Haryana
- पहले सीएमओ में जमे रहे कईं चेहरे विस में जाने के इच्छुक
- टीम मनोहरलाल सदस्य अब टिकटों वाली लाइन में लगे
- संघ औऱ पुराने भाजपाइयों को नहीं रास आ रहें नए चेहरे
- टीम मनो के कृष्ण बेदी, भूपेश्वर दयाल, तरुण भंडारी, प्रवीण आत्रेय, अभिमन्यु यादव और जवाहर यादव सहित कईं चेहरे टिकट की लाइन में
Haryana : चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के कृपा पात्र और दूसरी पार्टियों से आकर कमल का फूल थामने वाले इन दिनों टिकटों की लाइन में लगे हुए हैं। पुराने भाजपाइयों और संघ के दिग्गजों को इनकी रफ्तार रास नहीं आ रही, इसलिए यह चेहरे चर्चा का विषय बने हुए हैं। टीम मनोहरलाल और अभी भी सीएमओ में जमे कईं लोग टिकट मांगने वालों की लाइन में लगे हुए हैं, इतना ही नहीं कईं लोग दिल्ली गणेश परिक्रमा में लगे हुए हैं, जिन्होंने भाजपा के पुराने दिग्गजों की नींद हराम की हुई है।
पूर्व में सीएम हरियाणा मनोहर टीम के खास सदस्य रहे और इनेलो से भाजपा में आने वाले व अब नायब सैनी टीम में शामिल हो चुके पंचकूला के रहने वाले तरुण भंडारी पंचकूला से भाजपा का टिकट मांग रहे हैं। एक दौर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तंवर के साथी रहे भंडारी ज्ञानचंद गुप्ता को चुनौती देने में लगे हुए हैं, इन दिनों वे सीएम नायब सैनी के प्रचार सलाहकार बने हुए हैं। मनोहरलाल खट्टर के वक्त में भंडारी अचानक ही करीब आए और भाजपाइयों को पीछे धकेलते चले गए । इसी तरह से सीएम के पूर्व मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय पिहोवा कुरुक्षेत्र से टिकट की लाइन में हैं। हालांकि 16 अगस्त को चुनावों की घोषणा के साथ ही इन पदाधिकारियों के इस्तीफे हो चुके हैं। आत्रेय भी इनेलो से यहां पर आए और इसी तरह इनेलो से एक अन्य चेहरा राजीव जेटली भी खट्टर के वक्त में अचानक ही करीबी हो गए और इनेलो से आकर यहां राष्ट्रीय प्रवक्ता हो गए इन दिनों बडखल से टिकट मांगने लगे हैं। भरोसेमंद उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि टीम मनोहरलाल खट्टर में शामिल हुए इन चेहरों को लेकर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी अच्छे खासे नाराज हैं और मामला ऊपर तक पहुंचा हुआ है।
सीएमओ के कई चेहरे सियासी दौड़ में
सीएमओ में रहे कुछ अन्य चेहरे अब सियासी पारी खेलना चाहते हैं क्योंकि सत्ता का सुख तो वे पहले ही मुख्यमंत्री आफिस में पहुंचकर ले चुके हैं।खास बात यह है दो केंद्रीय मंत्रियों कृष्ण पाल गुर्जर और राव इंद्रजीत के स्टाफ के लोग भी चुनाव लडने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं, इसके लिए उनके सियासी आका पैरवी भी कर रहे हैं।
बादशाहपुर से टिकट मांग रहे जवाहर
-मुख्यमंत्री मनोहरलाल पार्ट वन और टू में करीबी रहे जवाहर यादव टिकट मांगने वालों की लाइन में सबसे आगे हैं, मनोहरलाल उनकी पैरवी भी कर रहे हैं। जवाहर दो बार ओएसडी सीएम भी रह चुके हैं। खट्टर से जनदीकी रहे यादव बादशाहपुर से टिकट की मांग कर रहे हैं, यहां से पूर्व मंत्री और कदावर नेता राव नरबीर सिंह मजबूत दावेदार हैं। वर्ष 2019 में राव नरबीर सिंह कैबिनेट में मंत्री थे औऱ उसके बावजूद उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। जहां से मनीष यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया था, लेकिन निर्दलीय राकेश दौलताबाद से चुनाव हार गए थे। नरबीर सिंह का नाम चर्चाओं में एक बार फिर चल रहा है। वे अपनी टीम के साथ में दिल्ली में जुटे हुए हैं।
अभिमन्य कोसली से मांग रहे टिकट
टीम मनोहर के अन्य सदस्य व पीए खट्ट्रर अभिमन्यु यादव जो जवाहर यादव के रिश्तेदार भी हैं। यह भी पार्ट वन और टू में मनोहरलाल टीम का हिस्सा सीएमओ में रहे, अब टिकट के दावेदार हैं। कोसली से चुनाव जीतकर विस पहुंचने की इच्छा रखते हैं। अभिमन्यु को मनोहरलाल खट्टर के जाने के बाद भी टीम नायब सैनी में शामिल रहे और सैनी ने एक कदम आगे बढाते हुए ओएसडी तक बनाया था। वे राव इंद्रजीत सिंह को चुनौती देने उतरे हैं, उनकी टिकट की पैरवी भी खट्टर कर रहे हैं।अहिरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत सिंह का बेहद प्रभाव है, इसलिए वहां पर अभिमन्यु की राहें आसान नहीं है। राव की बेटी आरती राव का नाम लंबे अर्से से कोसली सीट से चल रहा है, ज्यादा संभावनाएं उनकी बनी हुई हैं। राव का टिकट फाइनल हुआ तो अभिमन्यु का सपना धरा रह जाएगा।
अजय गौड़ फरीदाबाद से लड़ना चाह रहे
सियासी सचिव रह चुके अजय गौड़ फरीदाबाद टिकट के दावेदारों में एक हैं, काफी समय से चुनाव लड़ने वालों की पंक्ति में हैं, लेकिन वहां से मौजूदा विधायक नरेंद्र गुप्ता हैं। खास बात यह है कि फरीदाबाद से पैनल में जहां अजय गौड़ का नाम गया है।
तरुण पंचकूला से चाहते हैं टिकट
वहीं पंचकूला में टीम मनोहर खट्टर तरुण भंडारी का नाम भी गया है।
चुनाव हार जाने के बाद भी टीम मनोहर में तैनात रहे-एक अन्य चेहरा भी है, जो टीम मनोहरलाल खट्टर में पहली और दूसरी सरकार में शामिल रहा है।
कृष्ण बेदी शाहाबाद से दावेदार
पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी शाहाबाद भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, हालांकि उनके सामने पहली बार के चुनाव से ही हालात चुनौतीपूर्ण रहे हैं। 2014 में चुनाव जीतकर आने वाले बेदी को पहली बार जीतकर आने के बाद में राज्यमंत्री बनाया गया था लेकिन 2019 आते आते जजपा के रामकरण काला के हाथों पराजित हो गए।
किरण पाल खटाना सोहना से मांग रहे टिकट
केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के निजी सचिव रह चुके किरण पाल खटाना भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, सोशल मीडिया में काफी खबरें चल रहीं हैं। वे सोहना से चुनाव लड़ने की लाइन में हैं, जहां से भाजपा की नायब सैनी सरकार में संजय सिंह विधायक को राज्यमंत्री बनाया गया है। लेकिन संजय सिंह के टिकट कटने की संभावनाएं ज्यादा हैं। यहां पर पूर्व विधायक तेजपाल तंवर का नाम भी तेजी से चल रहा है, साथ ही सुखबीर जौनपुरिया के नाम पर भी मंथन हुआ है। इस लाइन में राव इंद्रजीत सिंह के निजी सचिव रह चुके रवि यादव भी कोसली में भाग्य आजमाने की इच्छा रखते हैं लेकिन कोसली पर भी दावेदारों की संख्या कम नहीं हैं।
भूपेश्वर को भा रहा सोनीपत
विवादों में फंसे पूर्व ओएसडी भूपेश्वर दयाल भी चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों में हैं। वे भी टीम मनोहरलाल खटटर के सदस्य रहे हैं। कईं बार विवादों औऱ आरोप प्रत्यारोपों के बीच सीएमओ से दूर भी हुए लेकिन बाद में फिर से एंट्री हुई, जो टिकट के चाह्वान हैं, सोनीपत सीट से टिकट चाहते हैं।
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