रुपये और दूसरी बार 10000 हजार रुपये भेज दिए। उसके बाद कहा कि अब 21 हजार रुपये डाल दो। जब वह 21 हजार रुपये की ट्रांजेक्शन करने लगा तो वह फेल हो गई। उसके बाद उसने अपना बैंक बेलेंस चैक किया तो पता चला कि उसके पास कोई 40 हजार रुपये की पेमेंट नहीं आई थी। उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। सोनू ने पुलिस से आरोपित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और पेमेंट वापस दिलाने की मांग की है।
केस-5 : महम 1 लाख 77 हजार ठगे : बैंक से ही उड़ा लिए
थाना महम में दी शिकायत में महम के वार्ड 4 निवासी नरेश कुमार ने बताया कि आजाद चौक स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में उसका बैंक खाता है। उसके इस बैंक खाते से किसी ने 1 लाख 77 हजार रुपये निकाल लिए गए। यह मामला ऑन लाइन ठगी का है। जिस खाते में गए हैं, वह बैंक खाता जोधपुर पवोटा की केनरा बैंक शाखा में श्याम ट्रेडिंग के नाम से है। नरेश कुमार ने पुलिस से अपने पैसे वापस दिलाने और आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
केस-6 : -2,64,114 रुपये की ठगी : रुपये कमाने का लालच
सेक्टर तीन के रहने वाले राजबीर ने अर्बन अस्टेट थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर मैसेज आया, जिसमें मुझे रोजाना दो हजार से चार हजार रुपये तक कमाने लालच दिया गया। फिर मुझे टेलीग्राम से जोड़ा गया। इसके बाद टेलीग्राम से एक हजार रुपये, इसके बाद तीन हजार रुपये, इसके बाद पांच हजार रुपये, फिर सात हजार रुपये, 3600 रुपये, फिर 32,400 रुपये यूपीआई के माध्यम से भेज दिए गए। इसके बाद एसबीआई के माध्यम से 18 हजार रुपये, फिर 14 हजार रुपये, दो हजार रुपये और फिर 12 जून को 13 हजार रुपये, फिर से 13 हजार रुपये। इस तरह कुल 1.52 हजार रुपये भेज दिए। उसके बाद 12 जून को 1,52.114 रुपये भेज दिए। इस प्रकार मैंने आरोपितों के खाते में 2,64,114 रुपये भेज दिए। अब भेजे गए पैसे मांगे तो वापस नहीं दिए।
केस-7 : 25 लाख 18 हजार ठगे : आईपीओ में निवेश
शास्त्री नगर हिसार बाईपास निवासी सुनीता ने 25 जून को पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह एक जीएफएसएल नाम से व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ गई। इसके बाद जब आईपीओ लेने के लिए अप्लाई किया तो मुझे आईपीओ मिल गया। इसके लिए 1.05 लाख रुपये जमा करवाने के लिए कहा गया। इसके बाद 13 मई को मैंने अपने इंडस बैंक खाते से पांच हजार रुपये व एक लाख रुपये जमा करवा दिए। मेरे द्वारा जब ट्रेडिंग की जाती थी तो वह मेरी जीएसएफएल एप की आईडी पर दिखाई देती थी, इसी दौरान उन्होंने मेरा दूसरा आइपीओ अप्लाई कर दिया, जब इसकी लिस्ट लगी तो उसमें अपना स्टाक बेचना चाहा तो वह मेरे दूसरे आईपीओ में चला गया, जब मैंने उनसे बातचीत की तो उन्होंने मेरे दूसरे आईपीओ अप्लाई करने के लिए तीन लाख रुपये जमा करने को कहा गया। फिर 15 मई को मैंने अपने बैंक खाता 50-50 हजार रुपये कर कुल तीन लाख रुपये जमा करवा दिए। इसके बाद फिर अपना स्टाक बेचना चाहा तो जीएफसीएल एप पर मेरा द्वारा की गई ट्रेंडिंग से करीब 9.66 लाख रुपये दिखाई दिए। जब पैसे निकालने चाहे तो नहीं निकले। इसी दौरान एक और आईपीओ अप्लाई हो गया। जब मैंने इसके बारे में बातचीत की तो उन्होंने मुझे बताया कि यह सब सिस्टम से आटोमेटिक चलता है। इस आईपीओ को बंद करने के लिए और अपने रुपये निकालने के लिए नया आईपीओ अप्लाई करने के लिए कहा गया। कहा कि इसके लिए 13.13 लाख रुपये जमा करने होंगे। फिर 21 मई को मैंने अपने बैंक खाता से 13.13 लाख रुपये जमा करवा दिए, जिसके बाद मेरी एप से ट्रेडिंग के करीब 26 लाख 99 हजार रुपये दिखाई देने लगे, उसके बाद जब मैंने अपने रुपये निकालने की कोशिश की तो मेरे रुपये नहीं निकले। जब कारण पूछा तो बताया गया कि चुनाव के कारण आइपीओ बंद है। जैसे ही चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होती है तो आइपीओ खुल जाएंगे। फिर बातचीत होती रही। उसके बाद जब चुनाव समाप्त हुए तो मैंने एप से रुपये निकालने चाहे तो नहीं निकले पाए, जब मैंने उनसे बातचीत की तो उन्होंने मुझे सारी अमाउंट पर टैक्स जमा करने के बाद रुपये निकलने के बारे कहा और टैक्स के रूप में आठ लाख रुपये करवाने को कहा। फिर छह जून को पैसे जमा करवा दिए। इसके बाद भी पैसे नहीं निकले। आरोपितों ने बातों में फंसाकर कुल 25 लाख 18 हजार रुपये की ठगी कर ली।
केस-9 : 1,42663 रुपये की ठगी : डोनेशन के नाम पैसे उड़ाए
धोबी मोहल्ला निवासी मलिक ने साइबर क्राइम थाना पुलिस 22 जून को दी शिकायत में बताया कि आनलाइन धोखाधड़ी व स्कैम हुआ है। वह एक प्राइवेट फर्म में अकाउंटेंट की नौकरी करता है। मेरी जानकारी फेसबुक से माध्यम से डा. अंजली गौतम से वर्ष 2022 में हुई थी। उन्होंने अपने-आप को डाक्टर बताया और नूहं में सरकार अस्पताल में नौकरी पर करती है। आरोपित महिला डाक्टर ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर छोटे-छोटे कैंप लगाती है और उन कैंप के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद कर मुफ्त में दवाई व उपचार करते है। यह बात जानकार कभी-कभी मैंने 51, 101, 251 व 500 रुपये डोनेशन देने शुरू कर दी दिए। फिर आरोपित महिला डाक्टर ने डोनेशन के लिए बोला तो मैंने वित्तीय हालत ठीक नहीं होने के कारण मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने मुझे मेडिकल लाइन में काम करने का आफर दिया। कहा कि अस्पताल में इंजेक्शन सप्लाई किए जाते है और आप उसमें पैसे लगाओ और जैसे मरीज अस्पताल से छुट्टी होंगे मुनाफा आपके खाते में आ जाएगा। फिर उन्होंने कहा कि मेरा ट्रांसफर पीजीआई चंडीगढ़ हो गया। फिर इसके बाद वह बातों में आकर निवेश करना शुरू कर दिया। इस तरह कुल एक लाख 42 हजार 663 रुपये अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर आरोपित के खाते में भेज दिए। इसके बाद पैसे वापस नहीं आए। बैंक से लोन लेकर व क्रेडिट कार्ड से पैसे निकलवाकर आरोपित को भेजे हैं। अब हालत काफी खराब हो चुकी है। वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह बरतें सावधानी
- -इंटरनेट पर व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने से पहले सावधान रहें।
- -किसी अजनबी को अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी न भेजे।
- -अपने ऑनलाइन खातों के लिए सुरक्षित पासवर्ड्स का उपयोग करें।
- -विशेष रूप से सावधान रहें ऑनलाइन व्यापार और लेन-देन में ।
- -केवल प्रमाणित वेबसाइट्स से ही खरीदारी करें और सुनिश्चित करें कि लेन-देन सुरक्षित है।
- -ऑनलाइन लिंक या फोन आने पर किसी के झांसे में न आए।
- -अपने बैंक आकाउंट, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की जानकारी किसी से भी साझा न करें।
- -किसी को ओटीपी आदि न बताएं।
- -कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने से पहले एक बार जांच लें।
- -साइबर सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें
- -कंप्यूटर और डिवाइसेज के लिए एंटीवायरस और मैलवेयर रिमूवल उपकरण का उपयोग करें।
- -फिशिंग से बचें] किसी भी संदिग्ध ईमेल, संदेश, या वेबसाइट पर क्लिक न करें।
- -सोशल मीडिया पर सतर्क रहें] सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें
- -फेसबुक, इंस्टा और व्हाट्सएप पर अजनबियों से आते हुए अनजाने संपर्कों से सावधान रहें।
- -अपने वित्तीय खातों और लेन-देन का नियमित अवलोकन करें।
- -शिकायत करें: यदि आपको संदिग्ध गतिविधि का सामना होता है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सुरक्षा एजेंसी को सूचित करें।
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