Zakir Hussain
- मशहूर तबला वादक ने सोमवार सुबह ली अंतिम सांस
- तो उस्ताद जाकिर हुसैन निभाते मुगल ए-आजम में युवा सलीम का किरदार
- पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित
Zakir Hussain : नई दिल्ली। देश के मशहूर फनकार तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन नहीं रहे। पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जाकिर हुसैन ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में सोमवार सुबह अंतिम सांस ली। 73 वर्षीय उस्ताद जाकिर को रक्तचाप की समस्या के चलते अमेरिका के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। तकरीबन 62 साल तक उन्होंने तबले के साथ जुगलबंदी की। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वो बचपन में क्रिकेटर बनना चाहते थे। वहीं उनके अब्बा उस्ताद अल्ला रक्खा कुरैशी साहब हमेशा से चाहते थे कि वो तबला वादक बनें पर वो बेटे काे क्रिकेट खेलने से मना नहीं करते थे। हालांकि, एक बार क्रिकेट खेलते हुए जाकिर की अंगुली टूट गई। इसके बाद अब्बा ने उन्हें क्रिकेट खेलने से सख्त मना कर दिया। उन्होंने बताया कि मेरे पिता और मशहूर फिल्म निर्देश्क के.आसिफ बहुत अच्छे दोस्त थे। बचपन में पिता के मित्र शौकत मुझे फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ के सेट पर ले गए थे।
मोहन स्टूडियो में शीश महल लगा था
मोहन स्टूडियो में शीश महल लगा हुआ था और ‘प्यार किया तो डरना क्या..’ गाने कि शूटिंग चल रही थी। सेट पर शौकत जी ने मेरी मुलाकात एक्टर दिलीप कुमार साहब से करवाई। उन्होंने मेरे सिर पर हाथ रखा और फिर डायरेक्टर के.आसिफ को देखकर बोले ठीक है। मतलब यह था कि उन्होंने मुझे फिल्म में युवा सलीम के रोल के लिए फाइनल कर लिया था। हालांकि, बाद में आसिफ साहब ने जब मेरे पिता से बात कि तो अब्बा नाराज हा गए। वो अपने दोस्त से लड़ पड़े। उन्होंने कहा कि जाकिर को तबला बजाना है। हमें इसे एक्टर वगैराह नहीं बनाना है। तो वहीं से मेरी फिल्म बनने से पहले ही एडिट हो गई। हालांकि, आगे जाकर हुसैन ने ‘हीट एंड डस्ट’, ‘द परफेक्ट मर्डर’, ‘साज’, ‘मंटो’ और ‘मंकी मैन’ समेत कई फिल्मों में काम किया। वहीं ‘साज’, ‘इन कस्टडी’, ‘लिटिल बुद्धा’ और ‘मिस्टर एंड मिसेज अय्यर’ जैसी कई फिल्मों में संगीत भी दिया।
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