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HIPA : नेपाल में अभिनय के रंग जमा कर लौटे हिपा के नाट्यकर्मी

HIPA

  • – नेपाल के पोखरा में तीन एकल नाटकों की प्रस्तुति दी
  • -तीनों ही नाटकों का निर्देशन विश्वदीपक त्रिखा द्वारा किया गया
  • -नाट्य प्रस्तुति के अलावा कलाकारों ने भारत और हरियाणा की संस्कृति का नेपाल के कलाकारों के साथ आदान प्रदान किया

रोहतक। इंडो-नेपाल एकल नाट्य समारोह नेपाल में भाग लेकर  हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (HIPA) रोहतक के कलाकार आज वापिस लौट आए हैं। इन कलाकारों ने नेपाल के पोखरा में तीन एकल नाटकों की प्रस्तुति दी। तीनों ही नाटकों का निर्देशन विश्वदीपक त्रिखा द्वारा किया गया। नाट्य प्रस्तुति के अलावा कलाकारों ने भारत और हरियाणा की संस्कृति का नेपाल के कलाकारों के साथ आदान प्रदान किया। गौरतलब है कि पोखरा थिएटर के अध्यक्ष परिवर्तन एवं कोऑर्डिनेटर राज न्यूपाने के विशेष अनुरोध पर HIPA के कलाकारों को पूर्व गृह राज्यमंत्री सुभाष बत्रा ने 19 जून को अपना आशीर्वाद दे कर रोहतक से रवाना किया था। HIPA के कलाकार ललित खन्ना ने 21 तारीख को पोखरा थियेटर हाल में निर्मल वर्मा द्वारा लिखे नाटक डेढ़ इंच ऊपर का मंचन किया। खचाखच भरे सभागार में संगीत नाटक अकादमी पोखरा के पूर्व कुलपति सारुभागता श्रेष्ठा मुख्य अतिथि तथा पोखरा के एसएसपी माओत्से गुरुंग विशेष अतिथि के रूप में पधारे। नाटक को दर्शकों ने बेहद पसंद किया।

दयाशंकर की डायरी का मंचन

22 तारीख को पूर्वाह्न 12 बजे डॉ. सुरेंद्र शर्मा ने नादिरा जाहिर बब्बर द्वारा लिखित नाटक दयाशंकर की डायरी का मंचन किया। नाटक का कथ्य एक छोटे शहर के महत्वाकांक्षी युवा से संबंधित है जो कि हीरो बनने के चक्कर में मुंबई भाग जाता है लेकिन भाग्य उसका साथ नहीं देता और वहां एक क्लर्क बन जाता है। मुंबई में एक एक कर उसके सारे सपने टूट जाते हैं और अंततः थक हार कर वह वापिस अपने घर आ जाता है। नाटक संध्या में गंडकी प्रज्ञा प्रतिष्ठान के पदासीन कुलपति सूर्य बहादुर खड़का मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। नाटक की विशेषता यह रही कि लाइट चले जाने के बावजूद भी दर्शक बैठे रहे और दर्शकों ने बाकी का नाटक मोबाइल की रोशनी में देखा।

तीसरे नाटक किस्सागोई 3 का मंचन

22 तारीख को ही अपराह्न 5 बजे संस्था के तीसरे नाटक किस्सागोई 3 का मंचन हिपा के अध्यक्ष विश्व दीपक त्रिखा ने किया। एकल नाटक और किस्सागोई में एक बड़ा ही महीन सा फर्क होता है। एकल नाटक में जहां पूरी कहानी चलती है, वहीं किस्सागोई या दस्तानगोई में किरदार अलग अलग किस्सों को बड़े ही मनोरंजक तरीके से दर्शकों से सांझा करता है। विश्व दीपक त्रिखा ने अपनी जिंदगी के मनोरंजक किस्सों को दर्शकों को बड़े ही खुशनुमा माहौल में सुनाया जिसे देख-सुन कर दर्शक हंस हंस कर लोटपोट हो गए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली के सनातक और पोखरा के वरिष्ठ रंगकर्मी और फिल्म कलाकार अनूप बरल और उनकी पत्नी एवं वरिष्ठ रंगकर्मी दीया मास्की मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। पोखरा के रंगकर्मी एवं रंगप्रेमी दर्शकों ने अपनी उपस्थिति से नाटक उत्सव के समापन समारोह में चार चांद लगा दिए।

नेपाल के कलाकार आएंगे भारत

तीनों ही नाटकों की संगीत एवं प्रकाश व्यवस्था को जगदीप जुगनू ने संभाला। निर्माण व्यवस्था की जिम्मेवारी कर्नल सिंह ने संभाली। उन्होंने किस्सागोई 3 को को भी अपने संगीत से सजाया। विश्व दीपक त्रिखा ने बताया कि इसी वर्ष दिसंबर में नेपाल के कलाकारों के भारत आने की संभावना है। वे भी यहां अपने तीन नाटकों का मंचन करेंगे और अपने यहां की संस्कृति से दर्शकों को रूबरू करवाएंगे।

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