• Fri. Nov 22nd, 2024

Navy : नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हुआ ‘विक्रांत’

आईएनएस विक्रांत।आईएनएस विक्रांत।

Navy

  • चीन और पाकिस्तान को देगा कड़ी चुनौती
  • देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत
  • समुद्री शक्ति को अप्रत्याशित रूप से बढ़ावा मिला

Navy : नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर जारी चुनौतियों और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में बढ़ते चीन के आक्रामक तेवरों के बीच देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत नौसेना के पश्चिमी जंगी बेड़े में शामिल हो गया है। नौसेना की पश्चिमी कमांड ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी। इसमें बताया कि विक्रांत की तैनाती से भारतीय नौसेना और उसकी ‘स्वार्ड ऑर्म’ के रूप में विख्यात नौसेना की पश्चिमी कमांड की समुद्री शक्ति को अप्रत्याशित रूप से बढ़ावा मिला है।

मोदी ने किया था समर्पित

विक्रांत को वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना के जरिए देश को समर्पित किया था। इसकी तैनाती का करीब डेढ़ वर्ष पूरा होने के बाद इस साल जून में इसे अपने पहले रिफिट के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में भेजा गया था। रिफिट पूरा होने के बाद अब इसे नौसेना में तैनात किया गया है। जानकारों के मुताबिक, मौजूदा चिंताजनक सुरक्षा परिदृश्य के बीच भारत को दो विमानवाहक युद्धपोतों की आवश्यकता थी। ताकि एक के रिफिट के लिए जाने पर दूसरे की मदद से देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा की जा सके। विक्रांत की गैर मौजूदगी में यह मुश्किल नजर आ रहा था। लेकिन अब उसकी तैनाती से हालात पूरी तरह से बदल जाएंगे।

नौसेना के पास दो विमानवाहक युद्धपोत

कमांड ने पोस्ट में बताया कि इस वक्त भारत के युद्धक समूह की अगुवाई आईएनएस विक्रमादित्य विमानवाहक युद्धपोत कर रहा है। अब इसमें विक्रांत भी शामिल हो गया है। इसकी मदद से बहुआयामी अभ्यास और अरब सागर में दो विमानवाहकों युद्धपोतों के जरिए अभियानों के संचालन में आसानी होगी।

43 हजार टन वजनी है विक्रांत

विक्रांत के निर्माण में करीब चार एफिल टावर के बराबर लोहे का इस्तेमाल किया गया है। 13 साल में यह पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ। इसका कुल वजन लगभग 43 हजार टन है। आकार में ये दो फुटबॉल मैदानों से भी बड़ा है। विक्रांत की लंबाई 262 मीटर, चौड़ाई 62 मीटर, ऊंचाई 59 मीटर है। समुद्र में इसकी संचालन क्षमता 7 हजार 500 समुद्री मील और चालक दल के कुल सदस्यों की संख्या (पुरुष और महिला) 1700 है। 15 मंजिल के बराबर इसकी ऊंचाई है और इसमें कुल 2 हजार 300 कक्ष हैं। समुद्र में रणनीतिक तैनाती के दौरान विक्रांत की अधिकतम गति 28 नॉट्स और क्रूसिंग स्पीड 18 नॉट्स है। इसके डेक पर अलग-अलग प्रकार के कुल 30 विमान तैनात होंगे। इसमें लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, मिसाइल, और अन्य निगरानी उपकरण शामिल हैं।

अमेरिका के पास सबसे ज्यादा विमानवाहक युद्धपोत

दुनिया में अमेरिका के पास सबसे ज्यादा 11 परमाणु संचालित विमानवाहक युद्धपोत हैं। इनमें यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड मुख्य है। इसके बाद दूसरे स्थान पर चीन है। जिसके पास दो विमानवाहक युद्धपोत हैं और तीसरे ‘फुजियान’ नामक विमानवाहक युद्धपोत का परीक्षण चल रहा है। जल्द ही चीनी नौसेना में उसकी तैनाती हो सकती है। ड्रैगन चौथे विमानवाहक युद्धपोत का निर्माण भी कर रहा है। इटली, जापान, ब्रिटेन के पास दो विमानवाहक युद्धपोत हैं। वहीं रूस, फ्रांस के पास एक विमानवाहक युद्धपोत है। पाकिस्तान के पास एक भी विमानवाहक युद्धपोत नहीं है।

https://vartahr.com/navy-vikrant-joins-navys-war-fleet/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *