Hissar
- बच्चे, बुजुर्ग और बीमारियों से पीड़तों को हो रही दिक्कतें
- हिसार का एक्यूआई एक बार फिर 300 के पार
Hissar : हिसार। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को एक बार फिर 300 के पार चला गया। मंगलवार की अलसुबह एक्यूआई 290 के आसपास चल रहा था, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही एक्यूआई का लेवल पर बढ़ता चला गया और सुबह 11 बजे 300 पर पहुंच गया और उसके बाद लगातार बढ़ता रहा। दोपहर बाद तो एक्यूआई अधिकतम 484 के स्तर पर भी चला गया था, लेकिन औसत 324 रहा। एक्यूआई हवा की गुणवत्ता मापने का एक पैमाना है जो 200 तक सामान्य माना जाता है। इससे ऊपर खराब होता है। हवा में बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत, नाक बहना, आंखों में जलन और खांसी के मामले बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से शहर का एक्यूआई का स्तर बेहद खराब श्रेणी में चल रहा है। हालांकि शाम का एक्यूआई 304 पर पहुंच गया, लेकिन लोगों को दमघोटू वातावरण से राहत नहीं मिली।
धुंध रही कम, एक्यूआई रहा ज्यादा
धूल कणों के साथ छा रही धुंध रूपी स्मॉग ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ाई हुई है। सुबह के समय स्मॉग छाए रहने से वाहन चालकों को आवागमन में दिक्कतें हो रही है। इसके अलावा सुबह के समय स्कूली विद्यार्थियों को स्मॉग से ज्यादा परेशानी उठाने पड़ रही हैं। मंगलवार को अन्य दिनों की तुलना में सुबह के समय कम धुंध दिखाई दी, लेकिन एक्यूआई के बढ़े हुए लेवल के कारण लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई।
हिसार से ठंडा बालसमंद
देश के पहाड़ी इलाकों में चल रही बर्फबारी के चलते प्रदेश के मैदानी एरिया में एकदम से ठंड बढ़ गई है। प्रदेश में हिसार जिले का गांव बालसमंद सबसे ठंडा रहा। बाससमंद का रात्रि पारा 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बालसमंद के बाद हिसार शहर 9 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा रहा।
स्मॉग की स्थिति में कमी आने की उम्मीद
हकृवि कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार प्रदेश में मौसम आमतौर पर 21 नवंबर तक खुश्क रहने की संभावना है। राज्य में फिर से उत्तरी व उत्तर पश्चिमी हवाएं हल्की गति से चलने की संभावना से स्मॉग की स्थिति में कमी आने तथा रात्रि तापमान में गिरावट आई है, परंतु 22 नवंबर रात्रि से एक और पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव से मौसम में बदलाव की संभावना है।
वायु प्रदूषण व उनके मानक इस प्रकार
-पी.एम. 2.5 : वातावरण में शामिल 2.5 एम.जी.सी.एम. यानी माइक्रोग्राम, घनीमीटर से छोटे धूल कण।
-कारण- पराली, निर्माण कार्य व धूल कणों का हवा से मिलना।
-पी.एम.10 : वातावरण में मौजूद 10 एम.जी.सी.एम. के छोटे धूल कण।
-कारण- घटती हरियाली, टायरों, प्लास्टिक आदि का प्रदूषण।
-एन.ओ. 2: यह नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड है जो धुएं का हिस्सा है।
-कारण- यह सर्दी, जुकाम, एलर्जी जैसी बीमारियों के कारण बढ़ता है।
एक्यूआई का ग्राफ
-एक्यूआई- 0-50- इस स्तर पर वायु की गुणवत्ता अच्छी होती है और सभी के लिए सुरक्षित होती है। इस स्तर पर प्रदूषण का कोई स्वास्थ्य पर प्रभाव नहीं पड़ता है, इस वातावरण में आप किसी चिंता के बिना रह सकते हैं।
-एक्यूआई – 51-100- इस स्तर पर वायु गुणवत्ता सामान्य होती है, लेकिन यह कुछ संवेदनशील लोगों जैसे की बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी से पीड़ित लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकती है। इनके हल्के स्वास्थ्य प्रभाव जैसे कि हलकी खांसी या सांस में तकलीफ महसूस हो सकती है।
-एक्यूआई – 101-150- इस स्तर पर वायु गुणवत्ता सभी के लिए अस्वस्थ्य नहीं हैं लेकिन यह संवेदनशील लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है। खासकर जिन्हें सांस, अस्थमा और दिल का रोग है, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
-एक्यूआई – 151-200-इस स्तर पर वायु गुणवत्ता सभी के लिए अनहेल्दी है। अगर कोई इस वायु में लंबे वक्त तक रहना है तो उनकी सेहत खराब हो सकती है। इससे खांसी, सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
-एक्यूआई – 201-300- इस स्तर पर वायु गुणवत्ता बहुत अनहेल्दी होती है और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। इस समय बाहर निकलने से बचना चाहिए। खासकर जिन्हें सांस की दिक्कत है। इस हवा में रहने से ब्रोंकाइटिस, अस्थमा के शिकार हो सकते हैं।
-एक्यूआई – 300 प्लस- इस गुणवत्ता का वायु बेहद खतरनाक होती है और यह सभी के लिए जीवन घातक हो सकती है। इस स्तर पर प्रदूषण के कारण गंभीर श्वसन समस्याएं, दिल की समस्याएं और अन्य दीर्घकालिक बीमारियां हो सकती है। इस प्रकार के वायु में रहना व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने के कगार पर ला सकता है।
-एक्यूआई 400 या 500 होना बेहद खतरनाक हो सकता है। इस हवा में सांस लेना जैसे आप एक दिन में 15 से 20 सिगरेट पी रहे हैं। 1000 एक्यूआई का मतलब आप एक दिन में 50 सिगरेट पी रहे हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना गंभीर साबित हो सकता है।
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