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Haryana : अब विस अध्यक्ष की कुर्सी पर नजरें

हरियाणा विधानसभा।हरियाणा विधानसभा।

Haryana

  • -प्रोटेम स्पीकर के लिए कईं नामों पर चर्चा का दौर शुरू
  • विधानसभा का सत्र दिपावली के बाद ही बुलाया जाएगा

Haryana : चंडीगढ़। आखिरकार हरियाणा की नायब सैनी सरकार में मंत्रीमंडल का गठन भी हो चुका है। मंत्री पद को लेकर नियुक्तियों के बाद अभी एक अहम कुर्सी बची है, वो हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष की, जिस पर भाजपा के सियासी दिग्गजों की नजरें टिकी हुई हैं। अध्यक्ष पद की कुर्सी पर ताजपोशी और विभागों का बंटवारा अभी बाकी है, सीएम दिल्ली में विभागों के बंटवारे को लेकर हाईकमान की मुहर लगवाने गए हैं। कुल मिलाकर अब हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष पद पर नियुक्ति होनी बाकी है। हरियाणा विधानसभा का सत्र वैसे, तो दिपावली के बाद ही बुलाया जाएगा, इस बात के संकेत खुद सीएम ने एक दिन पह ले मंत्रिमंडल की बैठक के बाद में दिए था। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उनकी कैबिनेट सबसे पहले एक दिन का सत्र बुलाकर विधायकों को शपथ आदि की औपचारिकता पूर्ण कराने की तैयारी में हैं। लेकिन जिस दिन भी एक दिवसीय सत्र रखा जाएगा, क्योंकि उसी दिन सदन की कार्यवाही चलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर का चयन होगा और प्रोटेम स्पीकर ही सभी विधायकों को शपथ दिलाने का काम होगा।

कादियान और अशोक अरोड़ा के नाम सबसे ऊपर

सूत्र बताते हैं कि विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायकों का नाम प्रोटेम स्पीकर के पद के लिए लिया जा रहा है। इन नामों में रघुबीर कादियान कांग्रेस और अशोक अरोड़ा दोनों नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। दोनों विधायक पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

स्थायी स्पीकर के लिए हरविंद्र कल्याण और कुछ अन्य नाम

घरौंडा विधायक हरविंद्र कल्याण का नाम इस बार सबसे ज्यादा लिया जा रहा है। हालांकि उनके अलावा दूसरा नाम मूलचंद शर्मा का लिया जा रहा है, क्योंकि वे लगातार तीसरी बार जीतकर आए हैं, साथ ही मंत्रीमंडल में स्थान नहीं मिल सका है। मूलचंद शर्मा मनोहर सरकार पार्ट वन और टू दोनों में मंत्री पद पर रह चुके हैं। इसी क्रम में जींद से कृष्ण मिढ़ा का नाम भी इस क्रम में लिया जा रहा है, लगातार विधायक बनकर जीतकर आ रहे मिढ़ा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों ही पदों के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसे में प्रोटेम स्पीकर की ओर से सभी विधायकों को शपथ दिलाने के बाद स्पीकर का चयन किया जाएगा। अलावा चर्चा यह भी है कि भाजपा की ओर से घनश्याम दास को चीफ व्हीप भी बनाने के बारे में चर्चा की जा रही है।

सचिवालय में लौटी रौनक

नायब सैनी सरकार और मंत्रीमंडल द्वारा कार्यभार संभालने के साथ ही अब कईं माह के बाद हरियाणा सचिवालय की रौनक भी लौटने लगी है। कुल मिलाकर आंचार संहिता पहले लोकसभा और बाद में विस की प्रक्रिया के कारण कईं माह तक सचिवालय सूना सूना रहा था। वैसे, कैबिनेट में शामिल 13 मंत्रियों को जल्द विभागों का आवंटन करने की तैयारी है। इसके लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी भी खुद दिल्ली में हाई कमान के नेताओं के साथ मंत्रणा कर विभागों के बंटवारे की तैयारी कर चुके हैं।। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सभी मंत्रियों को उनके विभाग दे दिए जाएंगे। सबसे अधिक निगाहे स्वास्थ्य और गृह जैसे महत्वपूर्ण विभाग पर है, जो कि पिछली सरकार के समय अनिल विज संभाल रहे थे। मंत्रियों को उनके विभागों का आवंटन होने की चर्चा के चलते हरियाणा सचिवालय की चौथी, पांचवी और छठी मंजिल पर कर्मचारियों और स्टाफ की चहल कदमी भी बढ़ चुकी है। चुनाव के दौरान शांत नजर आने वाले सचिवालय में एक बार फिर से रौनक बनी हुई है।

विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद को लेकर लॉबिंग

विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए करनाल घरौंडा से विधायक हरविंद्र कल्याण का नाम सबसे आगे है। उपाध्यक्ष के लिए यमुनानगर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा प्रबल दावेदार हैं।

मूलचंद शर्मा ने भी शुरू की लॉबिंग

हरियाणा में 14वीं विधानसभा में अध्यक्ष रहे ज्ञानचंद गुप्ता पंचकूला से चुनाव हार चुके हैं।उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा नायब मंत्रिमंडल में शामिल हो चुके हैं। मंत्री रहे मूलचंद शर्मा इस बार नायब मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाए हैं। स्पीकर के बाद करनाल जिले की दावेदारी बन रही है, जिले से किसी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया है। कांग्रेस के सातवीं बार विधायक बने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रघुबीर कादियान को प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। डॉ. कादियान 15वीं विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक हैं।

रामकुमार गौतम के हाथ फिर से खाली

भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार में जजपा कोटे से मंत्रीपद के लिए हाथ पैर मारने वाले रामकुमार गौतम के हाथ एक बार फिर से खाली हैं। मंत्रीपद से चूक गौतम और उनका बेटा इस बात से बेहद ही निराश दिखाई दे रहे हैं। पिछली विधानसभा में नारनौंद से जजपा विधायक रहे रामकुमार गौतम विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पाला बदलते हुए भाजपा में शामिल हो गए थे। गौतम की निगाह मंत्रीपद पर थी, लेकिन इस बार भी मायूसी हाथ लगी। कैबिनेट मंत्री रहे मूलचंद शर्मा पर इस बार फरीदाबाद से विधायक विपुल गाेयल भारी पड़ गए, जिन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया है। मंत्रीपद की दौड़ में जींद विधायक कृष्ण मिढा और हांसी के विधायक विनोद भ्याना के भी हाथ खाली रह गए। इसके अलावा सोहना के विधायक तेजपाल तंवर, समालखा के विधायक मनमोहन भड़ाना, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी, रेवाड़ी के विधायक लक्ष्मण यादव, दादरी विधायक सुनील सांगवान, करनाल विधायक जगमोहन आनंद और हिसार की निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल के नाम मंत्रियों की दौड़ में शामिल थे, लेकिन सभी के सभी पिछड़ते हुए नजर आ रहे हैं। कुल मिलाकर मंत्री पदों को भर दिए जाने और विभाग वितरण के बाद में अब चूक चुके विधायकों की नजरें विभिन्न विभागों की चेयरमैनी और बाकी बचे हुए पदों पर रहेगी।

https://vartahr.com/haryana-now-eyes…e-vice-president/

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