Navratri Special
- -यहां 54 वर्षों से जल रही माता की अखंड ज्योत
- -विदेशों तक के भक्त यहां आकर करवाते हैं हवन
- 25 करोड़ लागत से चांदी एवं सोने की नक्काशी
- नलखेड़ा का मां बगलामुखी मंदिर
Navratri Special : नलखेड़ा। मध्यप्रदेश के आगर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूरी पर नलखेड़ा नगर में पीतांबरा सिद्ध पीठ मां बगलामुखी का पांडव कालीन यह मंदिर है जहां पर इस शारदीय नवरात्रि के दौरान आने वाले भक्तों को माता के अलग ही अलौकिक स्वरूप में दर्शन होंगे। जन सहयोग से मंदिर में 25 करोड़ लागत से चांदी एवं सोने का नक्काशी युक्त कार्य करवाया जा रहा हैं। माता रानी के आभामंडल एवं आसपास की दीवारों पर प्रथम चरण में कार्य पूर्ण भी हो चुका है। स्वर्ण व चांदी की नक्काशी का कार्य पूर्ण होने पर मां का
दरबार एक नई आभा के साथ जगमगा रहा है।
तंत्र साधना के लिए आदर्श स्थान
मां के दरबार में स्थित गर्भगृह में विगत 54 वर्षों से अखंड ज्योत जल रही है, जो की शुद्ध घी से जलाई जाती है। नलखेड़ा का यहां मंदिर तंत्र साधना के लिए भी आदर्श स्थान माना जाता है, कई तांत्रिकों द्वारा यहां पर अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियों से हवन – अनुष्ठान भी किए जाते हैं।
महाभारतकालीन मूर्ति
शारदीय नवरात्रि पर्व के दौरान इस मंदिर पर देश के कई स्थानों के साथ ही विदेशों से भी माता भक्त लाखों की संख्या में पहुंचते हैं जो अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु विशेष हवन – अनुष्ठान यहां पर करते हैं। मां बगलामुखी की मूर्ति महाभारत कालीन है जो कि भीम पुत्र बर्बरीक द्वारा स्थापित की गई थी। यहां पांडवों ने भगवान कृष्ण के कहने पर मां की आराधना कर विजयश्री का वरदान प्राप्त किया था। मां बगलामुखी का वर्णन कालीपुराण में मिलता है।
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