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- -नीट पेपरलीक के बाद गठित की गई उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश के आधार पर लिया गया निर्णय
- -आईआईटी व अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाली जेईई की प्रवेश परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड ही होगी
Test : नई दिल्ली। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी नीट (यूजी) पेपरलीक मामले पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ.के.राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित की गई उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर अब केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के पुनर्गठन की कवायद शुरू कर दी है। साथ ही यह भी तय किया है कि एनटीए अब केवल देश में उच्च शिक्षण संस्थानों जैसे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाएं ही आयोजित करेगी। इसके अलावा उसके द्वारा विभिन्न विभागीय पदों में भर्ती के लिए किसी परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा। वहीं, अगले साल-2025 की शुरुआत (जनवरी से जुलाई के बीच होगा) में आईआईटी व अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाली जेईई की प्रवेश परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड ही होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
नीट-2025 के पैटर्न पर जल्द होगा फैसला
उन्होंने कहा कि 2025 में कराई जाने वाली नीट प्रवेश परीक्षा के पैटर्न को लेकर जल्द फैसला लिया जाएगा। इसमें यह तय किया जाएगा कि यह महत्वपूर्ण परीक्षा पेन व पेपर मोड में होगी या कंप्यूटर आधारित होगी। यहां बता दें अभी तक नीट प्रवेश परीक्षा पेन-पेपर मोड में ही होती है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मामले पर केंद्रीय शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे हैं। इसके दो दौर हो चुके हैं। जो भी स्वास्थ्य मंत्रालय ठीक लगेगा, शिक्षा मंत्रालय उसका क्रियान्वयन करेगा। नीट के विषय में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को ही परीक्षा से जुड़ा प्रशासनिक अधिकार है। शिक्षा मंत्रालय केवल सेवा प्रदाता है। लेकिन हमारी कोशिश इस परीक्षा को शून्य त्रुटि (जीरो एरर) के साथ कराने की है।
शिक्षा सुधार पर मिली 101 सिफारिशें
प्रधान ने बताया कि पेपरलीक मामले पर जून-2024 में गठित की गई उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है। इसे मंत्रालय ने कार्रवाई-कदमों के अनुमोदन के साथ सर्वोच्च न्यायालय को सौंप दिया है। समिति ने एनटीए समेत देश में शिक्षा सुधार के लिए कुल 101 सिफारिशें (लघु, मध्यम और दीर्घावधि) दी हैं। इनके क्रियान्वयन के लिए माय गॉव पोर्टल पर 37 हजार सुझाव मिले हैं। पुलिस व अन्य संबंधित जरूरी समूहों के साथ हमारी 30 बैठकें हुई हैं। सभी के पक्ष को गंभीरता के साथ सुना गया है। समिति ने एनटीए के पुनर्गठन का सुझाव भी दिया है। प्रक्रिया शुरू हो गई है। नए पदों के साथ नए अधिकारी आ रहे हैं।
2025 में इन परीक्षाओं में बैठेंगे 50 लाख छात्र
उन्होंने बताया कि अगले साल 2025 में एनटीए देश के कुल करीब 50 लाख छात्रों की अलग-अलग विषयों से जुड़ी हुई प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करेगी। इसमें 12 से 15 लाख छात्र जेईई की परीक्षा देंगे। नीट की परीक्षा में 23 लाख, नेट- जेआरएफ और नेट सीएसआईआर में 15 लाख छात्र परीक्षा देंगे। इन सभी परीक्षाओं के बेहतर संचालन की निरागनी के लिए तीन सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त स्टीयरिंग समिति भी गठित की गई है और इसकी अध्यक्षता की जिम्मेदारी भी डॉ.राधाकृष्णन को सौंपी गई है। सरकार भविष्य में कंप्यूटर बेस्ड और प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हुए प्रवेश परीक्षाएं कराना चाहती हैं।
सरकारी संस्थानों, केवी, एनवी में बनेंगे परीक्षा केंद्र
प्रवेश परीक्षा कराने के लिए देश के प्रत्येक जिले में चयनित सरकारी परिसर, नवोदय, केंद्रीय विद्यालय, अन्य संस्थानों या किसी परोपकारी संस्थान के परिसर का प्रयोग किया जाएगा। इसे लेकर कार्य शुरू हो चुका है। जेईई जैसी प्रवेश परीक्षा के लिए कुल करीब 400 केद्रों की आवश्यकता है। जबकि नीट के मामले में यह आंकड़ा 1 हजार हो सकता है। दूसरी ओर इन केंद्रों को पुख्ता करने के लिए स्थानीय प्रशासन, पुलिस और जिलाधीश से विचार-विमर्श किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने परीक्षा से पहले और उसके बाद छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, कोचिंग सेंटरों के मामले पर भी ध्यान देने के लिए कहा है। दोनों पर मंत्रालय ध्यान केंद्रित कर रहा है। हमारा मत है कि 9 से 10 और 11 से 12वीं में ऐसी स्कूली शिक्षा व्यवस्था बनाई जाए कि जिससे छात्र को प्रवेश परीक्षाओं के लिए अलग से कोचिंग लेने की आवश्यकता न पड़े। मौजूदा व्यवस्था में हमारी कोशिश ये है कि बाजार की शक्तियां कोचिंग सेंटरों का गलत इस्तेमाल न करें। इससे जुड़े सामाजिक-आर्थिक पहलू पर हमारा ध्यान है।
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